पतंग उड़ाकर दिया सूखती यमुना को बचाने का संदेश:आगरा में मकर संक्रांति पर हुआ पतंग महोत्सव, शहर भर में हुए खिचड़ी के भंडारे
आगरा में मकर संक्रांति पर यमुना किनारे यमुना आरती स्थल पर 11वें पतंग महोत्सव का आयोजन हुआ। सैंकड़ों लोगों ने यमुना को साफ रखने के संकल्प के साथ पतंगे उड़ाईं। पतंग काटने की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस साल महोत्सव का संदेश चलो महाकुंभ की ओर था। शहर भर में जगह-जगह खिचड़ी भोज हुए। जरूरतमंदों को दान आदि दिए गए। रिवर कनेक्ट अभियान द्वारा आयोजित पतंग महोत्सव हर साल यमुना किनारे होता है। कार्यक्रम का उद्देश्य नदी की भयावह स्थिति को उजागर करना है। महोत्सव में आए लोगों ने यमुना मैया को बचाने का संकल्प लिया। सभी लोगों ने पतंगे उड़ाई। कोई अपने परिवार के साथ आया तो कोई अपने दोस्तों के साथ। पुरुषों, बच्चों और महिलाओं ने पतंगे उड़ाईं। एक-दूसरे की पतंगे काटी भी। यमुना आरती स्थल पर कुछ दूरी तक सिर्फ पतंगें दिखाई दे रही थीं। खूब पेच लड़े और लोगों ने काटा बे की आवाजें भी लगाईं। सेल्फी बूथ पर फोटो खिंचवाईं। संयोजक जुगल श्रोतिय ने कहा कि इस बार हम कुंभ के दर्शन का संदेश देना चाहते हैं। साथ ही यमुना को साफ रखने का उद्देश्य इस महोत्सव का सालों से है। नगर निगम का रहा सहयोग पतंग महोत्सव में नगर निगम का सहयोग रहा। पूरे कार्यक्रम को साफ करने के साथ ही वेट और ड्राइ वेस्टेज का संदेश देने के लिए बलून भी उड़ाए गए। लोगों ने हवा वाले कॉस्टयूम पहनकर आए नगर निगम के कर्मियों के साथ फोटो भी खिंचवाई। खिचड़ी के हुए भंडारे मकर संक्राति पर शहर भर में जगह-जगह खिचड़ी के भंडारे हुए। संस्थाओं, सोसाइटियों और मंदिरों के बाहर खिचड़ी भोज के स्टॉल लगाए गए थे। लोगों ने जरूरतमंदों को दान आदि भी दिए। दर्शन करने के लिए मंदिरों में भक्त भी पहुंचे। पंचवटी परिवार द्वारा मकर संक्रांति पर पंचवटी कॉलोनी ताज नगरी 100 फूटा रोड पर हजारों राहगीरों के लिए विशेष भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें खिचड़ी, गुड़, चाय, बिस्किट, पूरी सब्जी दी गई।
पतंग उड़ाकर दिया सूखती यमुना को बचाने का संदेश
आगरा में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित पतंग महोत्सव ने न केवल उत्साह बढ़ाया, बल्कि सूखती यमुना नदी को बचाने का भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस उत्सव में शहर भर में खिचड़ी के भंडारे आयोजित किए गए, जहां लोगों ने एकत्र होकर परंपरागत खाद्य पदार्थ का आनंद लिया।
पतंग महोत्सव का उद्देश्य
इस वर्ष का पतंग महोत्सव विशेष रूप से यमुना नदी के संरक्षण के लिए समर्पित रहा। प्रतिभागियों ने पतंग उड़ाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। आयोजकों का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का स्रोत होते हैं, बल्कि यह एक सामाजिक दृष्टि को भी प्रदान करते हैं। लोग अपनी पतंगों के माध्यम से यमुना की स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाने का संदेश देते रहे।
खिचड़ी के भंडारे: एक पारंपरिक पहल
अतिरिक्त, मकर संक्रांति पर खिचड़ी के भंडारे ने इस परंपरा को जीवित रखा। आगरा शहर के विभिन्न स्थानों पर भंडारे का आयोजन किया गया, जहां अनेक लोग मिलकर खिचड़ी का आनंद लेते थे। ये आयोजनों ने न केवल सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखा, बल्कि एकता और भाईचारे का भी अनुभव कराया।
समाज में जागरूकता
पतंग महोत्सव और खिचड़ी के भंडारे ने शहरवासियों में यमुना नदी के संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। स्थानीय निवासियों ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को अपने पतंगों के माध्यम से उजागर किया। इस महोत्सव में बच्चों से लेकर बड़ों तक ने भाग लिया, जिससे एक साझा उद्देश्य के लिए एकजुटता का भाव पैदा हुआ।
इस तरह के आयोजन हमारे समाज को एकजुट करने और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं। इस महोत्सव में भाग लेकर सभी ने यमुना नदी के संरक्षण का संदेश फैलाने की प्राथमिकता दी।
अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी व्यक्तिगत रूप से भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें और यमुना को बचाने की दिशा में अपने प्रयास जारी रखें।
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