मन की बात-PM ने फिर किया डिजिटल अरेस्ट का जिक्र:बोले- लोगों को समझाना होगा सरकार में इसका प्रावधान नहीं, यह खुला झूठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात रेडियो शो के 116वें एपिसोड में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, NCC दिवस, गयाना यात्रा, लाइब्रेरी जैसे मुद्दे पर बात की। पिछली बार की तरह पीएम मोदी ने कहा- हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। यह एक खुला झूठ और लोगों को फंसाने की साजिश है। 115वें एपिसोड में उन्होंने डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप रुको, सोचो और एक्शन लो अपनाने की बात कही थी। पीएम ने NCC डे पर कहा कि जब हम NCC का नाम सुनते हैं, हमें अपने स्कूल और कॉलेज के दिन याद आ जाते हैं। मैं खुद एनसीसी कैडेट रह चुका हूं, इसलिए मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि उससे मिले अनुभव मेरे लिए अमूल्य हैं। मन की बात प्रोग्राम के सितंबर में ही 10 साल पूरे हुए हैं। महाराष्ट्र में चुनाव जीतने और पीएम मोदी के 3 देशों की यात्रा के बाद यह एपिसोड टेलीकास्ट हो रहा है। 22 भाषाओं में ब्रॉडकास्ट होता है मन की बात कार्यक्रम मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था। अब भीली भाषा में सुन सकते हैं मन की बात आदिवासी बहुल झाबुआ के 80 से ज्यादा टीचर्स ने प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो शो ‘मन की बात’ के 62 एपिसोड का भीली बोली में अनुवाद किया है। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने इन टीचर्स ने राष्ट्रपति के पिछले 12 साल के प्रमुख भाषणों और प्रधानमंत्री के 10 साल के प्रमुख भाषणों का भी भीली बोली में अनुवाद किया है। पिछले एपिसोड में कहा था- फ्रॉड कॉल आने पर रुको, सोचो और फिर एक्शन लो मन की बात का 115वां एपिसोड 27 अक्टूबर को टेलीकास्ट हुआ था। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने की बात कही। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप रुको, सोचो और एक्शन लो अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा- कॉल आते ही रुकें। घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी निजी जानकारी न दें। स्क्रीन शॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें। पढ़ें पूरी खबर... दूसरा चरण है- 'सोचो'। कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर धमकी नहीं देती, वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती, न पैसे मांगती है। अगर ऐसा है तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद तीसरा चरण 'एक्शन लो' फॉलो करें। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें।
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