तुर्किये-अजरबैजान का बॉयकॉट कर रहे भारतीय टूरिस्ट:मेकमाइट्रिप पर 1 हफ्ते में 250% कैंसिलेशन बढ़े, इंडियंस ने पिछले साल ₹4,000 करोड़ खर्च किए थे

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय टूरिस्ट तुर्किये और अजरबैजान का बॉयकॉट कर रहे हैं। मेकमाइट्रिप के अनुसार पिछले एक हफ्ते में तुर्किये-अजरबैजान जाने वाले यात्रिओं के कैंसिलेशन 250% बढ़े हैं। इसी के साथ बुकिंग्स में 60% गिरावट आई है। वहीं जरबैजान के लिए 30%, तुर्किये के लिए 22% कैंसलेशन बढ़े हैं। दरअसल, भारत के ऑपरेशन सिंदूर की तुर्किये और अजरबैजान ने खुलकर आलोचना की थी। इसके बाद पिछले दिनों सोशल मीडिया पर बॉयकॉट टर्की और बॉयकॉट अजरबैजान ट्रेंड पर रहे। हर्ष गोयनका बोले- तुर्किये और अजरबैजान हमारे दुश्मन के साथ खड़े हर्ष गोयनका ने तुर्किये और अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों से ना जाने की गुजारिश की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा ‘भारतीयों ने इन देशों को पिछले साल 4,000 करोड़ रुपए दिए। हमने इनकी इकोनॉमी को सपोर्ट किया, लेकिन आज ये हमारे दुश्मन के साथ खड़े हैं। भारत और दुनिया में ढेरों खूबसूरत जगहें हैं... इन दोनों को स्किप करें। जय हिंद ट्रैवेल कंपनियां एडवाइजरी जारी कर चुकीं इससे पहले कई ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग कंपनियों ने अपने ग्राहकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। ईजमाईट्रिप ने कहा कि तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा करने से बचें या तभी जाएं जब बहुत जरूरी हो। क्योंकि दोनों देशों ने पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष में पाकिस्तान का सपोर्ट किया है। कंपनी के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट निशांत पिट्टी ने एक्स पर लिखा, 'हालिया घटनाक्रम से मैं बहुत चिंतित हूं। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम अपने सभी ग्राहकों को सलाह देते हैं कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें और संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा की योजना बनाने से पहले ऑफिशियल ट्रैवल एडवाइस से अपडेट रहें।' निशांत पिट्टी ने X पर लिखा- हम दुश्मन को मजबूत नहीं करेंगे 'ट्रैवल एक मजबूत टूल है, इसका उपयोग उन लोगों को मजबूत बनाने के लिए न करें जो हमारे साथ खड़े नहीं हैं। पिछले साल 287,000 भारतीयों ने तुर्किये की यात्रा की और 243,000 लोग अजरबैजान गए। इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का बड़ा योगदान है। टूरिज्म तुर्किये की GDPमें 12% का योगदान करता है 10% लोगों को रोजगार देता है। जबकि, अजरबैजान की GDP में इसका योगदान 7.6% है और यह 10% रोजगार देता है। जब ये देश खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, तो क्या हमें उनके पर्यटन और उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए? विदेश में खर्च किया गया हर एक रुपया एक वोट है। आइए इसे वहां खर्च करें जहां हमारे मूल्यों का सम्मान हो।' कॉक्स एंड किंग्स ने तीन देशों के लिए ट्रैवल बुकिंग बंद किया एक अन्य ट्रैवल बुकिंग ब्रांड कॉक्स एंड किंग्स ने अजरबैजान, तुर्किये और उज्बेकिस्तान के लिए सभी नए बुकिंग ऑप्शन को अस्थायी रूप से हटा लिया है। कंपनी के डायरेक्टर करण अग्रवाल ने कहा कि यह फैसला देशहित और सिद्धांतों की रक्षा के लिए लिया गया है। जब तक जियो पॉलिटिकल स्थिति में स्पष्टता नहीं आती, यात्रियों को संयम बरतने की जरूरत है। ट्रैवोमिंट ने कैंसिलेशन फ्री किया ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ट्रैवोमिंट ने इन दोनों देशों के लिए सभी ट्रैवल पैकेज की बुकिंग तत्काल सस्पेंड कर दी है। कंपनी के CEO आलोक के सिंह ने कहा कि हमने भारत में उठे तुर्किये और अजरबैजान के बहिष्कार के समर्थन में यह फैसला लिया है। इमरजेंसी के लिए फ्लाइट बुकिंग की फैसिलिटी उपलब्ध रहेगी। वहीं, मौजूदा बुकिंग कैंसिल करने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। यानी जो भी यात्री अपनी बुकिंग कैंसिल करना चाहें फ्री में कर सकते हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी ग्रुप्स से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें... पहलगाम अटैक के बाद पर्यटकों का पलायन शुरू: 24 घंटे में 90% होटल कमरे खाली, लोगों में रोजगार खोने का डर, GDP पर पड़ेगा असर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद करीब 90% लोगों ने अपनी ट्रैवल बुकिंग कैंसिल कर दी है। पर्यटक जल्द से जल्द घाटी से बाहर निकलना चाहते हैं, इसलिए फ्लाइट पकड़ने के लिए श्रीनगर पहुंच रहे हैं। वहां के लोगों में रोजगार जाने का डर है। यहां की अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर काफी निर्भर है इसलिए उसे नुकसान पहुंच सकता है। बीते कुछ साल में सरकार की कोशिशों के बाद घाटी में शांति और अर्थव्यवस्था दोनों पटरी पर आते दिखी थी। अब पहलगाम अटैक में 26 लोगों के मारे जाने के बाद टूरिज्म और इससे जुड़े सेक्टर्स को बड़ा झटका लग सकता है। इस स्टोरी में हमले के बाद टूरिज्म की स्थिति और इससे JK के इकोनॉमी पर होने वाले तत्काल और लॉन्ग-टर्म असर की बात... पूरी खबर पढ़ें...

