बलवंत हत्याकांड में कोर्ट के फैसले से परिजन असंतुष्ट:चाचा बोले- आरोपियों को नहीं मिली कठोर सजा, न्याय के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम-कोर्ट जाएंगे

कानपुर देहात में बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में एडीजे कोर्ट संख्या-5 ने तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह और मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। इस मामले में 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया है। मृतक बलवंत के परिजन और चाचा इस फैसले से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि आरोपियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए थी, जो कि नहीं मिली। न्याय के लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक क्यों न जाना पड़े जाएंगे। बलवंत के चाचा अंगद सिंह ने न्यायालय के फैसले पर कहा कि न्याय हुआ कहां है? मामले में 11 आरोपी थे जिनमें से तीन को पहले ही बरी कर दिया गया। अब जो फैसला आया है उसमें 6 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया है। दो पुलिसकर्मियों को सजा हुई है वह भी 5 साल की यह न्याय नहीं है। वह न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक जाएंगे और एक साल के अंदर वह न्याय लेकर रहेंगे। 12 दिसंबर 2022 को हुई थी मौत गौरतलब है कि शिवली कोतवाली क्षेत्र के सरैंया लालपुर निवासी बलवंत की रनियां थाने में पुलिस की पिटाई से 12 दिसंबर 2022 को मौत हो गई थी। बलवंत के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर तत्कालीन एसओजी प्रभारी और शिवली कोतवाल सहित 11 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचक ने जांच के बाद 8 पुलिस कर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई कानपुर देहात के एडीजे कोर्ट संख्या-5 में चल रही थी।

Oct 24, 2024 - 18:40
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बलवंत हत्याकांड में कोर्ट के फैसले से परिजन असंतुष्ट:चाचा बोले- आरोपियों को नहीं मिली कठोर सजा, न्याय के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम-कोर्ट जाएंगे
कानपुर देहात में बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में एडीजे कोर्ट संख्या-5 ने तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह और मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। इस मामले में 6 अन्य पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया है। मृतक बलवंत के परिजन और चाचा इस फैसले से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि आरोपियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए थी, जो कि नहीं मिली। न्याय के लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक क्यों न जाना पड़े जाएंगे। बलवंत के चाचा अंगद सिंह ने न्यायालय के फैसले पर कहा कि न्याय हुआ कहां है? मामले में 11 आरोपी थे जिनमें से तीन को पहले ही बरी कर दिया गया। अब जो फैसला आया है उसमें 6 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया है। दो पुलिसकर्मियों को सजा हुई है वह भी 5 साल की यह न्याय नहीं है। वह न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक जाएंगे और एक साल के अंदर वह न्याय लेकर रहेंगे। 12 दिसंबर 2022 को हुई थी मौत गौरतलब है कि शिवली कोतवाली क्षेत्र के सरैंया लालपुर निवासी बलवंत की रनियां थाने में पुलिस की पिटाई से 12 दिसंबर 2022 को मौत हो गई थी। बलवंत के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर तत्कालीन एसओजी प्रभारी और शिवली कोतवाल सहित 11 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचक ने जांच के बाद 8 पुलिस कर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई कानपुर देहात के एडीजे कोर्ट संख्या-5 में चल रही थी।

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