लखनऊ के खाटूश्याम मंदिर में भक्तमाल कथा का आयोजन:राधा स्नेह दरबार की तुलसी यात्रा; कथा में संत सूरदास और तुलसीदास की महिमा
लखनऊ के गोमती तट पर स्थित खाटूश्याम मंदिर में राधा स्नेह दरबार द्वारा पांच दिन चलने वाली भक्तमाल कथा का आयोजन किया गया। यह आयोजन लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी के उपलक्ष्य में किया गया । कथा के पहले दिन ब्रजभक्त वैष्णवाचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने संत सूरदास के जीवन के बारे में बताया। कथा के पहले दिन राधा स्नेह दरबार की अध्यक्ष बिन्दू बोरा के नेतृत्व में सैकड़ों सखियों ने भव्य तुलसी यात्रा निकाली। यह यात्रा पंचमुखी हनुमान मंदिर से शुरू होकर श्याम मंदिर तक पहुंची। यात्रा के दौरान महिलाएं झूमते और गाते हुए चलीं, जिससे आयोजन का माहौल बेहद उल्लासित हो गया। कथा की शुरुआत राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के योगदान पर चर्चा से हुई। आचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति, संतों और ग्रंथों के बारे में ज्यादा जानना चाहिए। उन्होंने भक्तमाल ग्रंथ का जिक्र किया, जिसमें नाभादास जी ने चारों युग के संतों का नाम शामिल है। गोस्वामी जी ने भक्तों के गुणों की व्याख्या की, जैसे ज्ञान, वैराग्य, तपस्या, त्याग, शील, सत्य, अहिंसा, दया, समानता और अमानता। संत सूरदास और तुलसीदास की महिमा आचार्य ने संत सूरदास को सिद्ध भक्त और कवि बताया। उन्होंने बताया कि कृष्ण मार्ग शाखा के कवि सूरदास का सभी विद्वान सम्मान करते हैं। सूरदास का नाम पुष्टिमार्ग के जहाज के रूप में लिया गया है, और उद्धव के अवतार के रूप में भी उन्हें जाना जाता है। इसके बाद गोस्वामी जी ने सूरदास की रचनाओं और उनके जीवन की घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कथा में ये लोग हुए शामिल इस आयोजन में महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान, विधायक डा. नीरज बोरा, श्याम परिवार के सदस्य, और कई प्रमुख महिलाएं जैसे कुसुम अग्रवाल, बीना गोयल, अंशु अग्रवाल, सीमा गोयल और अन्य कई सम्मानित लोग उपस्थित रहे।
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