चकबंदी की समस्याओं पर डीएम सख्त:हापुड़ में 24 गांवों की चकबंदी प्रक्रियाधीन, अधिकारियों को जल्द समाधान के निर्देश
हापुड़ में चकबंदी की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने चकबंदी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन किसानों की जमीन चकबंदी में शामिल हुई है, उन्हें जल्द से जल्द वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराई जाए। जनपद में कुल 24 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। इनमें गढ़मुक्तेश्वर तहसील के 17 गांव, हापुड़ तहसील के 6 गांव और धौलाना तहसील का एक गांव शामिल है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की कार्य योजना के अनुसार, डीएम ने चकबंदी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से तीन साल से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने को कहा गया है। जांच करने और समाधान करने के निर्देश दिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वैकल्पिक भूमि आवंटन के समय अधिकारी स्वयं मौजूद रहे। जमीन का निशान व डोल अवश्य बनवाएं। बैठक में दो किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं। जिस पर डीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए चकबंदी अधिकारी को मौके पर जाकर जांच करने और समाधान करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि अगली बैठक से पहले सभी मार्क की गई समस्याओं के समाधान की रिपोर्ट फोटो सहित प्रस्तुत करें।

चकबंदी की समस्याओं पर डीएम सख्त: हापुड़ में 24 गांवों की चकबंदी प्रक्रियाधीन, अधिकारियों को जल्द समाधान के निर्देश
हाल ही में, हापुड़ जिले के जिलाधिकारी (डीएम) ने चकबंदी की समस्याओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। यह निर्णय उन 24 गांवों के लिए लिया गया है जहां चकबंदी प्रक्रिया अभी भी चालू है। इन समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
चकबंदी प्रक्रिया और उसकी चुनौतियाँ
चकबंदी एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रक्रिया है जो भूमि के पुनर्गठन और उचित वितरण के लिए की जाती है। हालाँकि, कई बार इस प्रक्रिया में विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इन समस्याओं में भूमि विवाद, रिकॉर्ड की कमी, और स्थानीय जनता की असंतोष शामिल हैं। डीएम ने इन चुनौतियों को हल करने के लिए अधिकारियों को जल्द से जल्द समाधान मॉनिटर करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम के निर्देश और आगामी कदम
डीएम ने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे फील्ड में जाकर जमीनी स्तर पर स्थिति का आंकलन करें और शीघ्र समाधान प्रस्तुत करें। शासन की इस सख्ती के पीछे मंशा है कि स्थानीय農民ों को चकबंदी प्रक्रिया का सही और समय पर लाभ मिल सके। अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे समस्याओं को सुनने के लिए आम जनता से संवाद करें।
समस्या के समाधान की प्रक्रिया
समस्या के समाधान के लिए एक प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें ग्रामीणों की समस्याओं को सुनना, भूमि संबंधित मामलों को प्राथमिकता से निपटाना, और चकबंदी कार्य में तेजी लाना शामिल होगा। जनसुनवाई के माध्यम से अधिकारियों को स्थानीय नागरिकों की समस्याएँ जानने का अवसर मिलेगा और उन्हें उनके समाधान का विश्वास दिलाया जाएगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा ताकि चकबंदी के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे। इसके अतिरिक्त, डीएम ने यह भी उल्लेख किया है कि तकनीकी सहायता और डेटा प्रबंधन का सही इस्तेमाल करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
जिलाधिकारी की यह सख्त कार्रवाई आशा प्रदान करती है कि चकबंदी से संबंधित समस्याएँ जल्द ही हल हो जाएँगी। यह किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए बड़े अवसर उत्पन्न करेगा, जिससे वे अपने भूमि का सही इस्तेमाल कर सकेंगे।
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