करनाल के 5 खिलाड़ी खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई:2 अंडर-18, 1 यूनिवर्सिटी गेम्स में चयनित, कोच बोले- अंतरराष्ट्रीय सफलता के लिए तैयार
करनाल के पांच खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें दो खिलाड़ी अंडर-18 वर्ग में, एक खिलाड़ी पैरा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए और दो खिलाड़ी यूथ खेलो इंडिया प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाई है और अब वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं। कोच ने बताया खिलाड़ियों की मेहनत का राज खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के चयन के लिए शुक्रवार से ट्रायल चल रहे हैं। करनाल स्थित खेल अकादमी के कोच मयंक शर्मा ने बताया कि वे अपने खिलाड़ियों को भाला फेंक और दौड़ के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने खेल की शुरुआत नीरज चोपड़ा से की थी और नीरज आज भी उनकी मदद करते हैं। कोच ने बताया कि उनके खिलाड़ियों ने विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीते हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि इस बार उनके पांच खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें अंडर-18 में दो, यूनिवर्सिटी गेम्स में एक और पैरा गेम्स में दो खिलाड़ी शामिल हैं। सोशल मीडिया से ज्यादा खेलों पर ध्यान देने की जरूरत कोच मयंक शर्मा ने आज के युवाओं के मोबाइल और सोशल मीडिया में अधिक व्यस्त रहने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत प्रभावित हो रही है। खेलो इंडिया अभियान बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने और अपने भविष्य को संवारने का एक बेहतरीन मंच प्रदान कर रहा है। इससे उन्हें अच्छे रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे खिलाड़ी खेलो इंडिया के तहत क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ी अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं। कोच ने उम्मीद जताई कि ये खिलाड़ी भारत का नाम रोशन करेंगे। वहीं, खेलो इंडिया के तहत गोल्ड और कांस्य पदक जीत चुके खिलाड़ियों ने कहा कि इस कार्यक्रम ने उनकी प्रतिभा को निखारने का बेहतरीन मौका दिया है। सरकार उन्हें कोचिंग के साथ स्कॉलरशिप भी उपलब्ध करा रही है। खिलाड़ियों ने साझा किया अपना अनुभव और भविष्य की योजनाएं खिलाड़ी धमेंद्र पहले डिस्कस थ्रो खेलते थे, अब जैवलिन थ्रो में कर रहे हैं प्रदर्शन। प्रदेश स्तर पर पांच मेडल जीत चुके हैं-तीन सिल्वर, दो ब्रॉन्ज। नेशनल में एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। अब खेलो इंडिया गेम का लक्ष्य और अगले साल एशियन गेम्स की तैयारी कर रहे हैं। विपुल यादव: पिछले 5-6 साल से जैवलिन थ्रो में सक्रिय। 2018 में छोटे कॉम्पिटिशन से शुरुआत की थी। इस साल ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में टॉप-8 में रहे, उसी के आधार पर खेलो इंडिया में चयन हुआ। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया सरकार की अच्छी पहल है, जिससे नए खिलाड़ियों को बढ़ावा मिल रहा है। उनका सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए मेडल जीतना है। दीपेश चौधरी: राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। 2022 से जैवलिन खेलना शुरू किया। तीन नेशनल मेडल (1 गोल्ड, 2 सिल्वर) और पांच स्टेट मेडल (2 गोल्ड, 3 सिल्वर) जीत चुके हैं। खेलो इंडिया से उन्हें बड़ा मंच मिला है। पिछले साल 78 मीटर जैवलिन थ्रो किया था, अब और बेहतर करने की तैयारी कर रहे हैं। जितेंद्र सेहरावत: पैरा एथलीट, एफ-41 कैटेगरी में जैवलिन थ्रो खेलते हैं। 2020 में जैवलिन शुरू किया, उसी साल से नेशनल गेम्स खेलना शुरू किया। एक नेशनल मेडल जीत चुके हैं और इंटरनेशनल में भी भाग लिया। अब खेलो इंडिया में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगला लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वालिफाई कर भारत के लिए मेडल जीतना है। देश के लिए मेडल जीतने का सपना खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार के इस अभियान से उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने का मौका मिल रहा है। वे अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर रहे हैं और देश के लिए मेडल जीतने का सपना देख रहे हैं। खेलो इंडिया कार्यक्रम न सिर्फ खिलाड़ियों को एक मंच दे रहा है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत बना रहा है।

करनाल के 5 खिलाड़ी खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई
खेलों का क्षेत्र हमेशा से ही भारत में युवा प्रतिभाओं के लिए एक मंच रहा है। हाल ही में, करनाल के 5 खिलाड़ियों ने 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें 2 खिलाड़ी अंडर-18 श्रेणी के हैं, जबकि एक खिलाड़ी विश्वविद्यालय खेलों के लिए चुना गया है। यह उपलब्धि न केवल खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा सम्मान है, बल्कि इस क्षेत्र के विकास को भी दर्शाती है।
खिलाड़ियों का चयन और कोच का बयान
करनाल के खिलाड़ियों का चयन विशेष रूप से उनकी कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण का परिणाम है। कोच ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय सफलता के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।" उनका मानना है कि युवा प्रतिभाओं को सही मार्गदर्शन और अवसर मिलना आवश्यक है, जिससे वे अपनी क्षमता को पूर्ण रूप से विकसित कर सकें।
खेलो इंडिया का महत्व
'खेलो इंडिया' कार्यक्रम खेलों को बढ़ावा देने और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए खेलों में करियर बनाने का एक अवसर है, बल्कि इससे खेल संस्कृति को भी मजबूती मिलती है।
भविष्य की संभावनाएं
अब जब करनाल के ये खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं, उनके अवसर अधिक बढ़ गए हैं। यदि वे अपनी प्रदर्शन को सही दिशा में ले जाते हैं, तो वे भविष्य में अपने क्षेत्र में एक नई मिसाल स्थापित कर सकते हैं।
खेलों में करनाल का नाम बनाए रखने के लिए इन खिलाड़ियों को समर्थन और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। साथी खिलाड़ियों और क्षेत्र के लोगों से मिलकर एक मजबूत नेटवर्क बना कर वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
इन खिलाड़ियों की सफलता से यह साबित होता है कि मेहनत और समर्पण का फल हमेशा मीठा होता है। युवा खिलाड़ियों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, indiatwoday.com पर जाएं। News by indiatwoday.com Keywords: करनाल के खिलाड़ी, खेलो इंडिया 2023, उपर्युक्त खिलाड़ियों का चयन, विश्वविद्यालय खेलों में चयनित खिलाड़ी, अंडर-18 खेल टीम, भारतीय खेल संस्कृति, युवा खिलाड़ियों के लिए अवसर, करनाल खेल समाचार, खेलों में अंतरराष्ट्रीय सफलता.
What's Your Reaction?






