पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का आदेश बना उलझन, निर्वाचन आयोग अब सोमवार को स्थिति साफ करने का करेगा अनुरोध

देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति लगातार बनी हुई है। हाईकोर्ट द्वारा 11 जुलाई को दिए गए आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है। सबसे बड़ी उलझन उन वोटरों को लेकर है जिनके नाम दो स्थानों पर दर्ज हैं। निर्वाचन आयोग का कहना …

Jul 13, 2025 - 09:27
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पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का आदेश बना उलझन, निर्वाचन आयोग अब सोमवार को स्थिति साफ करने का करेगा अनुरोध
देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति लगातार बनी हुई है। हाईकोर्ट द्वार

पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का आदेश बना उलझन, निर्वाचन आयोग अब सोमवार को स्थिति साफ करने का करेगा अनुरोध

देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति लगातार बनी हुई है। हाईकोर्ट द्वारा 11 जुलाई को दिए गए आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है। सबसे बड़ी उलझन उन वोटरों को लेकर है जिनके नाम दो स्थानों पर दर्ज हैं।

निर्वाचन आयोग का कहना है कि कोर्ट के आदेश में कई पहलुओं को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, खासकर स्क्रूटनी और दोहरी मतदाता सूची के मामलों में। इसी कारण अब आयोग ने निर्णय लिया है कि वह आगामी सोमवार को पुनः हाईकोर्ट का रुख करेगा। इस बार आयोग अदालत से 11 जुलाई के आदेश की व्याख्या और स्पष्टीकरण मांगेगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति का समाधान हो सके।

पंचायत चुनावों की स्थिति

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का आयोजन कई चरणों में होना है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश ने इन चुनावों की प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कई मतदाताओं का नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज होने के कारण स्पष्टता की कमी ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है। निर्वाचन आयोग ने इसे आगामी चुनावों के लिए एक बड़ी समस्या बताया है। इसके अतिरिक्त, आयोग अब स्पष्टता चाहता है कि यदि किसी व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज है, तो उसके मतदान का अधिकार कैसे सुनिश्चित किया जाए।

सोमवार का महत्व

सोमवार का दिन आयोग के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन की सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि क्या आगामी पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं। इसमें आयोग द्वारा हाईकोर्ट से मांगी गई स्पष्टीकरण कितनी सहायक होगी, यह देखने वाली बात होगी। यदि सही दिशा में निर्णय लिया जाता है, तो यह चुनौतियों को कम कर सकता है और चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद मिल सकती है।

आगामी चुनावों की रूपरेखा

नीति विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव आयोग को मतदान प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। इसके लिए नई टेक्नोलॉजी और बेहतर प्रबंधन प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जा सकता है। संभावित चुनौतियों का समाधान करने के लिए आयोग को स्पष्ट दिशा-निर्देश और सहायता की आवश्यकता होगी।

संक्षेप में

इस पूरे मामले ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता को जन्म दिया है। मतदाताओं के साथ-साथ चुनाव अधिकारियों के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। सोमवार की सुनवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ प्रदान कर सकती है। अंतिम निर्णय के बाद ही पंचायत चुनावों का भविष्य स्पष्ट होगा।

मुख्य बातें 

  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद दोहरे वोटर मामलों पर असमंजस।
  • निर्वाचन आयोग सोमवार को कोर्ट में मांगेगा स्पष्टीकरण।
  • स्क्रूटनी प्रक्रिया को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं।
  • सोमवार को हो सकता है स्थिति का अंतिम निर्णय।

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