लखनऊ में दिव्यांकुर सांस्कृतिक प्रतियोगिता:25 महाविद्यालयों के 700 से छात्रों ने लिया भाग; मुख्य अतिथि बोले-छात्रों को मिलेगी सकारात्मक दिशा

लखनऊ के श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय में 'दिव्यांकुर' अंतर-महाविद्यालयी युवा सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रो. मानिनी श्रीवास्तव थीं। उन्होंने छात्रों को अपने पोटेंशियल को पहचानने और उसे निखारने का संदेश दिया। प्रो. मानिनी ने कहा कि हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा होती है। उसे संवारने के लिए कार्यक्रमों में भागीदारी जरूरी है। कार्यक्रम में प्रो. मानिनी ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि छोटे कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ। असफलता से घबराएं नहीं। गिरने से ही उठने की ताकत मिलती है। इधर, जी.सी. शुक्ला ने बताया कि 2006 में इस आयोजन की शुरुआत छात्रों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के उद्देश्य से की गई थी। आज चारबाग कॉलेज अपने शैक्षिक माहौल के लिए जाना जाता है। इसमें दिव्यांकुर का बड़ा योगदान है। छात्रों ने दी भजनों की प्रस्तुति कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रो. विनोद चंद्रा ने पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में छात्र शुभम ने 'हे आदि देव शिव शंकर...' भजन गा कर भक्तिमय माहौल बना दिया। वहीं आशीष रावत और उनकी टीम ने मेरी जान, मेरी शान, मेरा हिन्दुस्तान गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया। छात्रा भावना गुप्ता ने श्री गणेशाय धीमहि... वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया। 700 से ज्यादा छात्र प्रतियोगिताओं में लिए भाग संयोजिका प्रो. पायल गुप्ता ने बताया कि 'दिव्यांकुर' का यह 22वां संस्करण है। इसमें 25 से अधिक महाविद्यालयों के 700 से ज्यादा छात्र-छात्राएं 22 प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। आयोजन में वाद-विवाद, नाटक, अंतर्राष्ट्रीय परिधान शो, तत्क्षण भाषण, स्वरचित काव्य और क्विज जैसी प्रतियोगिताएं हो रही हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय मंत्री जी.सी. शुक्ला ने की। कार्यक्रम के समापन पर उप प्राचार्य प्रो. के.के शुक्ला ने सभी आयोजकों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया ।

Nov 11, 2024 - 23:25
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लखनऊ में दिव्यांकुर सांस्कृतिक प्रतियोगिता:25 महाविद्यालयों के 700 से छात्रों ने लिया भाग; मुख्य अतिथि बोले-छात्रों को मिलेगी सकारात्मक दिशा
लखनऊ के श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय में 'दिव्यांकुर' अंतर-महाविद्यालयी युवा सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रो. मानिनी श्रीवास्तव थीं। उन्होंने छात्रों को अपने पोटेंशियल को पहचानने और उसे निखारने का संदेश दिया। प्रो. मानिनी ने कहा कि हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा होती है। उसे संवारने के लिए कार्यक्रमों में भागीदारी जरूरी है। कार्यक्रम में प्रो. मानिनी ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि छोटे कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ। असफलता से घबराएं नहीं। गिरने से ही उठने की ताकत मिलती है। इधर, जी.सी. शुक्ला ने बताया कि 2006 में इस आयोजन की शुरुआत छात्रों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के उद्देश्य से की गई थी। आज चारबाग कॉलेज अपने शैक्षिक माहौल के लिए जाना जाता है। इसमें दिव्यांकुर का बड़ा योगदान है। छात्रों ने दी भजनों की प्रस्तुति कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रो. विनोद चंद्रा ने पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में छात्र शुभम ने 'हे आदि देव शिव शंकर...' भजन गा कर भक्तिमय माहौल बना दिया। वहीं आशीष रावत और उनकी टीम ने मेरी जान, मेरी शान, मेरा हिन्दुस्तान गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया। छात्रा भावना गुप्ता ने श्री गणेशाय धीमहि... वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया। 700 से ज्यादा छात्र प्रतियोगिताओं में लिए भाग संयोजिका प्रो. पायल गुप्ता ने बताया कि 'दिव्यांकुर' का यह 22वां संस्करण है। इसमें 25 से अधिक महाविद्यालयों के 700 से ज्यादा छात्र-छात्राएं 22 प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। आयोजन में वाद-विवाद, नाटक, अंतर्राष्ट्रीय परिधान शो, तत्क्षण भाषण, स्वरचित काव्य और क्विज जैसी प्रतियोगिताएं हो रही हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय मंत्री जी.सी. शुक्ला ने की। कार्यक्रम के समापन पर उप प्राचार्य प्रो. के.के शुक्ला ने सभी आयोजकों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया ।

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