पुतिन का सीजफायर की कोशिशों के लिए ट्रम्प-मोदी को धन्यवाद:कहा- सीजफायर प्रस्ताव से सहमत, लेकिन इससे जंग की वजह खत्म हो
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से सीजफायर की बातचीत पर गुरुवार को पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। एक सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि रूस सीजफायर के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन इससे लॉन्गटर्म में शांति और जंग की मूल वजहों का समाधान होना चाहिए। पुतिन ने जवाब देने से पहले सीजफायर पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद दिया। उन्होंने जंग के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई नेताओं का आभार भी जताया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन ने अमेरिका के दबाव में सीजफायर पर सहमति जताई है, जबकि मौजूदा हालात को देखते हुए उसे खुद ही अमेरिका से इस प्रस्ताव की मांग करनी चाहिए थी। यूक्रेन 30 दिन के सीजफायर के लिए तैयार जंग में सीजफायर को लेकर मंगलवार को सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में यूक्रेन ने 30 दिन के सीजफायर पर सहमति जताई है। अमेरिका इस प्लान को रूस के सामने पेश करना चाहता है। हालांकि रूस ने पहले किसी भी तरह के अस्थाई सीजफायर से इनकार किया था। पुतिन ने कहा था किसी भी अस्थाई सीजफायर से यूक्रेन की सेना को ही फायदा होगा। जंग के मैदान में पिछड़ रही यूक्रेनी सेना को इससे अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने और तैयारी करने में मदद मिलेगी। रूस ने पश्चिमी देशों से एक व्यापक सुरक्षा समझौते की मांग की है। इसमें यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करने की गारंटी भी शामिल है। दिसंबर में पुतिन ने कहा था कि “हमें सीजफायर की नहीं शांति की आवश्यकता है। रूस और उसके नागरिकों को सुरक्षा गारंटी के साथ शांति चाहिए।” रूस ने कुर्स्क के सबसे बड़े शहर पर फिर से कंट्रोल किया रूस के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को दावा किया है कि उसकी सेना ने कुर्स्क इलाके के सबसे बड़े शहर सुद्जा पर कंट्रोल हासिल कर लिया है। राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार (12 मार्च) को ही मिलिट्री यूनिफॉर्म में कुर्स्क का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों को इस क्षेत्र से बाहर निकालने की बात कही थी। पुतिन बुधवार को कुर्स्क में रूसी सेना की एक कमान पोस्ट पर पहुंचे थे। उनके साथ रूस के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल वालेरी गेरासिमोव भी थे। राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पुतिन की तस्वीरें जारी की थीं। पुतिन बोले- रूसी इलाके से पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक आतंकी माने जाएं राष्ट्रपति पुतिन ने 12 मार्च को कहा कि कुर्स्क से पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों के साथ रूसी कानून के तहत आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जाए और उन पर मुकदमा चलाया जाए। जनरल गेरासिमोव ने कहा कि ऑपरेशन में 400 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों को पकड़ा गया है। पुतिन ने कहा कि भाड़े के विदेशी सैनिक जेनेवा कन्वेंशन के तहत नहीं आते हैं। रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन की तरफ विदेशी सैनिक भी लड़ रहे हैं। इसी महीने रूस ने कुर्स्क से यूक्रेन की तरफ से लड़ रहे 22 साल के एक ब्रिटिश लड़के को पकड़ा था। उसे आतंकवाद के आरोप में 19 साल की सजा सुनाई गई है। रूस के 74 गांवों पर यूक्रेन ने कब्जा किया था यूक्रेनी सेना ने अगस्त में रूस के कुर्स्क इलाके में 74 गांवों पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन के अचानक हमले के बाद दो लाख रूसी नागरिकों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा था। यूक्रेन ने 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला शुरू किया था। उसने 13 अगस्त तक 1000 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद रूस ने पलटवार करते हुए कुर्स्क में यूक्रेन से 40% इलाका वापस छीनकर यहां 59 हजार सैनिक तैनात कर दिए। अभी तक यूक्रेन का 20% हिस्सा रूसी कंट्रोल में रूस युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन के लगभग 20% हिस्सा पर कब्जा कर चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है। ------------------------ रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... रूसी आर्मी ने गैस पाइपलाइन में 15KM चलकर हमला किया:यूक्रेनी सेना पर टारगेट अटैक; 8 महीने से कुर्स्क इलाके में लड़ाई जारी यूक्रेनी सेना ने पिछले साल अगस्त में रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला कर लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया था। रूसी सेना तबसे यूक्रेन को यहां से खदेड़ने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। रविवार को रूसी की स्पेशल फोर्स ने कुर्स्क में यूक्रेनी सेना पर हमला करने के लिए करीब 15 किमी एक गैस पाइपलाइन के अंदर पैदल सफर किया। पूरी खबर पढ़ें...

पुतिन का सीजफायर की कोशिशों के लिए ट्रम्प-मोदी को धन्यवाद
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में सीजफायर के प्रयासों में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। इस आवाहन को वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पुतिन ने कहा कि सीजफायर प्रस्ताव से उनकी सहमति है, लेकिन यह स्पष्ट किया कि यह जंग के मूल कारणों को ठीक नहीं करेगा।
सीजफायर प्रस्ताव का महत्व
सीजफायर प्रस्ताव एक ऐसा रास्ता है जो संघर्ष की स्थिति को सामान्य करने के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध की जटिलता को कम करने में मदद करता है। पुतिन ने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव से तनाव को कम करने और वार्ता के लिए एक मंच बनता है। हालाँकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बिना ठोस नीतियों के, यह केवल एक अस्थायी समाधान होगा।
ट्रम्प और मोदी की भूमिका
डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी दोनों ही अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनके संवाद और प्रयासों ने रूस और अन्य देशों के बीच तनाव को कम करने में मदद की है। पुतिन ने उन दोनों के योगदान की सराहना की और उम्मीद जाहिर की कि वे भविष्य में भी इस दिशा में काम करते रहेंगे।
जंग की असली वजहें
पुतिन का कहना है कि जब तक युद्ध का कारण समाप्त नहीं होता, तब तक केवल सीजफायर प्रस्ताव ही स्थिति को स्थायी नहीं बना सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर गहरी समझ और सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया। इसका मतलब है कि निरंतर संवाद और स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जो केवल एक परीक्षण नहीं, बल्कि एक स्थायी परिवर्तन हो।
यह बयान उस समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति के लिए प्रयास कर रहा है। पुतिन के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि संघर्षों के समाधान के लिए केवल संघर्ष विराम ही नहीं, बल्कि गहरे संवाद और लगातार सहयोग की आवश्यकता है।
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