भाजपा के जिले में नहीं चला मंडल का फार्मूला:वर्तमान जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने फिर ठोकी दावेदारी

भाजपा की ओर से मंडल अध्यक्षों की सूची जारी करने के साथ ही जिलाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। लेकिन मंडल अध्यक्षों के चुनाव का फार्मूला जिले में लागू नहीं नजर आया। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की ओर से एक फार्मूला दिया गया था कि जो अध्यक्ष लगातार दो बार से पद पर हैं, उन्हें इस बार मौका नहीं दिया जाएगा। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में इसका असर नजर आया। जिला व महानगर के 39 मंडलों में दो बार अध्यक्ष रहे किसी पदाधिकारी ने अपना नामांकन नहीं किया था। लेकिन जिलाध्यक्ष के चुनाव में पिछले दो बार से अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे वर्तमान अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने तीसरी बार भी दावेदारी की है। गुरुवार को हुए नामांकन में उनके सहित 35 कार्यकर्ताओं ने पर्चा दाखिल किया है। भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर गुरुवार को दिनभर गहमागहमी रही। जिलाध्यक्ष बनने के लिए 35 लोगों ने यहां नामांकन किया। इनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें जिलाध्यक्ष के अलावा जिला स्तर के 12 अन्य पदाधिकारी भी शामिल हैं। दो मंडल अध्यक्षों तो भाजयुमो के जिलाध्यक्ष ने भी अपनी दावेदारी पेश की है। इनमें से 3 नामों को प्रदेश नेतृत्व के पास भेजा जाएगा। साथ ही पर्चा दाखिल करने वाले सभी कार्यकर्ताओं के नाम भी भेजे जाएंगे। प्रदेश नेतृत्व की सहमति से पर्चा दाखिल करने का दावा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह जब स्वयं भी पर्चा दाखिल करने पहुंचे तो अन्य कार्यकर्ताओं के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। यह बताया गया कि प्रदेश नेतृत्व से उन्हें पर्चा दाखिल करने की अनुमति दी गई है। जिलाध्यक्ष के नामांकन करने के बाद अब यह माना जा रहा है कि महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता भी तीसरी बार दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। महानगर अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार को नामांकन होगा। इन्होंने किया नामांकन रानीडीहा स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर चुनाव अधिकारी केदारनाथ सिंह की देखरेख में नामांकन प्रक्रिया संपन्न हुई। युधिष्ठिर सिंह (वर्तमान जिलाध्यक्ष), उपाध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल, छोटेलाल मौर्य, चंद्रबाला श्रीवास्तव, संजय सिंह, जगदीश चौरसिया व हरिकेश राम त्रिपाठ, जिला महामंत्री ब्रह्मानंद शुक्ल व सबल सिंह पालीवाल, डा. जिला मंत्री सदानंद शर्मा व ओमप्रकाश धर द्विवेदी, शत्रुघ्न कसौधन (कोषाध्यक्ष), गुलाबरध्वज सिंह उर्फ महंत सिंह, मनोज राम त्रिपाठी, घनश्याम मिश्र, दीपक जायसवाल, संतोष शुक्ल, धरणीधर राम त्रिपाठी, सोमनाथ सिंह सोनू, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष नीरज दुबे "दुर्गेश", देवानन्द शुक्ल, दीपक सिंह, गीतांजलि श्रीवास्तव, बीना उपाध्याय, सुधा सिंह, मनोज सिंह, चंदन मिश्र, अभिमन्यु मौर्य, सुदर्शन साहनी व प्रदीप सिंह व अन्य। महानगर अध्यक्ष पद के लिए आज दाखिल होगा पर्चा महानगर अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार को पर्चा दाखिल किया जाएगा। बेनीगंज स्थित भाजपा कार्यालय पर महानगर के कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से नामांकन कर सकेंगे। महानगर के सह चुनाव अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि चुनाव अधिकारी सुरेश तिवारी की मौजूदगी में नामांकन कार्य संपन्न होगा।

Jan 10, 2025 - 02:50
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भाजपा के जिले में नहीं चला मंडल का फार्मूला:वर्तमान जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने फिर ठोकी दावेदारी
भाजपा की ओर से मंडल अध्यक्षों की सूची जारी करने के साथ ही जिलाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुर

भाजपा के जिले में नहीं चला मंडल का फार्मूला: वर्तमान जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने फिर ठोकी दावेदारी

भाजपा के नेताओं में हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई हैं, जिनमें से एक प्रमुख घटना है वर्तमान जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह का दावेदारी करना। यह दावेदारी मंडल के फार्मूले को ठुकराते हुए आई है। भाजपा में मौजूदा राजनीतिक परिवर्तन और तदर्थ समितियों की सीमाएँ मुख्यमंत्री स्तर से लेकर जिला स्तर तक प्रभावित कर रही हैं।

युधिष्ठिर सिंह की दावेदारी

युधिष्ठिर सिंह ने स्पष्ट रूप से अपनी दावेदारी पेश की है। उनके अनुसार, मंडल का फार्मूला अब भाजपा की कार्यशैली में फिट नहीं बैठाता। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की राजनीतिक परिस्थितियाँ और कार्यकर्ताओं की आवश्यकताएँ कुछ अलग हैं। सिंह का यह मानना है कि पार्टी को नए विचारों और दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए।

मंडल का फार्मूला और भाजपा

भाजपा में मंडल फार्मूला का इतिहास काफी पुराना है। यह एक ऐसी रणनीति रही है, जिसका उपयोग भाजपा विभिन्न चुनावों में अपनी शक्ति बढ़ाने और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए करती आई है। लेकिन युधिष्ठिर सिंह का यह कहना इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर भी नई आवश्यकताएँ और चुनौतियाँ उभर रही हैं।

भविष्य की दृष्टि

भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस दावेदारी को लेकर चर्चा में वृद्धि हुई है। अब यह देखना है कि उच्च नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है। युधिष्ठिर सिंह की इस दावेदारी से साफ है कि भाजपा अपने सिद्धांतों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है, और यह पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

भाजपा की इस विकास यात्रा में, कार्यकर्ताओं की राय और उनके विचारों को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। निश्चित ही, पार्टी इस दिशा में नए कदम उठाएगी।

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