PM सर सीएमएस करते हैं हमसे अभद्र भाषा में बातचीत:उन्हें हटा दें प्लीज, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय में सौंपा पत्रक, उठाई मांग
'हम पिछले डेढ़ साल से चिकित्सा अधीक्षक के व्यवहार और उनके तानाशाह और अड़ियल रवैये के अलावा महिलाओं से अभद्र भाषा का प्रयोग करने से हम सभी डॉक्टर आहत हैं। हमारा जिला अस्पताल साल 2022 में प्रथम था स्टेट में और आज 32वें स्थान पर है। इसका मुख्य कारण सीएमस का आचारण है। डेढ़ साल से उनकी प्रताड़ना हम सह रहे हैं। हमारी मांग है कि उन्हें हटा दिया जाए। प्रधानमंत्री जी सीएमएस हमसे अभद्र भाषा में बातचीत करते हैं। उन्हें हटा दें प्लीज' ये कहना है पंडित दीन दयाल जिला राजकीय चिकित्सालय के डॉक्टर्स कर पैरामेडिकल स्टाफ का; ये सभी शुक्रवार की शाम रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमएस डॉ दिग्विजय सिंह ने डेढ़ साल में किसी के साथ सही व्यहवहार नहीं किया। जिस वजह से आज हम लोगों धरना दे रहे हैं और आप को पत्रक भेज रहे हैं। तानाशाह और अड़ियल रवैया अपना रहे सीएमएस जिला चिकित्सालय के डॉक्टर ने बताया- पिछले दस दिनों से हम सभी चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ धरना दे रहे हैं। हम सभी बहुत आहत हैं अपने मुख्य चिकित्साधिकारी के व्यवहार से; उनके आचरण से पिछले डेढ़ साल से हम सभी त्रस्त हैं। उनका तानाशाही, पक्षपात पूर्ण रवैया, व्यवहार खराब होना और महिला स्टाफ से अभद्रता करने के खिलाफ आक्रोश है। प्रतिशोध की भावना से प्रेरित हैं सीएमएस डॉक्टर ने कहा- सीएमएस प्रतिशोध की भावना से सभी के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। वो पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं। सभी से अभद्रता कर रहे हैं। अस्पताल के सभी स्टाफ उनसे पीड़ित हैं। डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, स्वीपर सभी त्रस्त हैं। ये सब एक आदमी के अड़ियल रवैये की वजह से हो रहा है। हमारा अस्पताल प्रथम स्थान से आज 32 वें स्थान पर पहुंच गया है रैंकिंग में इसका भी मुख्य कारन वही हैं। उन्हें हटाया जाए डॉक्टर ने बताया- प्रदेश में यह पहला अस्पताल होगा जहां डॉक्टर्स को भी अपने सीएमएस के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा और हम पिछले दस दिनों से धरना दे रहे हैं। हमारी मांग यही है की सीएमएस डॉ दिग्विजय सिंह को हटाया जाए। स्टाफ नर्स ने लगाए गंभीर आरोप सर्जिकल वार्ड की स्टाफ नर्स ने बताया- मेरे ऊपर प्रेशर किया जाता है कि सर्जिकल विभाग में काम करने वाले डॉक्टर्स के लिए लिख के दीजिये की वो काम नहीं करते। लापरवाही करते हैं। इसपर मैंने उन्हें मना कर दिया कि- मै क्यों लिख के दूं। वो सही काम कर रहे हैं। आप को लिखना है तो स्वयं लिख के दीजिये। मीडिया को लेकर राउंड करते हैं। यह गलत है।

PM सर, सीएमएस करते हैं हमसे अभद्र भाषा में बातचीत
जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक पत्रक सौंपते हुए मांग की है कि सीएमएस यानि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को उनकी अभद्र भाषा के कारण हटाया जाए। यह पत्रक उस समय सुर्खियों में आया जब डॉक्टर्स ने अपनी कठिनाइयों और समस्याओं का उल्लेख करते हुए यह भारतीय प्रशासनिक तंत्र की अनदेखी पर प्रकाश डाला। इस पत्रक के माध्यम से डॉक्टर्स ने अपने काम के माहौल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही अपनी गरिमा को भी बनाए रखने की बात की है।
डॉक्टर्स की आपत्ति और मांग
पत्रक में डॉक्टर्स ने स्पष्ट किया है कि वे अपने पेशेवर रूप से संतुष्ट नहीं हैं और लगातार सीएमएस द्वारा अभद्र भाषा का सामना कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह न केवल उनके कार्य की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यवहार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, खासकर तब जब वे जीवन और मृत्यु के मामलों में काम कर रहे हैं।
समर्थन और प्रतिक्रिया
पत्रक के संदर्भ में, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने विभिन्न संगठनों और स्वास्थ्य सेवा समितियों से समर्थन प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कई अन्य चिकित्सकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है जो इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से तत्काल कार्रवाई की अपील की है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। कई नेताओं ने इस पत्रक पर प्रतिक्रिया दी है और इसे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। समाज में एक स्वस्थ कार्य वातावरण की आवश्यकता का आह्वान भी किया गया है, ताकि डॉक्टरों को अपनी सेवाएं प्रभावी ढंग से देने का अवसर मिल सके।
अब देखना यह है कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय इस पत्रक को गंभीरता से लेते हुए कोई कार्रवाई करेगा। स्वास्थ्य सेवा को संजीवनी प्रदान करने के लिए यह एक जरूरी कदम हो सकता है।
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