फर्जी निवेश घोटाले में फंसे अनी बुलियन के निदेशक:ईडी की चार्जशीट पर लखनऊ पीएमएलए कोर्ट ने लिया संज्ञान; मांगी पूरी रिपोर्ट

अनी बुलियन के निदेशक अजीत गुप्ता और उनकी आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट पर लखनऊ पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया है। चार्जशीट में अजीत गुप्ता पर बुलियन कारोबार, शेयर ट्रेडिंग और रियल एस्टेट में सैकड़ों लोगों को फर्जी स्कीमों का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 33 मुकदमों के आधार पर हुई जांच शुरू चार्जशीट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अजीत गुप्ता के खिलाफ 33 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं मामलों के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। आरोप है कि अजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर निवेशकों को 40% तक लाभ देने का झांसा दिया और उनसे करोड़ों रुपए हड़प लिए। पत्नी के नाम का इस्तेमाल ईडी ने खुलासा किया है कि अजीत गुप्ता ने इस धोखाधड़ी में अपनी आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह के नाम का भी इस्तेमाल किया। आरोप है कि अजीत ने काली कमाई से अपनी पत्नी और साथियों के नाम पर घर, कृषि भूमि और अन्य संपत्तियां खरीदीं। 2014 में बनाई थी कंपनी चार्जशीट में कहा गया है कि 2014 में अजीत गुप्ता ने संतोष गुप्ता, अंजनी कौशल, और विष्णु गुप्ता के साथ मिलकर अनी बुलियन ट्रेडिंग और अनी बुलियन ट्रेडर्स नामक संस्थाएं स्थापित कीं। इनका इस्तेमाल निवेशकों को फर्जी स्कीमों में फंसाने के लिए किया गया। क्या है पूरा मामला हजारों निवेशकों के साथ 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाली अनी बुलियन कंपनी की 7.07 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को जब्त कर लिया। दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में कंपनी के 20 भूखंडों एवं भवनों को जांच एजेंसी ने अपने कब्जे में लिया है। ईडी ने वर्ष 2019 में अनी बुलियन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इससे पहले कंपनी के खिलाफ अयोध्या, लखनऊ समेत कई जिलों में पुलिस ने सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए थे। कंपनी के कर्ता-धर्ता अजीत कुमार गुप्ता को एसटीएफ ने जुलाई 2020 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था।

Nov 27, 2024 - 22:30
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फर्जी निवेश घोटाले में फंसे अनी बुलियन के निदेशक:ईडी की चार्जशीट पर लखनऊ पीएमएलए कोर्ट ने लिया संज्ञान; मांगी पूरी रिपोर्ट
अनी बुलियन के निदेशक अजीत गुप्ता और उनकी आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट पर लखनऊ पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया है। चार्जशीट में अजीत गुप्ता पर बुलियन कारोबार, शेयर ट्रेडिंग और रियल एस्टेट में सैकड़ों लोगों को फर्जी स्कीमों का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 33 मुकदमों के आधार पर हुई जांच शुरू चार्जशीट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अजीत गुप्ता के खिलाफ 33 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं मामलों के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। आरोप है कि अजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर निवेशकों को 40% तक लाभ देने का झांसा दिया और उनसे करोड़ों रुपए हड़प लिए। पत्नी के नाम का इस्तेमाल ईडी ने खुलासा किया है कि अजीत गुप्ता ने इस धोखाधड़ी में अपनी आईएफएस पत्नी निहारिका सिंह के नाम का भी इस्तेमाल किया। आरोप है कि अजीत ने काली कमाई से अपनी पत्नी और साथियों के नाम पर घर, कृषि भूमि और अन्य संपत्तियां खरीदीं। 2014 में बनाई थी कंपनी चार्जशीट में कहा गया है कि 2014 में अजीत गुप्ता ने संतोष गुप्ता, अंजनी कौशल, और विष्णु गुप्ता के साथ मिलकर अनी बुलियन ट्रेडिंग और अनी बुलियन ट्रेडर्स नामक संस्थाएं स्थापित कीं। इनका इस्तेमाल निवेशकों को फर्जी स्कीमों में फंसाने के लिए किया गया। क्या है पूरा मामला हजारों निवेशकों के साथ 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाली अनी बुलियन कंपनी की 7.07 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को जब्त कर लिया। दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में कंपनी के 20 भूखंडों एवं भवनों को जांच एजेंसी ने अपने कब्जे में लिया है। ईडी ने वर्ष 2019 में अनी बुलियन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इससे पहले कंपनी के खिलाफ अयोध्या, लखनऊ समेत कई जिलों में पुलिस ने सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए थे। कंपनी के कर्ता-धर्ता अजीत कुमार गुप्ता को एसटीएफ ने जुलाई 2020 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था।

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