वाराणसी का मास्टरमाइंड आरक्षित आजमगढ़ में चला रहा था गिरोह:आरक्षी सहित 6 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार पैसा तीन गुना करने के नाम पर करते थे ठगी
आजमगढ़ जिले के बरदह थाने की पुलिस ने आजमगढ़ की जनता को पैसा तीन गुना करने के नाम पर ठगी करने वाले वाराणसी के आरक्षी सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरक्षी वाराणसी के थाना राजा तालाब में तैनात है। थाने में तैनाती के दौरान भी आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 85000 नकद तीन मोबाइल फोन और एक बाइक भी बरामद की है। 16 अप्रैल को दर्ज हुआ था मुकदमा इस बारे में बरदह थाने के प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि 16 अप्रैल को पीड़ित क्षमानन्द यादव जो की देवगांव थाना क्षेत्र आजमगढ़ का रहने वाला है। पुलिस को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि 13 अप्रैल को जब पीड़ित अपने निजी काम से बाजार जा रहा था। वहीं पर दो-तीन लोग मिले जो बात करते समय पैसा तीन गुना करने की बात कर रहे थे। इसी बीच पीड़ित ने भी अपना पैसा तीन गुना करने की बात कही। इसके बाद वह लोग पैसा मांगने लगे। उसे समय पीड़ित के पास पैसा नहीं था ऐसे में अप्रैल को पीड़ित ने लालच में आकर 95000 लेकर बाजार पहुंचा। इस दौरान दो व्यक्ति एक ब्लैक कलर की बाइक से आए और बातचीत करने लगे। इसी बीच एक और बाइक से दो व्यक्ति आय जिसमें एक पुलिस की वर्दी पहना था। ऐसे में पुलिस की वर्दी में आए बाइक सवालों ने 95000 छीनकर मौके से फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित ने इस मामले की सूचना डायल 112 और पुलिस को दी। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी। तो इस विवेचना में छह आरोपियों का नाम सामने आया। सुनसान स्थान पर बुलाकर फांसते थे आरोपी पुलिस की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ करने पर अभियुक्त अरविंद गौतम ने बताया कि मेरे रिश्तेदार अर्जुन पुत्र प्रेमचंद जो की आजमगढ़ के रहने वाले हैं। और वाराणसी के थाना राजा तालाब में आरक्षी पद पर तैनात है। राम हरक, शंकर उर्फ उमाशंकर प्रदीप राम आशीष हम सभी लोग मिलकर लोगों के बीच पैसे को तीन गुना करने की बात करते थे। बातचीत के दौरान हम लोग लालच देकर फांसते थे। आरोपी असली नोट को फेक करेंसी का विश्वास दिलाने के लिए बैजनाथ के कब्ज दूर करने वाले कैप्सूल को खोलकर उसके पाउडर को असली नोट पर लगा देते थे तथा असली नोट को हल्का पानी में डालने पर गुलाबी रंग का हो जाता था जिससे लोगों को विश्वास हो जाता था कि यह नोट नकली है। ऐसे में ग्राहक को सुनसान स्थान पर मिलने के लिए बुलाया जाता था उसी समय आरक्षी अर्जुन पुलिस की वर्दी में बाइक से आता था। आरोपी आरक्षी हम लोग को दांतों का बहाना करते थे और हम उनका पैसा लिए हैं तथा दबाव बनाकर बुलाए गए ग्राहक से रुपए लेकर चले जाते थे। मौके पर ग्राहक कहीं फंस ना जाए इसको लेकर पीड़ित इस बात को किसी से बताते रहे थे और जो पैसा मिलता था उसे आपस में बांट लिया करते थे। गिरफ्तार आरोपियों में शंकर उर्फ उमाशंकर के विरुद्ध तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं जबकि रामाशीष पर एक मुकलमा दर्ज है प्रदीप पर दो मुकदमे जबकि अरविंद गौतम पर दो मुकदमे दर्ज हैं। राम हरख पर एक और आरक्षी अर्जुन कुमार पर भी एक मुकदमा दर्ज है। आरोपियों को न्यायालय भेजा जा रहा है। जहां से जेल रवाना किया जाएगा। इस पुलिस के इस ऑपरेशन में थाने के प्रभारी राजीव कुमार सिंह सब इंस्पेक्टर मनीष सिंह शामिल रहे।
वाराणसी का मास्टरमाइंड आरक्षित आजमगढ़ में चला रहा था गिरोह
गिरोह पकड़ा गया, 6 आरोपी गिरफ्तार
वाराणसी से जुड़े एक मास्टरमाइंड ने आजमगढ़ में एक गिरोह का संचालन किया, जिसे हाल ही में पुलिस ने पकड़ लिया। इस गिरोह में आरक्षी सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी लोगों से पैसे 'तीन गुना करने' के नाम पर ठगी करते थे। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है।
गिरोह की ठगी की तकनीक
आरोपियों ने अपने शिकारों को आकर्षित करने के लिए कई तकनीकें अपनाईं। उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि उनके निवेश को जल्दी और सस्ते में बढ़ा दिया जाएगा। यह गिरोह अपने पीड़ितों को कठिनाई में देखकर उनकी मजबूरी का फायदा उठाने में माहिर था। गिरोह के सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते थे, जिससे उनके आपसी सहयोग से ठगी को अंजाम देना आसान हो गया था।
पुलिस की कार्रवाई
स्थानिक पुलिस ने इन आरोपियों का पर्दाफाश करने के लिए गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह किस तरह से लंबे समय से सक्रिय था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कई मामले पहले से दर्ज हैं।
स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी
पुलिस ने स्थानीय लोगों को चेतावनी दी है कि इस तरह के धोखाधड़ी से सावधान रहें। उन्हें चाहिए कि वो किसी भी प्रकार के 'तेजी से पैसे बनाने' के विज्ञापन से बचें और पुलिस को तुरंत सूचित करें। बाहरी लोगों से मिलने से पहले उचित जांच-पड़ताल करना चाहिए ताकि वो ठगी का शिकार ना बनें।
इस घटना ने दिखा दिया है कि कैसे अपराधी नेटवर्क तेजी से सक्रिय हो सकते हैं और लोगों को धोखा देकर उनके पैसे हड़प सकते हैं। सभी को सतर्क रहना जरूरी है ताकि ऐसे गिरोहों की गतिविधियों को रोका जा सके।
अधिक अपडेट के लिए विजिट करें: News by indiatwoday.com Keywords: वाराणसी मास्टरमाइंड, आरक्षित आजमगढ़ गिरोह, ठगी के आरोपी गिरफ्तार, पैसे तीन गुना करने वाला गिरोह, वाराणसी ठगी की तकनीक, आजमगढ़ पुलिस कार्रवाई, धोखाधड़ी से बचने के उपाय, गिरोह पकड़ने में पुलिस की कार्रवाई, स्थानीय लोगों के लिए चेतवानी, भारतीय ठग गिरोह.
What's Your Reaction?






