वोट की लूट छिपाने के लिए संभल में हिंसा कराई:अखिलेश बोले- वहां दंगा नहीं हुआ, बल्कि पुलिस ने गोली चलाई
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में कहा- संभल की घटना एक बहुत बड़ी साजिश है। कुंदरकी और मीरपुर में वोट की लूट को छिपाने के लिए यह घटना गढ़ी गई। हम लोग चाहते थे कि संभल में जो कुछ हुआ, वह जनता के सामने आए। पहली बार हमें वहां नहीं जाने दिया गया, लेकिन दूसरी बार अनुमति मिली। वहां के लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है। झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। यह सब सरकार की साजिश का हिस्सा है। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत सर्वे नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई की गई। वहां दंगा नहीं हुआ, बल्कि पुलिस ने गोली चलाई। हमारी पार्टी के लोगों को निशाना बनाया गया, उनके साथ मारपीट की गई। उन्हें दबाव में लाकर मनमाफिक बयान देने को मजबूर किया गया। अखिलेश की बड़ी बातें पढ़िए- भाजपा दरारवादी पार्टी, इनके लिए जीवन को मोल नहीं भाजपा दरारवादी पार्टी है। इनके लिए जीवन का कोई मोल नहीं है। यह एक हृदयहीन पार्टी है, जिसे किसी के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। इस सरकार में न्याय मिलना और जनता की सुनवाई होना असंभव है। पीडीए के खिलाफ अन्याय और भ्रष्टाचार के दो पलड़े हैं। उन्हीं के लोग एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली और लखनऊ की राजनीति में आपस में लड़ाई चल रही है। हर विभाग में रिश्वत का रेट तय यह सरकार जनता के हित में काम करने के बजाय सिर्फ अपनी साजिशों को अंजाम दे रही है। इतना भ्रष्टाचार पहले कभी नहीं हुआ। हर विभाग में रिश्वत का रेट तय हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग की हालत बेहद खराब हो गई है। हमें सभी को सावधान रहकर इनसे मुकाबला करना होगा। सपा जब भी सत्ता में आएगी, ऐसे भ्रष्ट लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी।

वोट की लूट छिपाने के लिए संभल में हिंसा कराई
सम्भल में हाल ही में हुए हिंसक घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि संभल में दंगा नहीं हुआ, बल्कि इस स्थिति के पीछे पुलिस की गोलीबारी थी। इस बिंदु पर चर्चा करते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि वोट की लूट को छिपाने के लिए यह सब कराया गया है। यह घटना एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है जो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय है।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी दमनकारी कार्रवाइयाँ लोकतंत्र में अस्वीकार्य हैं। यादव ने मांग की कि घटना की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
स्थानीय नेताओं और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस हिंसा की निंदा की है, और इसे वोटिंग प्रक्रिया में असुरक्षा का संकेत बताया है। उनकी राय में, ऐसी घटनाएं नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हैं और सरकार को इस पर कठोर कदम उठाने चाहिए।
पुलिस की भूमिका
पुलिस ने इस घटना का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी। लेकिन अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह कार्रवाई उचित थी? क्या पुलिस ने बिना वजह गोली चलाई? इस मुद्दे पर राजनीतिक स्थिति अब और भी जटिल होती जा रही है।
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निष्कर्ष
राजनीतिक तनाव और इस तरह की हिंसा लोकतंत्र के लिए खतरा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह घटनाएँ महत्वपूर्ण हैं और इसे विचार करने की आवश्यकता है। सभी दलों को ऐसे मामलों पर मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। Keywords: संभल में हिंसा, अखिलेश यादव बयान, पुलिस की भूमिका, वोट की लूट, दंगा नहीं हुआ, उत्तर प्रदेश राजनीति, नागरिक अधिकार, चुनावी सुरक्षा, मीडिया पर चर्चा.
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