प्रयागराज महाकुंभ में संभल के ग्रामीण की मौत:बेरनी के साधु-संतों के साथ गया था, भगदड़ में टूटी पसली, भतीजा बोला: इलाज नहीं मिला
संभल का ग्रामीण प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हुआ और परिजनों से बेहतर इलाज के लिए वापस घर लेकर आ रहे थे इस दौरान उसकी रास्ते में मौत हो गई। संभल के थाना कुढ़फत्तेह गढ़ के गांव बैरनी के रहने वाले बृजपाल प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर शाही स्नान करने गए थे। कुंभ में मची भगदड़ के दौरान भीड़ के बीच में दबकर पसली टूटने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। लोगों ने उसे पहले महाकुंभ के सेक्टर 19 में झोसीवाला बाबा के आश्रम में ले गए। इलाज नहीं मिला तो परिजन वापस घर के लिए लेकर आने लगे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी देकर एसडीएम निधि पटेल से मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है। बेरनी गांव के साधु-संतो के साथ गया था गांव बेरनी में प्राचीन शिव मंदिर के महत्व महादेव गिरी महाराज राजगिरी बाबा मंजरी बाबा समेत करीब 10 से 15 लोग महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्थान करने के लिए गए थे। उसी में मृतक ग्रामीण भी शामिल था। उक्त सभी लोग प्रयागराज सेक्टर 19 में जूना अखाड़े में ठहरे थे। मृतक की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, जिससे दो बेटे जितेंद्र व रविंद्र सहित दो बेटियों की शादी हो चुकी है। दूसरी पत्नी उर्मिला देवी से तीन बेटियां सरस्वती, सोनम व मोना है, पिता की मौत के बाद तीनों बेटियां सहित पूरे परिवार के लोगों का रो-रो कर पूरा हाल है। मृतक ग्रामीण के पास खेती की 15 बीघा भूमि भी है। भतीजे ने बताया- सही से नहीं मिला इलाज भतीजे पवन कुमार ने बताया कि भगदड़ में चाचा को चोट लगी थी किसी भी अस्पताल में कोई इलाज नहीं मिला, 27 जनवरी को मेरा भाई गया था और उसने वहां जाकर देखा तो 1076 पर कॉल की तब भी कोई इलाज नहीं मिला, सुनवाई नहीं होने के बाद जब घर के लिए लेकर आया तो रास्ते में चाचा ने दम तोड़ दिया।

प्रयागराज महाकुंभ में संभल के ग्रामीण की मौत: भगदड़ में टूटी पसली
News by indiatwoday.com
मामला और घटनाक्रम
प्रयागराज महाकुंभ 2023 में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां संभल के एक ग्रामीण की मौत की खबर ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक, जो भगदड़ के दौरान अपने भतीजे के साथ वहां मौजूद था, को गंभीर चोटें आई थीं। इसकी जांच के बाद पता चला कि छोटी सी हुई भगदड़ के कारण उनकी पसली टूटी थी।
भगदड़ का कारण
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भारी भीड़ होना आम बात है। लेकिन, दुर्भाग्यवश, इस बार भगदड़ ने कई लोगों को घायल कर दिया। यह स्पष्ट नहीं है कि भगदड़ का मुख्य कारण क्या था, लेकिन स्थानीय साधु-संतों के साथ जाने के दौरान हुई इस दुर्घटना ने एक गाँव को शोक में डुबो दिया।
परिजनों की आपत्ति
मृतक के भतीजे ने आरोप लगाया है कि उनके चाचा को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिली। उन्होंने अपने दर्दनाक अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर सही समय पर डॉक्टरों से संपर्क किया जाता, तो शायद उनके चाचा की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना ने न केवल परिवार को दुखी किया है बल्कि इलाके में भी चिंता का कारण बना है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के इंतजामों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
कुल मिलाकर स्थिति
प्रयागराज महाकुंभ में इस प्रकार की घटनाएं न केवल दुखद होती हैं, बल्कि यह ज़रूरी है कि आगामी आयोजनों में कहीं भी भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के उपाय लागू किए जाएं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।
महाकुंभ के आयोजन के दौरान इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन और आयोजकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित हो सके।
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