May 14, 2025 - 18:27
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तुर्किये-अजरबैजान का बॉयकॉट कर रहे भारतीय टूरिस्ट:मेकमाइट्रिप पर 1 हफ्ते में 250% कैंसिलेशन बढ़े, इंडियंस ने पिछले साल ₹4,000 करोड़ खर्च किए थे
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय टूरिस्ट तुर्किये और अजरबैजान का बॉयकॉट कर रहे हैं। मेकमाइट्रि

तुर्किये-अजरबैजान का बॉयकॉट कर रहे भारतीय टूरिस्ट: मेकमाइट्रिप पर 1 हफ्ते में 250% कैंसिलेशन बढ़े, इंडियंस ने पिछले साल ₹4,000 करोड़ खर्च किए थे

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच, भारतीय पर्यटक तुर्किये और अजरबैजान का खुला बॉयकॉट कर रहे हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मेकमाइट्रिप पर tतुर्किये और अजरबैजान की यात्रा के कैंसिलेशन में एक हफ्ते के अंदर 250% की वृद्धि हुई है। इसी वर्ष, भारतीय पर्यटकों ने इन दोनों देशों में लगभग ₹4,000 करोड़ खर्च किए थे, जो अब इन देशों के प्रति बढ़ते असंतोष का सामना कर रहे हैं।

क्या है इस बॉयकॉट का कारण?

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हाल में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का तुर्किये और अजरबैजान ने खुलकर विरोध किया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बाद से सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट टर्की' और 'बॉयकॉट अजरबैजान' ट्रेंड करने लगे, जिसमें लोगों ने इन देशों की यात्रा करने से बचने का आह्वान किया।

ट्रैवल कंपनियों की प्रतिक्रिया

ट्रैवेल कंपनियों ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए एडवाइजरी जारी की है। ईजमाईट्रिप ने कहा है कि तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा से बचें, या केवल आपात स्थिति में यात्रा करें। कंपनी के को-फाउंडर निशांत पिट्टी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।" इसी के साथ, भारतीय व्यवसायी हर्ष गोयनका ने भारतीय पर्यटकों से इन देशों की यात्रा न करने की अपील की है।

इकोनॉमिक्स का दृष्टिकोण

केवल तुर्किये की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान लगभग 12% है और यह देश के रोजगार का 10% भी पैदा करता है। वहीं, अजरबैजान में, पर्यटन GDP में 7.6% का योगदान देता है। ऐसे में, यदि भारतीय पर्यटक इन देशों का बॉयकॉट करते हैं, तो यह उनकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पिछले साल, 287,000 भारतीय पर्यटकों ने तुर्किये और 243,000 ने अजरबैजान की यात्रा की थी।

क्या यह आवाज का प्रभाव है?

जिन्हें तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा करने की इच्छा थी, उन्होंने अब अपनी बुकिंग्स कैंसिल करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कैंसिलेशन तुर्किये के लिए 22% और अजरबैजान के लिए 30% तक बढ़ गए हैं। इससे साफ हो जाता है कि भारतीय लोगों का मत उन देशों के प्रति कितनी तेजी से बदला है जहाँ उनके मूल्यों का सम्मान नहीं किया जा रहा। ट्रैवल ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया पर होने वाली बातचीत इस बात की पुष्टि करती है कि विदेशी ट्रैवेलिंग में खर्च किया गया हर एक रुपया एक वोट है।

निष्कर्ष

इस सामाजिक अभियान ने न केवल भारतीय टूरिजम को प्रभावित किया है, बल्कि तुर्किये और अजरबैजान की अर्थव्यवस्थाओं को भी झटका दिया है। ट्रैवल कंपनियों और व्यवसायी नेताओं की अपीलें चिंताजनक परिस्थितियों का संकेत देती हैं। भविष्य में, भारतीय जनता द्वारा पर्यटन स्थलों के चयन में राजनीतिक प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाएगा।

यात्रियों को अब समझना होगा कि उनकी पसंदीदा यात्रा स्थलों के प्रति उनके फैसले और बुकिंग्स किस प्रकार से उनकी आवाज और राजनीतिक विचारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

इन घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि एक एक्शन के पीछे गहरा विचार और नागरिकों की भावना जुड़ी होती है।

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