श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव:लखनऊ के सरसावां में गोवर्धन पूजा का महत्व समझाया, बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे

लखनऊ के अर्जुनगंज स्थित अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान सरसावां में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। कथा के पांचवें दिन महेश्वरी श्री ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद गोवर्धन पूजा का महत्व समझाया। महेश्वरी श्री ने बताया कि गोवर्धन पर्वत का श्री कृष्ण के जीवन में विशेष स्थान है। जब इंद्रदेव ने गोकुलवासियों को मूसलधार बारिश से प्रताड़ित किया था। तब श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। आरती के बाद बांटा गया प्रसाद कथा के समापन पर आरती हुई और प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम में ऋषिता मैनहटन और ओमैक्स आर-2 के निवासी शामिल हुए। विनोद राय, दिलीप तोलनी, योगेश श्रीवास्तव, अनिल शर्मा, सनातन महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सी.एम पांडे आदि मौजूद रहे।

Apr 6, 2025 - 12:59
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श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव:लखनऊ के सरसावां में गोवर्धन पूजा का महत्व समझाया, बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे
लखनऊ के अर्जुनगंज स्थित अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान सरसावां में सात दिवसीय श्रीमद् भा

श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

लखनऊ के सरसावां में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन, श्रद्धालुओं ने भव्य श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर गोवर्धन पूजा का महत्व भी श्रद्धालुओं को समझाया गया। इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए, जो कि भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए आए थे।

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है। यह पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में की जाती है। इस पर्व पर भक्तगण गोवर्धन की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराते हैं और उसकी आरती करते हैं। इस दिन लोग विशेष भोजन बनाने का भी आयोजन करते हैं, जो कि भगवान को भोग लगाने के लिए तैयार किया जाता है।

लखनऊ के सरसावां में धार्मिक उत्सव

लखनऊ के सरसावां में आयोजित इस भागवत कथा में प्रमुख साधु-संतों का प्रवचन हुआ, जिसमें श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। भक्तों ने श्रद्धा के साथ कथा सुनी और अंत में भजन-कीर्तन में भाग लिया। इस उत्सव के दौरान, श्रद्धालुओं की भीड़ ने स्थान को भक्ति और उत्सव के रंग में रंग दिया।

समापन और उपदेश

कथा के समापन पर अनुयायियों को जीवन में कृष्ण के आदर्शों को अपनाने और उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया गया। इस प्रकार के धार्मिक आयोजन न सिर्फ भक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि एकजुटता और प्रेम का संदेश भी फैलाते हैं।

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