धर्मशाला धुम्मूशाह मेले में दुकानदारों पर दोहरी मार:प्लॉट के ऊंचे दाम, निगम की 2 हजार प्रतिदिन वसूली, व्यापारी परेशान

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला के प्रसिद्ध दाड़ी धुम्मूशाह मेले में इस बार रौनक कम दिखाई दे रही है। मेला अब विवादों में घिर गया है। नगर निगम दुकानदारों से प्रतिदिन 2 हजार रुपए वसूल रहा है। दाड़ी व्यापार मंडल के अध्यक्ष हर्ष ओबेरॉय ने वसूली को शोषण बताया है। उनका कहना है कि छोटे दुकानदार जो 10-20 हजार का सामान लेकर आए हैं, उनसे भी 2000 रुपए प्रतिदिन की वसूली की जा रही है। रोजाना एक से डेढ़ हजार तक की बिक्री प्रशासन ने मेला मैदान 1.31 करोड़ रुपए में नीलाम किया है। मेले में दुकानों के लिए प्लॉट की कीमतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं। इस वजह से कई व्यापारी मेले में आने से कतरा रहे हैं। सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से भी पर्ची के नाम पर वसूली हो रही है। स्थानीय दुकानदार नसीम खान की रोजाना बिक्री 1000-1500 रुपए है। वह कहते हैं कि 2 हजार रुपए की पर्ची भरने के बाद घर कैसे चलेगा। सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाना चाहिए व्यापारियों का कहना है कि मेले को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाना चाहिए। व्यापार मंडल ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे सामूहिक विरोध करेंगे। स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक प्लॉट की ऊंची कीमतों के कारण छोटे और मध्यम व्यापारी मेले से दूर हैं। जो व्यापारी आए हैं, वे भी कम बिक्री से निराश हैं। व्यापार करना घाटे का सौदा बना मेले में आए व्यापारी रमेश सोनी ने बताया पिछले साल की तुलना में इस बार प्लॉट का किराया लगभग दोगुना हो गया है। ऊपर से खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था भी महंगी हो गई है। ऐसे में व्यापार करना घाटे का सौदा बन गया है। आम ग्राहकों की जेब पर बढ़ती महंगाई का सीधा असर देखा गया। लोग केवल घूमने तक ही सीमित रहे, खरीदारी में रुचि कम रही। कई दुकानदारों ने सामान समेटा कई दुकानदारों ने बताया कि दिनभर दुकान सजाए बैठे रहे, लेकिन बिक्री नहीं के बराबर हुई। कई व्यापारी जो दूर-दराज से मेला लगाने आए थे, उन्होंने निराश होकर मेला खत्म होने से पहले ही सामान समेटना शुरू कर दिया। कुछ ने तो यह भी कहा कि यदि अगले साल हालात ऐसे ही रहे, तो वे मेला लगाने का विचार ही छोड़ देंगे।

Apr 11, 2025 - 17:00
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धर्मशाला धुम्मूशाह मेले में दुकानदारों पर दोहरी मार:प्लॉट के ऊंचे दाम, निगम की 2 हजार प्रतिदिन वसूली, व्यापारी परेशान
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला के प्रसिद्ध दाड़ी धुम्मूशाह मेले में इस बार रौनक कम दिख

धर्मशाला धुम्मूशाह मेले में दुकानदारों पर दोहरी मार

प्लॉट के ऊंचे दाम और निगम की वसूली से व्यापारी परेशान

धर्मशाला में धुम्मूशाह मेले का आयोजन हर साल धूमधाम से किया जाता है, लेकिन इस बार मेले के दुकानदारों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर, प्लॉट के ऊंचे दाम उनके लिए समस्याएँ पैदा कर रहे हैं, वहीं निगम द्वारा प्रतिदिन 2000 रुपए की वसूली भी उनके लिए आर्थिक संकट का कारण बन रही है।

उच्च प्लॉट किराए की समस्या

धर्मशाला का धुम्मूशाह मेला शहर के स्थानीय व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। हालांकि, इस वर्ष प्लॉट किराए में तात्कालिक वृद्धि ने व्यापारियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। दुकानदारों का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार किराया 30-40% तक बढ़ गया है, जो कि उनकी लागत को बढ़ा रहा है।

निगम द्वारा वसूली का प्रभाव

निगम द्वारा प्रतिदिन 2000 रुपए की वसूली व्यवसायियों के लिए एक और चुनौति बन गई है। व्यापारी यह महसूस कर रहे हैं कि इस अतिरिक्त भार के कारण उनके मुनाफे पर असर पड़ा है। दुकानदारों ने मांग की है कि निगम को इस वसूली में कुछ राहत प्रदान करनी चाहिए ताकि वे इस मेले का सही ढंग से आनंद ले सकें।

व्यापारियों की परेशानियां

धर्मशाला के व्यापारी इस स्थिति को लेकर काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि इस तरह के शुल्क और ऊँचे किराए से उनके व्यवसाय को नुकसान हो रहा है और वे अपने उत्पादों की उचित कीमत नहीं तय कर पा रहे हैं। मेले की रौनक को बचाए रखने के लिए व्यापारी स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

News by indiatwoday.com

निष्कर्ष

धर्मशाला धुम्मूशाह मेले में दुकानदारों पर दोहरी मार ने उनके लिए संकट उत्पन्न कर दिया है। अगर जल्द ही.localGovernment इसे नहीं सुलझाता है, तो यह मेले के माहौल और व्यापारियों के जीवन पर गंभीर असर डाल सकता है। Keywords: धर्मशाला धुम्मूशाह मेला, दुकानदारों की परेशानियाँ, निगम की वसूली, प्लॉट के ऊँचे दाम, व्यवसायियों की समस्याएं, व्यापारियों का संकट, मेले की रौनक, स्थानीय प्रशासन की मदद, मेले में किराया, दुकानदारों की मांग

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