लखनऊ में विशेष संगोष्ठी का आयोजन:विश्व स्तर पर बढ़ी हिंदी की मांग, व्यापार और टेक्नोलॉजी में बढ़ा इस्तेमाल
लखनऊ के हिंदी भवन स्थित निराला सभागार में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने एक दिवसीय विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई, जिसके बाद डॉ. कामिनी त्रिपाठी ने वाणी वंदना प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित ने कहा- आज विश्व स्तर पर हिंदी की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने मॉरीशस और सूरीनाम जैसे देशों में गिरमिटिया मजदूरों द्वारा हिंदी के संरक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने हिंदी भाषा और संस्कृति को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्व में हिंदी का तीसरा स्थान डॉ. सुधाकर अदीब ने हिंदी के भक्ति साहित्य की महत्ता बताते हुए कहा कि कबीर, तुलसी, सूर और मीरा जैसे कवियों ने हिंदी को समृद्ध साहित्य प्रदान किया। डॉ. कैलाश देवी सिंह ने बताया कि विश्व में हिंदी का तीसरा स्थान है और अब कई विदेशी विश्वविद्यालयों में इसे पढ़ाया जा रहा है। राज बहादुर ने योजनाओं की जानकारी साझा की डॉ. सूर्यकांत ने चिकित्सा क्षेत्र में हिंदी की बढ़ती भूमिका के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमिता दुबे ने किया, जबकि संस्थान के निदेशक राज बहादुर ने कई योजनाओं की जानकारी साझा की। इस विशेष संगोष्ठी में बड़ी संख्या में विशेषज्ञ और साहित्यकार मौजूद रहे।

लखनऊ में विशेष संगोष्ठी का आयोजन: विश्व स्तर पर बढ़ी हिंदी की मांग, व्यापार और टेक्नोलॉजी में बढ़ा इस्तेमाल
लखनऊ में हाल ही में आयोजित एक विशेष संगोष्ठी में हिंदी भाषाओं की विश्व स्तर पर बढ़ती मांग और इसके व्यापार तथा टेक्नोलॉजी में योगदान पर विचार-विमर्श किया गया। इस संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञों ने भाग लिया और हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला।
हिंदी भाषा की वैश्विक स्थिति
दुनिया भर में हिंदी एक प्रमुख भाषा के रूप में उभरी है। इसे न केवल सांस्कृतिक पहचान के लिए, बल्कि व्यापारिक संवाद में भी एक महत्वपूर्ण उपकरण मानते हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्मों और डिजिटल मीडिया की क्रांति ने हिंदी के उपयोग को और बढ़ाया है।
व्यापार में हिंदी का उपयोग
व्यापारिक संवाद में हिंदी भाषा अब अधिकाधिक महत्वपूर्ण बनती जा रही है। कंपनियां अपने ग्राहकों के साथ सीधे संवाद करने के लिए हिंदी का उपयोग कर रही हैं, जिससे ग्राहक संतोष और जुड़ाव बढ़ रहा है। संगोष्ठी में उपस्थित व्यापार क्षेत्र के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी को एक व्यावसायिक भाषा के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता है।
टेक्नोलॉजी में हिंदी का स्थान
टेक्नोलॉजी में हिंदी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट और स्मार्टफोन के माध्यम से हिंदी में एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर विकसित हो रहे हैं। संगोष्ठी में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे हिंदी भाषा की तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देकर युवा पीढ़ी को सशक्त किया जा सकता है।
संक्षेप में, लखनऊ में हुई इस संगोष्ठी ने हिंदी भाषा के व्यापार और टेक्नोलॉजी में उपयोग के महत्व को उजागर किया और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने मिलकर इसके विकास के लिए संभावनाओं की खोज की।
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