डॉ. शाह हसन को सस्पेंड किया गया, नशे में बाइक टक्कर मामले की निष्पक्ष जांच शुरू

रैबार डेस्क:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग ने अनुशासनात्मक... The post नशे में धुत होकर बाइक को टक्कर मारने वाला एसीएमओ सस्पेंड, मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश appeared first on Uttarakhand Raibar.

Aug 5, 2025 - 09:27
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डॉ. शाह हसन को सस्पेंड किया गया, नशे में बाइक टक्कर मामले की निष्पक्ष जांच शुरू
रैबार डेस्क:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग ने अनुशा

डॉ. शाह हसन को सस्पेंड किया गया, नशे में बाइक टक्कर मामले की निष्पक्ष जांच शुरू

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने नशे में धुत होकर बाइक को टक्कर मारने के मामले में प्रभारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. मो. शाह हसन को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर लिया गया है, जो कि स्वास्थ्य सेवा के गरिमामय अस्तित्व को बनाए रखने हेतु बेहद आवश्यक है। इस घटना ने न केवल पीड़ितों को बल्कि समस्त स्वास्थ्य प्रणाली को भी दौरा किया है।

घटना का विवरण

रुद्रप्रयाग के तिलणी क्षेत्र में 3 अगस्त 2025 को हुई इस घटना में डॉ. हसन ने अपनी स्कॉर्पियो कार से बाइक सवारों को टक्कर मार दी, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को लेकर विस्तृत जांच शुरू की है। डॉ. हसन के खिलाफ उठाए गए कदम ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और नैतिकता को अत्यंत महत्व देती है।

नशे का सेवन और रिपोर्ट

जांच में सामने आया है कि डॉ. हसन ने शराब का सेवन कर रखा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने इसके सबूत इकट्ठा किए हैं। 3 अगस्त की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि उन्होंने उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के उल्लंघन किए हैं। इस आधार पर, राज्य सरकार ने डॉ. हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उत्तराखंड अपील एवं अनुशासन नियमावली 2003 के नियम-4 के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है।

स्वास्थ्य विभाग की नीति और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ

स्वास्थ्य सचिव, डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तहत स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, जवाबदेही और अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार का आचरण स्वास्थ्य विभाग की साख को प्रभावित करता है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। नीति में "शून्य सहिष्णुता" की बात की गई है जो कि ऐसे अनुशासनहीनता के मामलों में सख्त कदम उठाने को प्रेरित करती है।

जांच के आदेश और निष्पक्षता

डॉ. हसन को निलंबित करते समय रुद्रप्रयाग मुख्यालय पर रखा गया है, जहां उन्हें विभागीय जांच में पूर्ण सहयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और शीघ्र होगी। यदि आरोप सिद्ध किए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन: एक आवश्यक मूल्य

यह घटना फिर से यह दर्शाती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और नैतिकता की कितनी आवश्यकता है। अधिकारियों को अपने आचरण में अनुशासन बनाए रखना चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे। इस मामले ने हमें यह महत्वपूर्ण सबक दिया है कि स्वास्थ्य सेवा केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति एक जिम्मेदारी है।

स्वास्थ्य सेवा में इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर गंभीर होती हैं, बल्कि पूरे तंत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। आम जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवा की है और इस प्रकार के व्यवहार इस जिम्मेदारी को कमजोर करते हैं।

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सादर,
टीम इंडिया टुवडे
ऋचा जोशी

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