रिश्वत मांगने का आरोप, ड्राईवर गिरफ्तार:खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी
बिथरी चैनपुर के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अवनीश प्रताप सिंह पर प्रधानाध्यापक से वेतन जारी करने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की दो टीमें लगातार उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। ड्राइवर रंगेहाथ पकड़ा गया बीईओ के चालक वीरपाल को एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद वीरपाल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। प्रधानाध्यापक से मांगे थे पांच हजार रुपये मोहनपुर निवासी प्रधानाध्यापक इलियास ने बताया कि उनका दो महीने का वेतन रुका हुआ था। इसे जारी कराने के लिए जब वे बीईओ अवनीश प्रताप सिंह के पास पहुंचे, तो उन्होंने पांच हजार रुपये की मांग की। इलियास ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग से कर दी, जिसके बाद टीम ने कार्रवाई की। बीईओ ने दी थी यह धमकी पीड़ित प्रधानाध्यापक का कहना है कि बीईओ ने उनसे कहा था, "सीधा ड्राइवर को पांच हजार रुपये दे दो, नहीं तो चक्कर काटते रहोगे। कहीं भी चले जाओ, मुक्ति यहीं से मिलेगी।" बीईओ के खिलाफ मामला दर्ज वीरपाल की गिरफ्तारी के बाद बीईओ के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है। एंटी करप्शन टीम के अनुसार, अवनीश प्रताप सिंह अपने ड्राइवर वीरपाल के जरिए शिक्षकों से अवैध वसूली करवाते थे। कई अध्यापक इस बात की जानकारी रखते हैं। बीईओ की तलाश जारी छापेमारी की खबर मिलते ही बीईओ फरार हो गया। एंटी करप्शन टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। मामले की जांच जारी है।
रिश्वत मांगने का आरोप, ड्राईवर गिरफ्तार: खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी
News by indiatwoday.com
परिस्थितियाँ और जानकारी
हाल ही में, एक खंड शिक्षा अधिकारी पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्राईवर को गिरफ्तार किया। यह प्रक्रिया एक लंबी जांच का हिस्सा है, जिसमें अधिकारियों की भ्रष्टाचार से सम्बंधित गतिविधियों की जांच की जा रही है।
जांच की विशेषताएँ
पुलिस ने जानकारी दी है कि खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। इस मामले में आरोप है कि वह विभिन्न स्कूलों के प्रबंधन से अनियमित रूप से धन जुटा रहे थे। इसके तहत खासकर उन शिक्षकों से पैसे मांगे जा रहे थे जो विभिन्न शैक्षणिक लाभ उठाने के इच्छुक थे। इसलिए, जांच एजेंसियों ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है।
ड्राईवर की गिरफ्तारी
गिरफ्तार ड्राईवर से पूछताछ की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि खंड शिक्षा अधिकारी के साथ वह कितना संलग्न था। पुलिस का मानना है कि ड्राईवर के पास महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है, जिसके जरिए अधिकारी की संलिप्तता के और सबूत मिल सकते हैं।
संदेश और संभावित परिणाम
इस मामले ने शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की समस्या को फिर से उजागर किया है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को ऐसे मामलों का गंभीरता से संज्ञान लेना होगा, ताकि शिक्षा व्यवस्था में निष्पक्षता बनी रहे। इसके साथ ही, इससे अन्य संदिग्ध गतिविधियों का भी पता लगाने में मदद मिलेगी।
समापन नोट
यह मामला अभी भी चल रहा है और पुलिस कार्रवाई जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में और भी प्रगति होगी। लोगों को अधिकारियों की पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए आवाज उठानी होगी।
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