''लक्ष्मण का भातृ प्रेम जगजाहिर'':अमेठी में रामकथा का पांचवा दिन, कथावाचक बोले- कुसंगति कर देती है पूरे परिवार को नष्ट

अमेठी के तिलोई स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की ओर से आयोजित श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथावाचक शांतनु महाराज ने अयोध्या कांड के मंगलमय चौपाइयों से कथा का शुभारंभ किया। आचार्य शान्तनु महाराज ने आत्मावलोकन का महत्व बताते हुए कहा, "शीशा देखने का अर्थ आत्मचिंतन और आत्मसंवाद है। सही गुरु व्यक्ति को आत्मावलोकन की शिक्षा देता है, जबकि गलत व्यक्ति इसे दुश्मन के रूप में दिखाता है।" उन्होंने भगवान राम के वनवास प्रसंग और कैकेई के वरदान की कथा सुनाते हुए कहा कि कुसंगति से बचना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह संपूर्ण परिवार को नष्ट कर सकती है। "रघुवंश का भ्रातृ प्रेम अमर प्रेरणा है" आचार्य शान्तनु महाराज ने भगवान राम, माता कौशल्या, और लक्ष्मण के संवादों को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि राम ने परिवार की एकता का संदेश दिया। लक्ष्मण जी ने भाई के प्रति अपना अटूट प्रेम दिखाया और भगवान राम और माता सीता के साथ वनवास के लिए गए। विशिष्ट अतिथियों का सम्मान कथा के दौरान राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों को प्रभु श्रीराम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया। व्यास पीठ से आचार्य शान्तनु महाराज ने प्रांत प्रचारक कौशल किशोर, विधायक अशोक कोरी, एएसपी हरेंद्र कुमार सहित अन्य अतिथियों को अंगवस्त्र भेंट किए। देखें रामकथा की 5 तस्वीरें... श्रद्धालुओं को वितरित किया प्रसाद कथा के अंत में अशोक सोनी अहोरवा भवानी द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन धर्मेश मिश्रा ने किया। इस मौके पर कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, उत्कर्ष शरण सिंह, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह सहित तमाम गणमान्य लोग और सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रीराम कथा के इस मंगलमय आयोजन ने उपस्थित लोगों को भक्ति और जीवन के गूढ़ संदेशों से सराबोर कर दिया।

Nov 26, 2024 - 20:05
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''लक्ष्मण का भातृ प्रेम जगजाहिर'':अमेठी में रामकथा का पांचवा दिन, कथावाचक बोले- कुसंगति कर देती है पूरे परिवार को नष्ट
अमेठी के तिलोई स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की ओर से आयोजित श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथावाचक शांतनु महाराज ने अयोध्या कांड के मंगलमय चौपाइयों से कथा का शुभारंभ किया। आचार्य शान्तनु महाराज ने आत्मावलोकन का महत्व बताते हुए कहा, "शीशा देखने का अर्थ आत्मचिंतन और आत्मसंवाद है। सही गुरु व्यक्ति को आत्मावलोकन की शिक्षा देता है, जबकि गलत व्यक्ति इसे दुश्मन के रूप में दिखाता है।" उन्होंने भगवान राम के वनवास प्रसंग और कैकेई के वरदान की कथा सुनाते हुए कहा कि कुसंगति से बचना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह संपूर्ण परिवार को नष्ट कर सकती है। "रघुवंश का भ्रातृ प्रेम अमर प्रेरणा है" आचार्य शान्तनु महाराज ने भगवान राम, माता कौशल्या, और लक्ष्मण के संवादों को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि राम ने परिवार की एकता का संदेश दिया। लक्ष्मण जी ने भाई के प्रति अपना अटूट प्रेम दिखाया और भगवान राम और माता सीता के साथ वनवास के लिए गए। विशिष्ट अतिथियों का सम्मान कथा के दौरान राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों को प्रभु श्रीराम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया। व्यास पीठ से आचार्य शान्तनु महाराज ने प्रांत प्रचारक कौशल किशोर, विधायक अशोक कोरी, एएसपी हरेंद्र कुमार सहित अन्य अतिथियों को अंगवस्त्र भेंट किए। देखें रामकथा की 5 तस्वीरें... श्रद्धालुओं को वितरित किया प्रसाद कथा के अंत में अशोक सोनी अहोरवा भवानी द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन धर्मेश मिश्रा ने किया। इस मौके पर कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, उत्कर्ष शरण सिंह, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह सहित तमाम गणमान्य लोग और सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रीराम कथा के इस मंगलमय आयोजन ने उपस्थित लोगों को भक्ति और जीवन के गूढ़ संदेशों से सराबोर कर दिया।

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