बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार केस में बरी:सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल की सजा को पलटा; पिछले साल जेल से रिहा हुई

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और BNP नेता खालिदा जिया की भ्रष्टाचार केस में बरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए खालिदा की 10 साल सजा को खारिज कर दिया। उन्हें पिछले साल अगस्त में जेल से रिहा किया गया था। 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। चीफ जस्टिस डॉ. सैयद रैफात की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसले के पीछे खालिदा और बाकी लोगों पर बदले की मंशा से कार्रवाई करने का हवाला दिया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक खालिदा जिया के अलावा, BNP के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और बाकी लोगों को भी रिहा कर दिया गया है। इन सभी को जिया अनाथालय ट्रस्ट घोटाले से जुड़े मामले में दोषी बनाया गया था। 2018 में 10 साल की सजा मिली खालिदा जिया को 8 फरवरी 2018 को ढाका की स्पेशल कोर्ट ने जिया अनाथालय ट्रस्ट के नाम पर सरकारी पैसे का गबन करने के आरोप में 5 सुनाई गई थी। खालिदा के बेटे तारिक और अन्य 5 आरोपियों को भी 10 साल कठोर कारावास की सजा दी गई थी। इन पर 2.1 करोड़ बांग्लादेशी टका का जुर्माना भी लगा था। तारिक और अन्य 2 आरोपी फरार हो गए थे। जिया ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2018 को सुनवाई करते हुए सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया था। इसके बाद खालिदा ने सजा के खिलाफ लीव-टू-अपील यानी सीधे सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने की अपील की थी। 5 साल तक कानूनी प्रक्रियाओं के चलते इसमें देरी होती रही। इलाज के लिए लंदन में हैं खालिदा खालिदा लंबे समय से बीमार चल रही हैं। इस महीने की शुरुआत में 7 जनवरी को वे इलाज के लिए लंदन गई हैं। उन्हें कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई थी। हसीना को लिवर सिरोसिस, हार्ट डिजीज और किडनी की बीमारी है। खालिदा जिया दो बार 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। -------------------------- बांग्लादेश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... शेख हसीना के पिता अब बांग्लादेश के राष्ट्रपिता नहीं:नई स्कूली किताबों में खालिदा जिया के पति जियाउर रहमान को आजादी का क्रेडिट दिया बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाना शुरू कर दिया है। मौजूदा सरकार ने बांग्लादेश की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करने का फैसला किया है। डेली स्टार के मुताबिक अब से किताब में बताया जाएगा कि साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मुजीबुर्रहमान ने नहीं बल्कि जियाउर रहमान ने दिलाई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 15, 2025 - 15:30
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार केस में बरी:सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल की सजा को पलटा; पिछले साल जेल से रिहा हुई
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और BNP नेता खालिदा जिया की भ्रष्टाचार

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार केस में बरी

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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया है। इस निर्णय ने राजनीतिक और कानूनी परिदृश्य में एक नया मोड़ लाया है। पिछले एक दशक से अधिक समय से चल रहे इस केस में खालिदा जिया को 10 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को पलट दिया है।

भ्रष्टाचार केस का परिचय

खालिदा जिया, जो बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, पर आरोप था कि उन्होंने अपनी पार्टी के निधियों का दुरुपयोग किया। इस मामले में पहले उन्हें 2018 में दोषी ठहराया गया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था। उनके समर्थन में निंदा और राजनीतिक एजेंडे के आरोप भी लगे थे।

जेल से रिहाई और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

पिछले साल, खालिदा जिया को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जेल से रिहा किया गया था। उनके वकीलों ने यह दावा किया था कि उन्हें एक उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की फिर से जांच की और खालिदा जिया को बरी करने का निर्णय सुनाया। यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण विकास माना जा रहा है।

राजनीतिक प्रभाव

इसके अलावा, इस निर्णय का बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। खालिदा जिया की पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), इस फैसले को एक जीत के रूप में देख रही है। इससे पार्टी के समर्थकों में उत्साह बढ़ा है और आगामी चुनावों में उनकी भागीदारी की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।

निष्कर्ष

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के मामले का यह निर्णय यह दिखाता है कि कानूनी और राजनीतिक जद्दोजहद के बीच क्या-क्या हो सकता है। इसके पीछे की सच्चाई को जानने का प्रयास जारी रहेगा। इस समय, देश की राजनीतिक स्थिति पर नज़र रखना महत्वपूर्ण होगा ताकि यह देखा जा सके कि यह निर्णय बांग्लादेश के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा।

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