लखनऊ में 45 दिन से बाघ की दहशत:3 जोन में मिले पैरों के निशान, वन विभाग ने 'नो-गो जोन' घोषित कर बढ़ाई निगरानी
लखनऊ के रहमानखेड़ा क्षेत्र में पिछले 45 दिनों से बाघ की दहशत कायम है। शुक्रवार सुबह बाग के पगचिह्न तीनों जोन में देखे गए। राज्य कृषि प्रबंध संस्थान और उलरापुर गांव में ट्रैकिंग टीम को बाघ के पैरों के निशान मिले। इधर, बाघ की दहशत से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाघ की दहशत आम लोगों में ही नहीं वनकर्मियों में भी है। गुरुवार देर रात नाइट ड्यूटी पर जा रहे वनाधिकारियों की कार के सामने बाघ आ गया। इससे ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और कार पलट गई। दुर्घटना में कार सवार वनकर्मी बाल-बाल बच गए। बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्यूटी करने जा रहे हरदोई के कछौना रेंज डिप्टी रेंजर अमित सिंह और वन दरोगा सचिन शर्मा रहमानखेड़ा फार्म के पास पहुंचे थे। यहां से आगे उलरा पुर गांव के मोड़ पर कार के सामने अचानक बाघ आ गया। अमित ने घबराकर नियंत्रण खो दिया, जिससे कार पलट गई। अमित ने बताया कि अचानक से बाघ सामने आ गया, जिससे घबरा गए। इधर, बाघ के डर से करीब 12 गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद कर दिए गए हैं। बाघ को गड्ढे में गिराने के ऑपरेशन की कमान बाराबंकी के डीएफओ आकाश बधावन संभालेंगे। कर्तनिया से आए डॉक्टर दीपक भी टीम में शामिल हो गए हैं। स्कूल-कोचिंग बंद करने के आदेश सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने बाघ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि उलरापुर, मीठे नगर, फतेह नगर, किठाई पारा, दुगौली, रहमत नगर समेत 12 से अधिक गांवों में सभी निजी, सरकारी स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। आदेश में कहा गया है कि जब तक बाघ को पकड़ नहीं लिया जाता स्कूल औऱ कोचिंग बंद ही रहेंगे। वन विभाग ने बाघ की निगरानी के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। गड्ढे के आस-पास लाइव सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। थोड़ी दूरी पर विभाग की मोबाइल टीम तैनात की गई है। मीठे नगर की तरफ बनाए गए मचान के नीचे पड़वा बांधकर भी बाघ पर नजर रखी जा रही है। --------------- यह खबर भी पढ़े लखनऊ में वनकर्मी के सामने आया बाघ:डरकर कार सहित खाई में गिरा; 12 से अधिक गांवों में स्कूल और कोचिंग बंद लखनऊ में बाघ की दहशत आम लोगों में ही नहीं वनकर्मियों में भी है। गुरुवार देर रात नाइट ड्यूटी पर जा रहे वनाधिकारियों की कार के सामने बाघ आ गया। इससे ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और कार खाई में जा गिरी। दुर्घटना में कार सवार वनकर्मी बाल-बाल बच गए। यहां पढ़े पूरी खबर

लखनऊ में 45 दिन से बाघ की दहशत: 3 जोन में मिले पैरों के निशान
लखनऊ में पिछले 45 दिनों से बाघ की दहशत बनी हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों के मन में भय का माहौल है। वन विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तीन जोनों को 'नो-गो जोन' घोषित किया है। इसमें बाघ के पैरों के निशानों की पहचान के बाद सुरक्षा संबंधी उपाय और निगरानी बढ़ा दी गई है।
बाघ के पैरों के निशान और ट्रेसिंग
स्थानीय वन विभाग ने हाल ही में उन क्षेत्रों की पहचान की है, जहां बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। इन निशानों के मिलने के बाद, रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना बनाई गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बाघ लखनऊ के उपनगरों में घूम रहा है, जिसने पिछले कुछ हफ्तों में कई बार मानव बस्तियों के पास देखा गया है।
नो-गो जोन की घोषणा
वन विभाग ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन सभी क्षेत्रों को 'नो-गो जोन' घोषित किया है जहाँ बाघ के पैरों के निशान पाए गए हैं। ये जोन इलाके के निवासियों के लिए सख्त प्रतिबंध लगाएंगे, ताकि अनहोनी से बचा जा सके। प्रशासन का लक्ष्य है कि लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और उनके मानस में बाघ के प्रति भय कम किया जा सके।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने वन विभाग की इस मुहिम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने बाघ की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। कई लोगों का मानना है कि बाघ का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि यह पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए, वन विभाग ने बाघ के सुरक्षित स्थान की पहचान करने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा उपाय और निगरानी
वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। इन टीमों में विशेषज्ञ वन्यजीव विशेषज्ञ और क्षेत्रीय गार्जियन शामिल हैं। इसके अलावा, ड्रोन और कैमरा ट्रैपिंग तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि बाघ की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
इस स्थिति पर ध्यान देने हेतु, वन विभाग ने निवासियों को सलाह दी है कि वे सतर्क रहें और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बाघ मानव बस्तियों से दूर रहें।
अंत में, लखनऊ में बाघ के माध्यम से उत्पन्न हुई इस दहशत को नियंत्रित करने के लिए संबंधित विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है।
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