मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि का लिया जायजा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईटी पार्क, स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मानसून के दृष्टिगत आगामी दो माह तक शासन और प्रशासन के अधिकारियों को 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं। मानसून अवधि के […]

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि का लिया जायजा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईटी पार्क, स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मानसून के दृष्टिगत आगामी दो माह तक शासन और प्रशासन के अधिकारियों को 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं। मानसून अवधि के दौरान अधिकारियों को नियमित रूप से ग्राउंड पर रहकर सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री का निरीक्षण: सुरक्षा और तैयारी पर जोर
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आये सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत संबंधित जिलाधिकारियों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए भोजन, दवाइयों और बच्चों के लिए दूध तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश की संभावनाओं के दृष्टिगत और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अगले 24 घंटे के लिए चारधाम यात्रा को रोकने का निर्णय लिया गया है।
सुरक्षित स्थानों पर लोगों का स्थानांतरण
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि नदियों और गदेरे के आस-पास रह रहे और आपदा के दृष्टि से संवेदनशील स्थलों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। मेरा यह मानना है कि यह कदम उन लोगों की सुरक्षा को पहले रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो बारिश से प्रभावित हो सकते हैं।
कॉन्क्रीट संकट प्रबंधन उपाय
मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट क्षेत्र में बादल फटने की वजह से मिसिंग मजदूरों के सर्च और रेस्क्यू अभियान में और तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। 29 मजदूरों में से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एवं जिला प्रशासन का सर्च अभियान जारी है, दो शवों को निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग में हुए वाहन दुर्घटना में जो लोग लापता हैं, उनकी खोजबीन कार्यों में भी तेजी लाई जाए।
प्रसव संबंधी व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सभी जनपदों में गर्भवती महिलाओं का डाटा बेस तैयार किया जाएगा। सितंबर माह तक जिन महिलाओं का डिलीवरी होना है, उनका नियमित अपडेट रखा जाएगा। प्रसव पूर्व अस्पतालों तक पहुँचाने की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इससे न केवल जच्चा और बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं में दक्षता भी लाएगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों से विभिन्न जनपदों में हो रही बारिश, सड़कों की स्थिति और अन्य मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जो सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, उन्हें जल्द खुलवाने की व्यवस्था की जाए। संवेदनशील क्षेत्रों में जेसीबी और अन्य उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यह सब मिलकर हमें यह विश्वास दिलाता है कि उत्तराखंड सरकार एक सक्षम और जिम्मेदार प्रशासनिक ढांचा बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है।
हम सभी प्रगति के क्रियान्वयन के लिए तत्पर हैं, ताकि उत्तराखंड में किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की जा सके।
लेखक: प्रियंका रॉय, श्रुति मेहता, तनुजा जैन, टीम इंडियाTwoday
Keywords:
heavy rainfall in Uttarakhand, Chief Minister Dhami, monsoon preparedness, emergency operations, public safety, rescue operations, natural disaster response, Chardham Yatra, pregnant women care, flood managementWhat's Your Reaction?






