जालसाज अर्पित जैन की गिरफ्तारी के लिए NBW जारी:फर्जी स्टांप और जाली नोटों गिरोह का है सदस्य, गोरखपुर जेल में बंद है सरगना
गोरखपुर पुलिस ने फर्जी स्टांप और जाली नोटों के कारोबार में शामिल फिरोजाबाद के अर्पित जैन की गिरफ्तारी के लिए NBW (नॉन-बेलेबल वारंट) जारी कर दिया है। इस गिरोह के मुख्य सरगना बिहार के सिवान जिले का नवाब आरजू है, जो अभी गोरखपुर की जेल में बंद है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपी पर इनाम भी घोषित किया जाएगा और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। पुलिस के ऑपरेशन से गिरोह का हुआ पर्दाफाश यह मामला तब सामने आया जब यूपी ATS (आतंकवाद निरोधक दस्ते) ने एक सितंबर को सिवान रेलवे स्टेशन के पास एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के तहत नवाब आरजू और उसके साथी राजू को गिरफ्तार किया। उनके पास से फर्जी स्टांप, नकदी और एक वाहन बरामद हुआ था। इस दौरान पूछताछ में नवाब आरजू ने खुलासा किया कि अर्पित जैन पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख व्यक्ति है, जो फर्जी स्टांप के कारोबार में निवेश करता है। इसके बाद कैंट पुलिस ने अर्पित जैन के खिलाफ भी केस दर्ज किया और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए। फिरोजाबाद में अर्पित जैन का सुराग नहीं मिल पाया पुलिस के मुताबिक, अर्पित जैन के खिलाफ कई बार फिरोजाबाद में छापेमारी की गई, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अर्पित जैन का नेटवर्क बहुत मजबूत है, और वह गिरफ्तारी से बचने के लिए विभिन्न ठिकानों पर छिपा हुआ है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। फर्जी स्टांप के साथ जाली नोटों का भी कारोबार इस गिरोह का पर्दाफाश और भी चौंकाने वाला था जब यह सामने आया कि यह सिर्फ फर्जी स्टांप का कारोबार नहीं कर रहा था, बल्कि जाली नोट भी छापता था। यूपी ATS ने नवाब आरजू की निशानदेही पर कैंट थाना पुलिस को 200 रुपये के चार जाली नोट बरामद करने में सफलता प्राप्त की। इसके बाद जाली नोट छापने की धारा भी मामले में जोड़ी गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह के कई सदस्य विभिन्न राज्यों में सक्रिय हैं, और इसने न केवल गोरखपुर बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार के कई अन्य हिस्सों में भी अपनी गतिविधियां फैलाई हैं। इस गिरोह की कार्यप्रणाली से जुड़ी अन्य जानकारियां अभी भी सामने आ रही हैं और पुलिस इसे लेकर जांच जारी रखे हुए है। अर्पित जैन की गिरफ्तारी के लिए NBW जारी SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक सभी मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, और अर्पित जैन की गिरफ्तारी के लिए NBW जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है। इसके साथ ही SP ने यह भी बताया कि अर्पित जैन की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह से जुड़े अन्य मामलों का भी खुलासा किया जाएगा। पुलिस जल्द ही आरोपी पर इनाम घोषित करेगी, ताकि उसकी गिरफ्तारी में मदद मिल सके।

अर्पित जैन की गिरफ्तारी का मामला
हाल ही में, अर्पित जैन के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया है। जैन एक notorious जालसाज हैं जो फर्जी स्टांप और जाली नोटों के गिरोह का हिस्सा हैं। खबरों के अनुसार, वह गोरखपुर में स्थित जेल में अपने सरगना के साथ संबद्ध है, जो पहले से ही विधायिकीय मामलों में कैद है।
गिरोह की गतिविधियां
जालसाजों का यह गिरोह लंबे समय से फर्जी स्टांप और मूल्यवान नोटों के कारोबार में लिप्त है। ठगों ने कई लोगों को ठगा है और उनके पास से भारी मात्रा में अहितकारक सामान बरामद किया गया है। हाल ही में सरगना के गिरफ्तार होने के बाद, जांच एजेंसियां अन्य सदस्यों की तलाश कर रही हैं, जिसमें अर्पित जैन का नाम प्रमुखता से शामिल है।
गौरखपुर सुरक्षा बलों की भूमिका
गोरखपुर की पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने इस गिरोह के मामले में प्रमुख भूमिका निभाई है। पुलिस ने जैन और उनके गिरोह के सदस्यों की गतिविधियों पर नज़र रखी है और अब उन्हें जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
जांच और आगे की प्रक्रिया
जांच एजेंसियों ने अर्पित जैन की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापे मारे हैं, और उनकी संपत्तियों की छानबीन की जा रही है। बहरहाल, यह मामला जालसाजों के नेटवर्क और उनकी विधायिकी गतिविधियों की परत को उजागर कर सकता है।
निष्कर्ष
अर्पित जैन की गिरफ्तारी का मामला समाज में एक चेतावनी के रूप में कार्य करेगा कि फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अगर आप ऐसे किसी मामले का सामना कर रहे हैं तो कृपया तुरंत सूचित करें, ताकि और भी लोगों को बचाया जा सके। Keywords: अर्पित जैन गिरफ्तारी, जालसाज गिरोह, फर्जी स्टांप, जाली नोट गिरोह, गोरखपुर जेल, NBW जारी, ठगों की गिरफ्तारी, फर्जीवाड़ा मामले, जालसाज की गिरफ्तारी, गोरखपुर पुलिस कार्रवाई
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