सेमेस्टर एग्जाम में बोल कर कराई जा रही थी नकल:आगरा यूनिवर्सिटी के सचल दल ने दी रिपोर्ट, कुलसचिव ने बनाई जांच कमेटी

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में सम-सेमेस्टर एग्जाम चल रहे हैं। सचल दलों ने शिकायत की है कि आगरा और फिरोजाबाद के चार कॉलेजों में बोल-बोल कर नकल कराई जा रही है। इस शिकायत पर कुलसचिव ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक चारों सेंटरों पर पर्यवेक्षकों की निगरानी में एग्जाम कराए जाएंगे। विश्वविद्यालय की बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी और एमकॉम के एग्जाम 21 अप्रैल से शुरू हुए हैं। आगरा के अलावा मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी में 268 सेंटर बनाए गए हैं। तीन पालियों में एग्जाम हो रहे हैं। स्नातक के एग्जाम ओएमआर आधार पर हो रहे हैं। दो घंटे में 100 में से 60 प्रश्नों के उत्तर देने हैं। इन कॉलेजों की मिली शिकायत फिरोजाबाद के खैरगढ़ में जब सचल दल पहुंचा तो बीए 6वें सेमेस्टर का समाज शास्त्र और बीएससी 6वें सेमेस्टर की भौतिक विज्ञान का एग्जाम चल रहा था। 49 छात्रों ने एक ही सीरिज के ओएमआर एक जैसे उत्तरों पर गोले बनाए हुए थे। इसके बाद सचल दल ने फिरोजाबाद के बेंदी के श्री नवाब सिंह महाविद्यालय में छापा मारा। यहां भी यही स्थिति थी। गुरु निरंजनानंद पीजी महाविद्यालय, शमसाबाद में छात्रों ने ओएमआर पर डॉट का निशान बनाया था, जिसे बाद में गोले में बदल दिया। लगेगा 25 हजार रुपये का जुर्माना परीक्षा केंद्रों पर अगर सीसीटीवी नहीं चले तो उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना प्रति दिन के हिसाब से होगा। तीन दिन तक अगर सीसीटीवी काम नहीं करेंगे तो सेंटर को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। आगाी तीन सालों के लिए डिबार कर दिया जाएगा।

Apr 24, 2025 - 06:59
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सेमेस्टर एग्जाम में बोल कर कराई जा रही थी नकल

आगरा यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षा में नकल की साजिश का खुलासा हुआ है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा के दौरान छात्रों द्वारा एक-दूसरे को बोलकर नकल कराने का मामला सामने आया है। इस संदर्भ में युनिवर्सिटी के सचल दल ने गंभीरता से जांच की और अपनी रिपोर्ट तैयार की।

नकल करने की विधि

छात्रों ने इस नकल की प्रक्रिया को इतना आसान बना दिया था कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। नकल के इस तरीके में छात्रों ने चुपचाप अपने सहपाठियों को महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर बताने का प्रयास किया। यह एक गंभीर मुद्दा है, जो परीक्षा की पारदर्शिता और योग्यता पर सवाल उठाता है।

जांच कमेटी का गठन

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, कुलसचिव ने तुरंत एक जांच कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी न केवल नकल के तरीके की जांच करेगी बल्कि परीक्षा के समग्र प्रबंधन की भी समीक्षा करेगी। इस प्रकार की घटनाएं शिक्षण संस्थानों की प्रतिष्ठा पर असर डाल सकती हैं।

छात्रों का प्रतिक्रिया

छात्रों और अभिभावकों में इस रिपोर्ट को लेकर चिंता का माहौल है। कई छात्रों ने इस घटना को न केवल अनुशासनहीनता बल्कि परीक्षा के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनों की आवश्यकता है।

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आवश्यक कदम

यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा और नकल को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसके अलावा, छात्रों को भी उचित मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है ताकि वो नकल करने के बजाय अपने ज्ञान पर भरोसा कर सकें।

निष्कर्ष

सेमेस्टर एग्जाम में नकल की इस घटना ने आगरा यूनिवर्सिटी के परीक्षात्मक कार्य को चुनौती दी है। जांच कमेटी के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

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