गाजियाबाद की घटना के विरोध में अधिवक्ताओं की हड़ताल:मुजफ्फरनगर जिला और सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने दिया धरना, जोरदार प्रदर्शन

मुजफ्फरनगर में गाजियाबाद न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के साथ की गई मारपीट के विरोध में धरना प्रदर्शन हो रहा है। गाजियाबाद कोर्ट रूम की घटना के विरोध में प्रदेश के अधिवक्ता आज हड़ताल पर हैं। मुजफ्फरनगर में भी अधि वक्ताओं के न्यायिक कार्यों से विरत रहने के कारण वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, घटना के विरोध मे जिला एवं सिविल बार संगठन से जुड़े अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। जिला बार संघ अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा- देश के इतिहास में पहली घटना है, जब किसी न्यायालय परिसर में पुलिस पहुंची और उसने अधिवक्ताओं के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि अवमानना का मामला सिर्फ अधिवक्ताओं पर ही लागू नहीं होता। उनकी मांग है कि जिला जज पर भी अवमानना का केस किया जाए। प्रमोद त्यागी ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कोर्ट परिसर में पहुंची पुलिस को किसने बुलाया था। यदि पुलिस बिना लिखित आदेश के पहुंची तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने बाजू पर काली पट्टी बांधकर धरना देते हुए प्रदर्शन किया। जिला बार संघ महासचिव सुरेंद्र मलिक, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजेंद्र मलिक, नसीम हैदर जैदी, रिजवान अहमद आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन का कारण कुछ दिन पहले गाजियाबाद कोर्ट में जिला जज और वकीलों में झड़प हुई थी। पुलिस ने अधिवक्ताओं पर बल का प्रयोग किया था। कई वकीलों पर केस दर्ज किया गया। अधिवक्ताओं ने पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की। इस घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने सोमवार को हड़ताल पर रहने का ऐलान किया था। UP बार काउंसिल की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया था। इस घटना के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी हड़ताल पर हैं।

Nov 4, 2024 - 13:30
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गाजियाबाद की घटना के विरोध में अधिवक्ताओं की हड़ताल:मुजफ्फरनगर जिला और सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने दिया धरना, जोरदार प्रदर्शन
मुजफ्फरनगर में गाजियाबाद न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के साथ की गई मारपीट के विरोध में धरना प्रदर्शन हो रहा है। गाजियाबाद कोर्ट रूम की घटना के विरोध में प्रदेश के अधिवक्ता आज हड़ताल पर हैं। मुजफ्फरनगर में भी अधि वक्ताओं के न्यायिक कार्यों से विरत रहने के कारण वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, घटना के विरोध मे जिला एवं सिविल बार संगठन से जुड़े अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। जिला बार संघ अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा- देश के इतिहास में पहली घटना है, जब किसी न्यायालय परिसर में पुलिस पहुंची और उसने अधिवक्ताओं के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि अवमानना का मामला सिर्फ अधिवक्ताओं पर ही लागू नहीं होता। उनकी मांग है कि जिला जज पर भी अवमानना का केस किया जाए। प्रमोद त्यागी ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कोर्ट परिसर में पहुंची पुलिस को किसने बुलाया था। यदि पुलिस बिना लिखित आदेश के पहुंची तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने बाजू पर काली पट्टी बांधकर धरना देते हुए प्रदर्शन किया। जिला बार संघ महासचिव सुरेंद्र मलिक, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजेंद्र मलिक, नसीम हैदर जैदी, रिजवान अहमद आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन का कारण कुछ दिन पहले गाजियाबाद कोर्ट में जिला जज और वकीलों में झड़प हुई थी। पुलिस ने अधिवक्ताओं पर बल का प्रयोग किया था। कई वकीलों पर केस दर्ज किया गया। अधिवक्ताओं ने पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की। इस घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने सोमवार को हड़ताल पर रहने का ऐलान किया था। UP बार काउंसिल की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया था। इस घटना के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी हड़ताल पर हैं।

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