मंडी नगर निगम को लोगों दिया मांग पत्र:बोले- गांव वालों से ना लिया जाए हाउस टैक्स, नहीं दी जा रही सभी सुविधाएं

हिमाचल प्रदेश में मंडी नगर निगम के बैहना व दौहंदी वार्ड के लोगों ने नगर निगम मंडी द्वारा प्रस्तावित गृह कर की दरों को लेकर जारी अधिसूचना के बाद अपने सुझाव के साथ आपत्तियां नगर निगम के कार्यालय में दर्ज करवा दी है।जिसमें उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में गृह कर व अन्य किसी भी प्रकार के टैक्स ना देने की बात कही है। दौहंदी वार्ड के स्थानीय निवासी व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल ने बताया जिस मकसद से इन दोनों वार्डों को नगर निगम के क्षेत्र में जोड़ा गया था, आज यहां के लोगों को उस हिसाब से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। अब ग्रामीणों पर गृह कर सहित अन्य कर लगाने की योजना है, जिसका दोनों वार्डों के लोगों ने अपनी आपत्ति नगर निगम के कार्यालय में जमा करवाई है। खेती पर निर्भर हैं ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्रों में टैक्स लगाने के प्रकिया पर लोगों ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि इन दोनों वार्डों में 90 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है। इसलिए लोग हाउस टैक्स या अन्य टैक्स देने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि जब निगम बना तो कहा गया था की इन क्षेत्रों को केवल जनसंख्या के मानक को पूरा करने के लिए नगर निगम से मिलाया जा रहा है। जनसंख्या मानक पूरी होने के बाद इन्हें निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया जाएगा, परंतु 4 साल बीत जाने के बाद भी अब तक दोनों वार्डों को निगम से बाहर नहीं किया जा रहा है, जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है।

Nov 25, 2024 - 14:50
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मंडी नगर निगम को लोगों दिया मांग पत्र:बोले- गांव वालों से ना लिया जाए हाउस टैक्स, नहीं दी जा रही सभी सुविधाएं
हिमाचल प्रदेश में मंडी नगर निगम के बैहना व दौहंदी वार्ड के लोगों ने नगर निगम मंडी द्वारा प्रस्तावित गृह कर की दरों को लेकर जारी अधिसूचना के बाद अपने सुझाव के साथ आपत्तियां नगर निगम के कार्यालय में दर्ज करवा दी है।जिसमें उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में गृह कर व अन्य किसी भी प्रकार के टैक्स ना देने की बात कही है। दौहंदी वार्ड के स्थानीय निवासी व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल ने बताया जिस मकसद से इन दोनों वार्डों को नगर निगम के क्षेत्र में जोड़ा गया था, आज यहां के लोगों को उस हिसाब से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। अब ग्रामीणों पर गृह कर सहित अन्य कर लगाने की योजना है, जिसका दोनों वार्डों के लोगों ने अपनी आपत्ति नगर निगम के कार्यालय में जमा करवाई है। खेती पर निर्भर हैं ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्रों में टैक्स लगाने के प्रकिया पर लोगों ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि इन दोनों वार्डों में 90 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है। इसलिए लोग हाउस टैक्स या अन्य टैक्स देने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि जब निगम बना तो कहा गया था की इन क्षेत्रों को केवल जनसंख्या के मानक को पूरा करने के लिए नगर निगम से मिलाया जा रहा है। जनसंख्या मानक पूरी होने के बाद इन्हें निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया जाएगा, परंतु 4 साल बीत जाने के बाद भी अब तक दोनों वार्डों को निगम से बाहर नहीं किया जा रहा है, जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है।

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