जिला पंचायत बस्ती में विवाद:अधूरी बैठक को लेकर 29 सदस्यों की शिकायत, सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी
बस्ती में जिला पंचायत की बैठक को लेकर विवाद गहरा गया है। मंगलवार को जिला पंचायत सदस्य गिल्लम चौधरी के नेतृत्व में 29 सदस्यों ने मंडल आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। सदस्यों का आरोप है कि 15 फरवरी को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला पंचायत की बैठक अधूरी रह गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी और मुख्य अधिकारी बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए थे। हालांकि, अध्यक्ष ने मीडिया में बैठक के पूरा होने का दावा किया। बैठक में 27 सदस्य थे मौजूद गिल्लम चौधरी ने बताया कि उस दिन बैठक में 27 सदस्य मौजूद थे। अब 29 सदस्यों ने मंडल आयुक्त से पुरानी बैठक को निरस्त कर नई बैठक बुलाने की मांग की है। सदस्यों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

बस्ती जिला पंचायत की बैठक में विवाद
बस्ती जिले की पंचायत में जारी विवाद ने हाल ही में एक नई करवट ली है। अधूरी बैठक को लेकर 29 सदस्यों ने सामूहिक रूप से शिकायत दर्ज कराई है, जिसके कारण पंचायत में असंतोष का माहौल बना हुआ है। ये सदस्य अब सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दे रहे हैं, जिससे नगर के राजनीतिक माहौल में गर्मी बढ़ गई है। इस मामले का प्रभाव स्थानीय विकास योजनाओं पर भी पड़ सकता है।
शिकायत के कारण
29 सदस्यों द्वारा उठाई गई शिकायतों में मुख्य रूप से यह दर्शाया गया है कि सभी सदस्यों को बैठक प्रभारी द्वारा सही ढंग से सुना नहीं गया। अधूरी चर्चा और महत्वपूर्ण मुद्दों का न उठाया जाना उनके गुस्से का मुख्य कारण है। सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि ऐसी स्थिति में आगे कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना मुश्किल होगा, जो कि पंचायत की कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगा देता है।
सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी
सदस्य सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी देकर पंचायत की निष्क्रियता को उजागर करना चाहते हैं। उनका मानना है कि अगर उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ेगा। इस चेतावनी ने निश्चित रूप से स्थानीय प्रशासन को चिंतित कर दिया है और वे अब इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के विवाद पंचायत के कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं। पंचायत की जिम्मेदारी स्थानीय विकास योजनाओं को साकार करना है, लेकिन अगर सदस्यों के बीच में ही मतभेद बनते हैं तो इससे योजनाओं के कार्यान्वयन में देरी हो सकती है। इसके कारण स्थानीय विकास को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
आगे की संभावना
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पंचायत के अधिकारी इन सदस्यों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हैं और स्थिति को सुधारने के लिए उचित कदम उठाते हैं। कुछ दिनों में पंचायत की अगली बैठक तय है, जहां इस मुद्दे पर संशोधन की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि सभी पक्ष एक साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। Keywords: जिला पंचायत बस्ती विवाद, अधूरी बैठक शिकायत, 29 सदस्यों की चेतावनी, सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी, बस्ती विकास योजनाएँ, बस्ती पंचायत बैठक, पंचायत सदस्यों का असंतोष, लोकल प्रशासन विवाद, स्थानीय राजनीतिक माहौल, बस्ती जिला पंचायत मुद्दे.
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