कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में हाईकोर्ट ने मीडियो को चेताया:HC ने कहा-मीडिया संयम बरते, अदालती कार्यवाही की गलत रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने अदालती कार्यवाही की गैर-जिम्मेदाराना व गलत रिपोर्टिंग के बारे में मीडिया को कड़ी चेतावनी दी है। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कोई भी रिपोर्टिंग, जो मामले में कार्यवाही या आदेशों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना के बराबर हो सकती है। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि- केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने अपने आदेश में कहा, "यह न्यायालय उम्मीद करता है कि मीडियाकर्मी इस मामले की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करते समय उचित संयम बरतेंगे। इस संबंध में न्यायालय के आदेशों की गरिमा और पवित्रता बनाए रखेंगे।" एकल जज ने यह आदेश पूरे विवाद के वाद नंबर 18 में वकील द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में मामले की गलत रिपोर्टिंग पर संयम बरतने की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट वर्तमान में मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित कई मुकदमों की सुनवाई कर रहा है। इस विवाद में शाही ईदगाह मस्जिद को मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर के साथ साझा किए गए 13.37 एकड़ के परिसर से हटाने की मांग की गई। अतिरिक्त प्रार्थनाओं में शाही ईदगाह परिसर पर कब्ज़ा करने और वर्तमान संरचना को ध्वस्त करने की मांग शामिल है। पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य द्वारा दायर स्थानांतरण आवेदन स्वीकार करते हुए कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित विभिन्न राहतों के लिए प्रार्थना करते हुए मथुरा न्यायालय के समक्ष लंबित सभी मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। इस साल जनवरी में, एकल न्यायाधीश ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मुकदमों को एकीकृत करने का निर्देश दिया। यह आदेश हिंदू वादियों द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत दायर एक आवेदन पर 'न्याय के हित में' पारित किया गया। इस साल अगस्त में हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह (मस्जिद) समिति द्वारा दायर आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका खारिज की, जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में हिंदू उपासकों और देवता श्री कृष्ण विराजमान द्वारा दायर 18 मुकदमों की स्थिरता को चुनौती दी गई।
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