नव संवत्सर से पहले इस्कान ने निकाली शोभायात्रा:हिंदू नए साल के प्रति लोगों को जागरूक करने में शामिल हुए लोग
प्रयागराज में शनिवार की रात इस्कान मंदिर की तरफ से हिंदू नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर सिविल लाइंस एरिया में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगा शामिल हुए। इस मौके पर मंदिर से जुड़े लोगों ने सड़क पर चलने वालों को नव संवत्सर की शुभकामना देते हुए उनको हिंदू नए साल के लिए जागरूक किया। नगर संर्कितन से निकाली शोभायात्रा इस्कान मंदिर की ओर से विशेष रूप से नगर संर्कितन शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोोगों ने शोभा यात्रा में शामिल हुए। शोभा यात्रा सिविल लाइंस से शुरू होकर पूरे क्षेत्र में अलग-अलग स्थान से गुजरी। जहां लोगों ने आगे बढ़कर शोभा यात्रा का स्वागत किया। इस बारे में इस्कान मंदिर के मंदिर सचिव जगन्नाथ प्रेम प्रकाश दास ने बताया कि हिंदू नव वर्ष के बारे में लोग कम जागरूक होते है। इसको देखते हुए इस्कान की तरफ से नववर्ष के स्वागत के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जिससे लोगों में हिंदू नववर्ष के प्रति भी जागरूकता बने। बताया कि इस अवसर पर हुए आयोजन में शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग शामिल हुए। इस दौरान पूरे रास्ते भगवान श्रीकृष्ण और श्री राधारानी की प्रतिमा के दर्शन के साथ ही लोगों को प्रसाद का वितरण किया गया।
नव संवत्सर से पहले इस्कान ने निकाली शोभायात्रा
इस साल, इस्कान (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉंशियसनेस) ने नव संवत्सर के आगमन की खुशी में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया। इस शोभायात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू नए साल के प्रति जागरूकता फैलाना था। बड़ी संख्या में लोग इस महोत्सव में शामिल हुए, जिससे धार्मिकता और जातीयता का एक अनूठा संगम देखने को मिला।
शोभायात्रा का आयोजन और इसका महत्व
शोभायात्रा का आयोजन एक विशेष महत्व रखता है। यह न केवल धार्मिक परंपराओं को जीवित करता है, बल्कि लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से भी जोड़ता है। इस्कान द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा में भाग लेने वाले भक्तों ने भक्ति गीत गाए, रंग-बिरंगे परिधानों में सजकर झांकियों की शोभा बढ़ाई, जिससे शहर में एक उत्सव का माहौल बन गया।
लोगों की प्रतिक्रिया
शोभायात्रा के दौरान, स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक रहीं। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजनों से समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है। भक्तों ने बताया कि वे नव संवत्सर के महत्व को समझते हैं और इसे मनाने का एक सही तरीका यही है।
समाज में जागरूकता फैलाना
इस आयोजन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल धार्मिक मान्यता का जश्न है, बल्कि समाज में भारतीय संस्कृतियों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक माध्यम भी है। इस अवसर पर, लोगों को यह बताया गया कि नव संवत्सर का अर्थ क्या होता है और इसे कैसे मनाया जाना चाहिए।
इस्कान द्वारा इस शोभायात्रा का आयोजन एक महान उदाहरण है कि कैसे धार्मिक संस्थाएं समाज को जोड़ने का कार्य कर सकती हैं। ऐसे आयोजनों के माध्यम से, हम अपने मूल्य और परंपराओं को जीवित रख सकते हैं।
इस तरह की गतिविधियों से, नई पीढ़ी को अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ने का एक मौका मिलता है। इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि हम मिलकर अपने धार्मिक त्योहारों का सम्मान करें और इन्हें मनाने का सही तरीका जानें।
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