चिट्टा स्मगलर को 10 साल सजा, 1 लाख पैनल्टी:जुर्माना नहीं भरा तो 3 साल अतिरिक्त कारावास, 249 ग्राम नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा

हिमाचल में मंडी की विशेष अदालत ने चिट्टा रखने के मामले में एक व्यक्ति को कड़ी सजा सुनाई है। अदालत ने बिलासपुर के धौंन कोठी निवासी सुभाष चंद को 10 साल का कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर उसे 3 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला 17 दिसंबर 2023 का है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) की टीम ने सुंदरनगर के पुंघ में एक नाके पर वॉल्वो बस की जांच की। तब तलाशी में सीट नंबर 37 पर बैठे यात्री के बैग से 249 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में बस के कंडक्टर और ड्राइवर को गवाह बनाया, क्योंकि दोनों की मौजूदगी में तस्कर से चिट्टा बरामद किया गया था। शुरू में मामले की सुनवाई सुंदरनगर कोर्ट में हो रही थी। हाईकोर्ट के आदेशों पर मंडी कोर्ट ट्रांसफर हुआ मामला हाईकोर्ट के आदेशों पर इस केस को विशेष अदालत मंडी-1 में स्थानांतरित किया गया। जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने 21 गवाहों को पेश किया। सुनवाई के दौरान आरोपी फरार हो गया था। बाद में उसे गिरफ्तार किया गया। इससे 2500 लोगों को नशे का आदी बनाया जा सकता था अभियोजन पक्ष ने बताया कि बरामद हेरोइन से करीब 2500 लोगों को नशे का आदी बनाया जा सकता था। विशेष लोक अभियोजक ने हिमाचल हाईकोर्ट के सोनू बनाम हिमाचल सरकार केस का हवाला देते हुए कड़ी सजा की मांग की थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।

Mar 26, 2025 - 15:59
 55  194977
चिट्टा स्मगलर को 10 साल सजा, 1 लाख पैनल्टी:जुर्माना नहीं भरा तो 3 साल अतिरिक्त कारावास, 249 ग्राम नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा
हिमाचल में मंडी की विशेष अदालत ने चिट्टा रखने के मामले में एक व्यक्ति को कड़ी सजा सुनाई है। अदालत

चिट्टा स्मगलर को 10 साल सजा, 1 लाख पैनल्टी

हाल ही में, एक चिट्टा स्मगलर को भारतीय न्यायालय ने 10 साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने उसे 1 लाख रुपये का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है। यदि वह यह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 3 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब आरोपी को 249 ग्राम नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया था।

मामले का विवरण

पुलिस ने इस चिट्टा स्मगलर के बारे में गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए। नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री पर सरकार की सख्त नीति को देखते हुए, न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाई। इस निर्णय ने न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता और नशामुक्ति की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है।

सजा और जुर्माना की महत्वपूर्णता

10 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना, न केवल इस मामले में बल्कि देश भर में नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित करता है। यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि भारत सरकार नशे के व्यापारियों के खिलाफ कोई भी दया नहीं बरतेगी। अगर आरोपी जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 3 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि कानून किसी भी प्रकार की ढील नहीं देगा।

नशीले पदार्थों के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयाँ

भारत में नशीले पदार्थों के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयाँ लगातार बढ़ रही हैं। विभिन्न सरकारी अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान इस पर है कि कैसे नशे के व्यापार को रोका जाए। सरकार ने नशे के उपयोग की रोकथाम के लिए कई प्रोग्राम और जागरूकता अभियानों की शुरुआत की है। यदि कोई व्यक्ति इन कानूनों का उल्लंघन करता है, तो उसे कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई में कानून की जड़ें गहरी हो रही हैं। इसके परिणामस्वरूप लोगों में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ी है और कानून के प्रति सम्मान को भी प्रोत्साहन मिला है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएँ।

Keywords:

चिट्टा स्मगलर सजा, नशीले पदार्थ मामला, भारत नशा कानून, 10 साल सजा, 1 लाख जुर्माना, चिट्टा गिरफ्तारी, नशे के खिलाफ कार्रवाई, नशामुक्ति अभियान, जुर्माना नहीं भरा, अतिरिक्त कारावास, न्यायालय का निर्णय, नशीले पदार्थों की बिक्री

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow