शिमला में कांग्रेस के कैंडल मार्च में विवाद:कार्यकर्ताओं ने पकड़ा उल्टा तिरंगा, वीडियो वायरल, सीएम सुक्खू रहे शामिल
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस द्वारा जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में निकाला गया कैंडल मार्च विवादों में घिर गया है। कांग्रेस के कैंडल मार्च कार्यकर्ताओं द्वारा देश के राष्ट्रीय ध्वज को उल्टे पकड़ने का वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसके बाद लोग सोशल मीडिया में तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे है। दरअसल कांग्रेस ने बीते 25 मार्च को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला था। 25 अप्रैल को कांग्रेस ने शिमला में शेर ए पंजाब से शिमला के माल रोड़ होते हुए ऐतिहासिक रीज पर स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा तक केंडल मार्च निकाला था। लोग दे रहे प्रतिक्रियाएं कैंडल मार्च में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह प्रदेश सरकार के कई मंत्री व सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए थे, लेकिन कांग्रेस का यह कैलेंडर मार्च तीन दिनों बाद विवादों में आ गया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। हालांकि अभी तक मामले में कोई सियासी बयानबाजी नहीं हुई है, लेकिन लोग प्रतिक्रिया दे रहें है।

शिमला में कांग्रेस के कैंडल मार्च में विवाद
हाल ही में, शिमला में कांग्रेस द्वारा आयोजित एक कैंडल मार्च में विवाद उत्पन्न हुआ जब कुछ कार्यकर्ताओं ने उलटे तिरंगे को पकड़ लिया। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और इसने विवाद को जन्म दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जो इस मुद्दे को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
उल्टा तिरंगा: क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह मार्च अपने समय में महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए जागरूकता फैलाने का एक प्रयास था, लेकिन यह एक गंभीर विवाद में बदल गया जब कुछ कार्यकर्ताओं ने तिरंगे को गलत तरीके से उठाया। यह न केवल पार्टी के लिए बल्कि देश के लिए भी एक संवेदनशील मुद्दा है। भारत के तिरंगे का सम्मान न केवल एक राजनीतिक गैरजिम्मेदारी है, बल्कि यह राष्ट्रीय भावनाओं के खिलाफ भी है।
मीडिया का ध्यान और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, अन्य पार्टी सदस्यों और नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। मीडिया ने इस विवाद को प्रमुखता से कवर किया और कांग्रेस पार्टी की छवि पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर उपयोगकर्ताओं ने أيضاً अपने विचार साझा किए और कांग्रेस पार्टी की इस हरकत की निंदा की।
सीएम सुक्खू की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी। उनके शामिल होने के बावजूद, उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस आचरण पर कुछ बताना चाहिए था। इस प्रकार के विवाद अंततः राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर सकते हैं।
यह मामला न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी एक बड़ा सबक है। नागरिकों को किस प्रकार अपनी संस्कृति और प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए, यह सीखना आवश्यक है।
News by indiatwoday.com
निष्कर्ष
कांग्रस के कैंडल मार्च में हुए इस विवाद ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि किसी भी राजनीतिक मंच पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीकों का सम्मान करना कितना आवश्यक है। इस घटना से सीख लेते हुए, सभी को अपने कार्यों को समझदारी से करने की आवश्यकता है। **Keywords:** शिमला, कांग्रेस कैंडल मार्च विवाद, उल्टा तिरंगा वीडियो, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस कार्यकर्ता, सोशल मीडिया पर वायरल, राजनीतिक विवाद, तिरंगे का सम्मान, हिमाचल प्रदेश, कांग्रेस पार्टी
What's Your Reaction?






