शरबत जिहाद VIDEO पर रामदेव को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार:कहा- बयान माफी लायक नहीं, आत्मा झकझोर दी; रामदेव बोले- सभी VIDEO हटा लेंगे
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस VIDEO पर नाराजगी जताई, जिसमें बाबा रामदेव ने शरबत जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया था। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि यह बयान माफी लायक नहीं है। इसने कोर्ट की अंतरआत्मा झकझोर दी। कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि के फाउंडर रामदेव ने कहा कि हम ऐसे सभी VIDEO हटा लेंगे, जिनमें धार्मिक टिप्पणियां की गई हैं। कोर्ट ने रामदेव को एफिडेविट दाखिल करने का आदेश भी दिया है। बाबा रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा था कि एक कंपनी शरबत बनाती है। उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। बाबा रामदेव ने कहा था कि जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही शरबत जिहाद भी चल रहा है। इसके खिलाफ रूह अफजा शरबत बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलीलें दीं। रोहतगी ने कहा कि यह धर्म के नाम पर हमला है। पतंजलि शरबत लॉन्चिंग का VIDEO हाईकोर्ट बोला- ऐसी बातें अपने तक रखें, जाहिर ना करें पतंजलि की ओर से एडवोकेट राजीव नायर ने कहा कि हम सभी वीडियो हटा लेंगे। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि रामदेव एक हलफनामा दें कि आगे इस तरह की बयानबाजी नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि रामदेव ऐसी बातें अपने दिमाग तक सीमित रखें, इन्हें जाहिर ना करें। हमदर्द बोला- रामदेव का बयान हेट स्पीच जैसा रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने अपने बयान के जरिए धर्म के आधार पर हमदर्द कंपनी पर हमला किया है। उन्होंने शरबत जिहाद का नाम दिया। रामदेव का नाम मशहूर है, बिना किसी दूसरे प्रोडक्ट की बुराई के वे पतंजलि का सामान बेच सकते हैं। यह बयान बुराई करने से आगे निकल गया है, यह धार्मिक बंटवारा करता है। रामदेव का कमेंट हेट स्पीच की तरह ही है। रोहतगी ने भ्रामक विज्ञापनों के केस की याद दिलाई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लोगों से माफी मांगने का आदेश दिया था। रोहतगी बोले कि विज्ञापनों के जरिए लोगों में भ्रम फैलाया गया और ऐलोपैथिक दवाईयों के खिलाफ बयान भी दिए। रामदेव ने शरबत के प्रचार के दौरान 2 बयान दिए 1. मस्जिद-मदरसे बनवाती है शरबत कंपनी रामदेव ने 3 अप्रैल को सोशल मीडिया X पर 10 मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में रामदेव ने पतंजलि के शरबत का प्रचार किया। उन्होंने कहा- एक कंपनी शरबत बनाती है, उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। अगर आप वो शरबत पिएंगे, तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे। 2. पतंजलि शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे रामदेव ने कहा था कि अगर आप पतंजलि का शरबत पिएंगे, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। मैं कहता हूं कि ये शरबत जिहाद है। जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही ‘शरबत जिहाद’ भी चल रहा है। विवाद बढ़ा तो 12 अप्रैल को रामदेव ने एक और वीडियो पोस्ट किया। इसमें रामदेव ने कहा, 'मैंने एक वीडियो डाला, उससे सबको मिर्ची लग गई। मेरे खिलाफ हजारों वीडियो बनाए गए। कहा जाने लगा कि मैंने शरबत जिहाद का नया शिगूफा छोड़ दिया। अरे मैंने क्या छोड़ा, ये तो है ही। लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद, बहुत तरह के जिहाद चलाते हैं ये लोग। मैं ये नहीं कह रहा कि वो आतंकवादी हैं, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी इस्लाम के प्रति निष्ठा है।' शहाबुद्दीन बरेलवी बोले- बाबा रामदेव योग जिहाद चला रहे रामदेव के शरबत जिहाद विवाद पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 14 अप्रैल को कहा था, 'रामदेव अपने शरबत का खूब प्रचार करें, लेकिन हमदर्द कंपनी के रूह अफजा शरबत को जिहाद से न जोड़ें। अगर उन्हें ‘जिहाद’ शब्द से इतनी मोहब्बत हो गई है कि वह लव जिहाद, शरबत जिहाद, लैंड जिहाद जैसी फेहरिस्त गिनाने लगे हैं, तो पलटकर अगर कोई उनके बारे में कह दे कि योग जिहाद, गुरु जिहाद, पतंजलि जिहाद तो उन्हें कैसा लगेगा?' शरबत विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... रामदेव ने जिसे ‘शरबत जिहाद’ कहा: पहले हकीम की दवा थी, आज हर साल 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई रूह अफजा शरबत कंपनी की शुरुआत दिल्ली से हुई। इसे शुरू करने वाले शख्स थे यूपी के पीलीभीत में जन्मे यूनानी हकीम हफीज अब्दुल मजीद। वो दिल्ली में रहते थे। वहीं लाल कुआं बाजार में उनका एक छोटा-सा दवाखाना था- हमदर्द दवाखाना। पढ़ें पूरी खबर...

शरबत जिहाद VIDEO पर रामदेव को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार
दिवंगत संत और योग गुरु रामदेव ने हाल ही में 'शरबत जिहाद' वीडियो को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार का सामना किया है। कोर्ट ने उनके बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह बयान माफी लायक नहीं है और इसे सुनकर आत्मा झकझोर गई है। यह मामला हाल के दिनों में बहुत विवादास्पद बन गया है और सरकार से लेकर जनता तक सभी इसे लेकर चिंतित हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियाँ
दिल्ली हाईकोर्ट ने रामदेव के बयान को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण प्रकट किया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे बयानों से समाज में दुराव और विभाजन पैदा होता है। यह आश्चर्यकारी है कि रामदेव जैसे प्रसिद्ध व्यक्ति से ऐसे अभद्र और असंवेदनशील शब्दों की अपेक्षा नहीं की जाती। ऐसे बयान से ना केवल किसी एक वर्ग को अपमानित किया जाता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक एकता को भी नुकसान पहुँचाता है।
रामदेव का समर्पण
इस मामले में रामदेव ने अदालत के समक्ष सफाई दी है कि वह सभी विवादास्पद वीडियो को हटा लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुँचाना नहीं था। उनके समर्थकों का कहना है कि उनका संदेश केवल स्वस्थ जीवनशैली और योग को बढ़ावा देने के लिए था। हालांकि, कोर्ट ने उनके इस दावे को अस्वीकार कर दिया और कहा कि बिना माफी के यह मामला आगे नहीं बढ़ सकता।
समाज में प्रतिक्रिया
रामदेव के इस विवादास्पद बयान के बाद समाज में प्रतिक्रिया तेज हो गई है। कई लोग उनके समर्थन में हैं, जबकि अन्य उनकी निंदा कर रहे हैं। यह सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार के बयानों को सुनने और बोलने की स्वतंत्रता के रूप में देखा जाना चाहिए या उन्हें नियंत्रित करना आवश्यक है।
इस मामले में किसी भी संभावित न्यायिक परिणाम का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अदालत की अंतिम निर्णय क्या होगा, इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
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