लखनऊ में राजस्व निरीक्षक संघ ने सीएम को पत्र लिखा:साजिशन झूठे फंसाए जाने की नीयत से एंटी करप्शन ट्रैप पर रोक लगाने की मांग
उत्तर प्रदेश के राजस्व निरीक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम द्वारा जबरन ट्रैप की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। संघ ने इस ज्ञापन में जोर देकर कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती जरूरी है पर बिना ठोस जांच के कर्मचारियों को साजिशन फंसाना न्यायसंगत नहीं है। भ्रष्टाचार के विरोध में प्रतिबद्धता राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ है। स्वच्छ प्रशासन को बनाए रखने में अपना पूरा समर्थन देता है। संघ का कहना है कि ट्रैप की कार्रवाई कई बार सामान्य शिकायत के आधार पर की जाती है। इससे न केवल कर्मचारी बल्कि उसका परिवार भी मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों का सामना करता है। वर्षों तक मुकदमे की प्रक्रिया चलने के बाद भले ही कर्मचारी बरी हो जाए लेकिन उसकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं होती। साजिशन फंसाने का आरोप ब्रजेश श्रीवास्तव ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि व्यक्ति के हिसाब से काम न करने पर फंसाया जाता है।ऐसे मामलों में ट्रैप कार्रवाई से पहले शिकायतकर्ता की पृष्ठभूमि और मंशा की गहन जांच आवश्यक है। प्री-ट्रैप जांच की मांग संघ ने मांग की है कि ट्रैप की कार्रवाई करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि शिकायतकर्ता ने पूर्व में संबंधित अधिकारी के खिलाफ किसी प्रशासनिक स्तर पर शिकायत दर्ज कराई थी या नहीं। यदि शिकायत पहली बार सीधे एंटी करप्शन विभाग में की गई है तो इसे साजिश मानकर जांच की जानी चाहिए। सरकार से अपील संघ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि कर्मचारियों की छवि खराब करने वाली ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए। प्री-ट्रैप जांच को अनिवार्य किया जाए। इस कदम से सरकारी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। प्रशासनिक व्यवस्था में भी सुधार होगी।

लखनऊ में राजस्व निरीक्षक संघ ने सीएम को पत्र लिखा
लखनऊ में राजस्व निरीक्षक संघ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। इस पत्र में संघ ने अनुरोध किया है कि साजिशन झूठे फंसाए जाने की नीयत से एंटी करप्शन ट्रैप पर रोक लगाने की मांग की जाए। यह कदम उन निरीक्षकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो अपनी ड्यूटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
संघ का रुख और मांगें
राजस्व निरीक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को जो पत्र भेजा है, उसमें दावा किया गया है कि कुछ सरकारी अधिकारी व भ्रष्ट तत्व जान-बूझकर निरीक्षकों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं। संघ का कहना है कि एंटी करप्शन ट्रैप का misuse हो रहा है, जिससे ईमानदार अधिकारियों का मनोबल टूट रहा है। इसके चलते संघ ने मांग की है कि इस प्रकार के ट्रैप को अविलंब रोका जाए।
भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का महत्व
राजस्व निरीक्षकों का काम समाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाना है। ईमानदार निरीक्षकों के काम को बाधित करना न केवल उनके लिए बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक है। संघ ने यह भी अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री इस मामले पर गंभीरता से विचार करें और एक बैठक आयोजित करके सरकारी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने का प्रयास करें।
इस पत्र के जरिए संघ ने यह भी संकेत दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो उन्हें आगे की कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। यह कदम एक बड़ा आंदोलन का हिस्सा भी बन सकता है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने को और मजबूती मिल सकती है।
अंत में
लखनऊ में राजस्व निरीक्षक संघ के इस कदम को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। यह प्रतीकात्मक है कि सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों और सुरक्षा का संरक्षण किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर संघ की मांगें सिर्फ निरीक्षकों के लिए नहीं, बल्कि सभी सरकारी कर्मचारियों के हित में हैं।
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