मेरठ में नवजात की मौत:परिजन बोले-डॉक्टरों ने गलत इलाज किया; स्टाफ के साथ की मारपीट
मेरठ के मंगल पांडे नगर स्थित सरस मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और आर्थिक शोषण का आरोप लगाया है। विरोध करने पर अस्पताल के स्टाफ ने पीड़ित परिवार के साथ बदसलूकी की, जिसके बाद परिवार ने सीएमओ ऑफिस पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। इलाज में लापरवाही और भारी भरकम फीस का आरोप हापुड़ निवासी आयशा, पत्नी तसव्वुर, को 4 नवंबर को डिलीवरी के लिए सरस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। आयशा का इलाज डॉक्टर सोमवीर सिंह, डॉ. सुनीता सिंह और डॉ. बिलाल कर रहे थे। 5 नवंबर को आयशा ने बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हैं और उसे नर्सरी में रखना होगा। परिजनों के अनुसार, इस दौरान डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर ₹2.25 लाख वसूल लिए, लेकिन इलाज में लापरवाही बरती गई। परिवार का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें नवजात से मिलने तक नहीं दिया। नवजात की मौत और परिजनों के साथ बदसलूकी मंगलवार को नवजात की मौत हो गई। जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा तो स्टाफ और डॉक्टरों ने उनके साथ अभद्रता की और उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल दिया। गुस्साए परिजन सीएमओ कार्यालय पहुंचे और अस्पताल संचालक व डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सीएमओ ने दिए जांच के आदेश सीएमओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट हॉस्पिटल में दलालों का खेल यह मामला केवल एक घटना नहीं है। मेरठ में प्राइवेट हॉस्पिटल पर आए दिन ऐसे आरोप लगते रहते हैं। कई अस्पतालों में दलाल सक्रिय हैं, जो बिना योग्यता वाले डॉक्टरों से मरीजों का इलाज करवाने में लिप्त हैं। मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर बड़ी रकम वसूलना आम बात हो गई है। परिवार की मांग पीड़ित परिवार ने सीएमओ से मांग की है कि सरस हॉस्पिटल की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स की सख्त मॉनिटरिंग की जाए। यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की जरूरत और निजी अस्पतालों की जवाबदेही तय करने की मांग को बल देती है।
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