ट्रम्प मिडिल ईस्ट के दौरे पर रवाना, आज सऊदी पहुंचेंगे:राष्ट्रपति बनने के बाद पहली आधिकारिक विदेश यात्रा; US में ₹50 लाख करोड़ निवेश करेगा सऊदी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मिडिल ईस्ट देशों के दौरे पर रवाना हो गए हैं। वे आज सऊदी अरब पहुंचेंगे। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प की यह पहली औपचारिक विदेश यात्रा है। इससे पहले वे पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 26 अप्रैल को वेटिकन पहुंचे थे। ट्रम्प 13 मई को सऊदी की राजधानी रियाद में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मुलाकात करेंगे। इसके बाद 14 मई को खाड़ी नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर कतर जाएंगे। 15 मई को ट्रम्प अपने दौरे के आखिरी दिन UAE पहुंचेंगे। अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देश की यात्रा करने की परंपरा है। ट्रम्प ने 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले सऊदी अरब पहुंच कर इस परंपरा को तोड़ा था। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर ट्रम्प ने सबसे पहले MBS को फोन किया ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले सऊदी प्रिंस MBS को ही फोन किया था। दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट में स्थिरता लाने, क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने की कोशिशों पर चर्चा की थी। इसके बाद सऊदी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनका देश अगले चार सालों के भीतर अमेरिका में 600 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपए) के निवेश के लिए तैयार है। हालांकि, ट्रम्प ने कहा था कि वो इसे बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर होते देखना चाहते, जिसमें ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद भी शामिल है। सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) में 925 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम है। सऊदी ने इसके जरिए पहले ही अमेरिका में कई इन्वेस्टमेंट कर रखे हैं। वहीं, UAE ने भी अगले 10 साल में अमेरिका के AI, सेमीकंडक्टर, एनर्जी और इन्फ्रा सेक्टर में 1.4 ट्रिलियन डॉलर निवेश करने की इच्छा जताई है। ट्रम्प के सऊदी अरब से अच्छे रिश्ते ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों के साथ बेहतर रिश्ते कायम किए थे। ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद भी सऊदी अरब ने ट्रम्प के दामाद और पूर्व सहयोगी जेरेड कुशनर की एक फर्म में 2 अरब डॉलर (17 हजार करोड़ रुपए) का निवेश किया था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि जब जमाल खाशोज्जी की हत्या के बाद सऊदी अरब और अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ा तो कुशनर ने इसे संभालने में मदद की थी। ट्रम्प सऊदी अरब की यह यात्रा ऐसे मौके पर कर रहे हैं, जब उनके टैरिफ ने दुनिया भर में उथल पुथल मचा रखी है। इस साल के शुरुआती तीन महीनों में अमेरिका के आर्थिक प्रोडक्शन में गिरावट आई है, जो पिछले तीन सालों में पहली गिरावट है। इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ता बेहतर करना चाहते हैं ट्रम्प ट्रम्प ने पिछले कार्यकाल में सऊदी अरब और इजराइल के बीच रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की थी। ट्रम्प चाहते हैं कि सऊदी अरब, इजराइल को मान्यता दे। वहीं सऊदी अरब का कहना है कि पहले फिलिस्तीन अलग देश बने जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम हो और उनके बीच सीमा 1967 से पहले जैसी हो। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने उम्मीद जताई है कि सऊदी अरब अब्राहम एकॉर्ड को मानेगा। इस समझौते के तहत इजराइल-सऊदी अरब के बीच रिश्ते बेहतर होंगे और सऊदी अरब अमेरिका के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करेगा। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में इजराइल और कई इस्लामिक देशों के बीच रिश्ते बेहतर कराए थे। बहरीन, UAE, मोरक्को और सूडान ने ट्रम्प के दौर में ही इजराइल से संबंध कायम किए थे। ---------------------------- ट्रम्प से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प को गिफ्ट में ₹3400 करोड़ का प्लेन मिलेगा:कतर दुनिया का सबसे महंगा गिफ्ट दे रहा; इसी हफ्ते दौरे पर जाएंगे ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसी हफ्ते 14 मई को कतर दौरे पर पहुंचने वाले हैं। इस दौरान उन्हें कतर सरकार गिफ्ट में लग्जरी बोइंग 747-8 जंबो जेट कर सकती है। इस विमान की कीमत 400 मिलियन डॉलर (करीब 3400 करोड़ रुपए) है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

ट्रम्प मिडिल ईस्ट के दौरे पर रवाना, आज सऊदी पहुंचेंगे: राष्ट्रपति बनने के बाद पहली आधिकारिक विदेश यात्रा; US में ₹50 लाख करोड़ निवेश करेगा सऊदी
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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आज मिडिल ईस्ट के दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा होने की बात कही जा रही है। ट्रम्प का उद्देश्य इस यात्रा के माध्यम से अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को और मजबूत करना है।
सऊदी अरब की महत्वपूर्ण भूमिका
ट्रम्प सऊदी अरब में पहुंचने वाले हैं, जहां वे स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान सऊदी अरब की ओर से अमेरिका में ₹50 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा। यह निवेश अमेरिका की युवा पीढ़ी के लिए कई नई संभावनाएं खोलेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।
सऊदी अरब के साथ संबंधों की मजबूती
ट्रम्प प्रशासन ने हमेशा सऊदी अरब को एक महत्वपूर्ण पार्टनर के रूप में देखा है। उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका और सऊदी अरब के बीच कई प्रमुख समझौते हुए थे। इस बार की यात्रा में भी यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच नई व्यापार योजनाएं और समझौतों पर चर्चा होगी।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
प्रमुख वैश्विक मुद्दों, जैसे कि आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई, मध्य पूर्व की सुरक्षा और तेल की कीमतों को स्थिर रखना, इस यात्रा के महत्वपूर्ण एजेंडे का हिस्सा होंगे। ट्रम्प का यह दौरा अति महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि यह मध्य पूर्व में शांति स्थापना की दिशा में नए कदम उठाने का अवसर प्रदान करेगा।
समापन
आने वाले दिनों में इस यात्रा की परिणामस्वरूप अमेरिकी- सऊदी संबंधों में एक नई दिशा देखने की उम्मीद है। ट्रम्प की इस यात्रा का असर वैश्विक भूराजनीति में भी दिखाई देगा। हम इस यात्रा पर नजर रखेंगे और आगे की जानकारी देंगे।
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