नोएडा में प्रदेश सरकार के खिलाफ आप का विरोध:DM को सौंपा ज्ञापन, बोले " स्कूल बंद करने का फैसला भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा"

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष राकेश अवाना के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने सरकार की इस शिक्षा विरोधी नीति पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। राकेश अवाना ने कहा कि प्रदेश सरकार 27000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लेने जा रही है, जो प्रदेश के लाखों गरीब, दलित, और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्होंने कहा कि "यह फैसला सिर्फ शिक्षा पर हमला नहीं है, बल्कि हमारे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों पर एक बड़ा प्रहार है"। 27,000 स्कूल बंद करने का फैसला बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा है। यह कदम बताता है कि सरकार को गरीबों की शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। हम इस लड़ाई को जन-जन तक लेकर जाएंगे और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह इस अन्यायपूर्ण फैसले को तुरंत वापस ले। उन्होंने आगे कहा, इससे पहले 2020 में भी 26,000 सरकारी स्कूल बंद किए गए थे, और अब फिर से एक बड़ी संख्या में स्कूल बंद करने की योजना बनाई जा रही है। यह केवल सरकारी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश है, ताकि निजी विद्यालयों को बढ़ावा दिया जा सके। हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, चाहे वह किसी भी आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो। प्रदर्शन के बाद, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने के फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की गई है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस निर्णय से न केवल प्रदेश के लाखों बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि सैकड़ों योग्य शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।

Nov 9, 2024 - 16:55
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नोएडा में प्रदेश सरकार के खिलाफ आप का विरोध:DM को सौंपा ज्ञापन, बोले " स्कूल बंद करने का फैसला भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा"
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष राकेश अवाना के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने सरकार की इस शिक्षा विरोधी नीति पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। राकेश अवाना ने कहा कि प्रदेश सरकार 27000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लेने जा रही है, जो प्रदेश के लाखों गरीब, दलित, और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्होंने कहा कि "यह फैसला सिर्फ शिक्षा पर हमला नहीं है, बल्कि हमारे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों पर एक बड़ा प्रहार है"। 27,000 स्कूल बंद करने का फैसला बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने जैसा है। यह कदम बताता है कि सरकार को गरीबों की शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। हम इस लड़ाई को जन-जन तक लेकर जाएंगे और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह इस अन्यायपूर्ण फैसले को तुरंत वापस ले। उन्होंने आगे कहा, इससे पहले 2020 में भी 26,000 सरकारी स्कूल बंद किए गए थे, और अब फिर से एक बड़ी संख्या में स्कूल बंद करने की योजना बनाई जा रही है। यह केवल सरकारी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश है, ताकि निजी विद्यालयों को बढ़ावा दिया जा सके। हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, चाहे वह किसी भी आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो। प्रदर्शन के बाद, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने के फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की गई है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस निर्णय से न केवल प्रदेश के लाखों बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि सैकड़ों योग्य शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।

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