टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध इशिता सजवाण चुनावीत, बीजेपी की चालों से सोना सजवाण के दिन खत्म
रैबार डेस्क: राजनीति में पल पल शह और मात का खेल किस कदर चलता है... The post टिहरी में निर्विरोध रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई इशिता सजवाण, बीजेपी की इस चाल से सोना सजवाण, कांग्रेस का हो गया मोये मोये appeared first on Uttarakhand Raibar.

टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध इशिता सजवाण चुनावीत
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By Kavita Joshi, Neha Singh, and Poonam Verma – Team India Twoday
राजनीति का नया अध्याय
कम शब्दों में कहें तो, टिहरी में राजनीतिक संघर्ष का नया मंजर सामने आया है, जहां बीजेपी की एक चौंकाने वाली रणनीति ने इशिता सजवाण को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया है। पहले से चुनावी दावेदार रहीं सोना सजवाण का राजनीतिक कद अचानक घट गया है। यह सरकारी निष्पक्षता और शक्ति खेलों की दर्पण में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो लोकतांत्रिक परिपाटियों पर सवाल उठाती है।
कैसे हुआ यह बदलाव?
सोमवार की सुबह तक टिहरी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सोना सजवाण बीजेपी की उम्मीदवार थीं। लेकिन भाजपा ने चुनाव के अंतिम क्षणों में इशिता सजवाण को उम्मीदवार बनाने का असामान्य निर्णय लिया। जिला पंचायत में कांग्रेस समर्थित 14 सदस्यों, बीजेपी के 13 समर्थक, और 18 निर्दलीय सदस्यों के बीच की स्थिति का विश्लेषण किया, तो यह स्पष्ट था कि इशिता सजवाण को समर्थन की कोई कमी नहीं थी।
मंगलवार को सोना सजवाण की दावेदारी को रद्द करते हुए इशिता सजवाण का नाम निर्विरोध अध्यक्ष के रूप में सामने आया। इससे सोना सजवाण की राजनीतिक स्थिति का एक सटीक दिशा में सुधार दिखाई दिया, जिससे बीजेपी की यह चाल टिहरी के राजनीतिक समीकरण में हलचल पैदा करने वाली हो गई।
सोना सजवाण का निधन वर्चस्व
रघुवीर सिंह सजवाण और उनकी पत्नी सोना सजवाण का राजनीतिक सफर अब टिहरी में थम गया है। सोना सजवाण ने इतिहास में चार बार जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया था और पिछली दो बार अध्यक्ष पद का सम्मान भी प्राप्त किया था। अब भाजपा की नई रणनीतियों ने उन्हें मुख्यधारा से बाहर कर दिया है।
सोना सजवाण की राजनीतिक वैधता पर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह फैसला भाजपा की ओर से एक गहरी गलती थी? या यह एक सोचा समझा राजनीतिक खेल था? टिहरी के राजनीतिक वातावरण में यही सवाल चर्चा का विषय बन गए हैं।
इशिता सजवाण: उम्मीदों की नई किरण
इशिता सजवाण कोट वार्ड से निर्वाचित हुई हैं, और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 4500 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। इशिता सजवाण का राजनीतिक कद अब तेजी से ऊंचा हो गया है। 5648 वोट प्राप्त करने के लिए उनके प्रतिस्पर्धी ने मात्र 1470 वोट हासिल किए। यह सकारात्मकता बीजेपी के समर्थन और इशिता की प्रतिभा का एक मज़बूत संकेत है।
इशिता सजवाण, जो कि समाजसेवी और उद्योगपति वीरेंद्र सिंह सजवाण की भतीजी हैं, अपने शैक्षणिक और पेशेवर पृष्ठभूमि के कारण भी जानी जाती हैं। एमबीए की डिग्री के साथ-साथ, वह काउंसलिंग साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं। ऐसा लगता है कि इशिता सजवाण अपने नए राजनीतिक कद के साथ नए विचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
क्या भविष्य में होगी बदलाव?
भविष्य में इशिता सजवाण का नेतृत्व टिहरी के लिए नई संभावनाएं और दिशाएं ला सकता है। यह संभव है कि कांग्रेस को एक नया कड़ा प्रतिस्पर्धी सामना करना पड़ेगा। बीजेपी की रणनीतियों पर भी लोगों की नज़रें बनी रहेंगी। ऐसी स्थिति में, राजनीति का यह खेल किसी भी समय पलट सकता है।
बीजेपी की इस चाल ने सोना सजवाण को राजनीतिक रूप से विवाद में डाल दिया है। इस घटना ने कांग्रेस के सीमित क्षितिज को भी उजागर किया है। यह यह संकेत देता है कि राजनीति में नए चेहरे और समीकरणों की जरूरत हमेशा बनी रहती है।
चुनाव की इस घटनाक्रम से साफ हो जाता है कि राजनीतिक गतियों में परिवर्तन लाने वाले कदम आपके लिए रास्ते खोले या बंद कर सकते हैं। इस बार बीजेपी ने अपनी चाल से टिहरी में एक नया चेहरा पेश किया है।
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