सारंगपुर में बुखार से 5 लोगों की मौत: अब विस्तारित समाचार जानने के लिए इंडियाटुडे।
संभल में बुखार से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। पिछले 36 घंटे में 90 साल के बुजुर्ग व्यक्ति सहित तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि कुल संख्या 5 हो गई है। भाकियू असली के किसानों ने संपूर्ण समाधान दिवस में एसडीएम को ज्ञापन देकर इसके संबंध में अवगत कराया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए कैंप में 358 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 118 मलेरिया और 65 डेंगू संकेत लोगों के सैंपल लिए गए हैं। गांव के लोग दहशत में पूरा मामला संभल के थाना कैलादेवी क्षेत्र के गांव सारंगपुर का है। बता दें कि पूरा गांव बुखार की चपेट में है। बीते शुक्रवार को दिन में बुखार से पीड़ित ओमवती और रात में रामवीर ने दम तोड़ दिया, वहीं सप्ताह भर पहले सुनीता (35) की बुखार से मौत हो गई। उसके बाद 50 वर्षीय रामवती की भी मौत हो गई। बीते शनिवार को शब्बीर (90) ने भी दम तोड़ दिया। गांव का ऐसा कोई घर नहीं है जिसमें बुखार से पीड़ित मरीज न हो, कई बार स्वास्थ्य वाले कैंप लगाए और दवाई दी लेकिन उसका कोई भी असर नहीं दिखा, गांव में लगातार दहशत होने से दहशत का माहौल है। कैंप लगाकर की गई जांच भाकियू असली के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह यादव ने संपूर्ण समाधान दिवस में एसडीम डॉ. वंदना मिश्रा को ज्ञापन देकर गांव सारंगपुर सहित अन्य कई ग्रामीण क्षेत्र की इस समस्या के बारे में बताया। संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न होने के बाद एसडीएम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांव का दौरा किया, जहां नोडल अधिकारी डॉ. मनोज चौधरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सिविक लगाकर गांव के लोगों की जांच की गई। डॉ. मनोज चौधरी ने बताया कि गांव सारंगपुर में स्वास्थ्य सिविल लगाकर मरीजों के नमूने की जांच की गई है। निजी लैब की रिपोर्ट पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता, इसलिए जिला अस्पताल की लैब में भी जांच कराई जाएगी, जिससे सही जानकारी का पता चल सके। 8 दिनों में 6-7 लोगों की मौत ग्रामीण जयचरन ने बताया कि डेंगू बुखार से पिछले 8 दिनों में 6 से 7 मौतें हो चुकी हैं। एक बार स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी, दवाई दे गए थे लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। ग्रामीण तुकाराम ने बताया कि यहां गांव में बीमारी का प्रकोप बहुत चल रहा है, काफी ज्यादा लोग बीमार हैं। स्वास्थ्य विभाग बिलकुल भी जागरूक नहीं है। लगातार मौत हो रही हैं। 700 से 800 लोग बीमार हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई और एक डोलो, एक पैरासिटामोल और एक टैबलेट ओर दी, लेकिन किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ा।
What's Your Reaction?