सीतापुर में पॉलीथिन पहनकर प्रसूता का इलाज,VIDEO:PHC में ग्लव्स न होने का दावा, पीड़ित ने बाहर से दवाइयां और ग्लव्स खरीदे

सीतापुर में एम्बुलेंस न मिलने पर प्रसूता की डिलीवरी कराने बाइक से लेकर आ रहे पति को रास्ते मे ही अपनी प्रसूता पत्नी की डिलीवरी बीच राह रात के अंधेरे में करानी पड़ी। डिलीवरी के बाद राहगीर की मदद से प्रसूता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। जहां सरकारी सुविधाओं के अभाव का रोना रोते हुए स्टाफ नर्स द्वारा इलाज के दौरान ग्लब्स की जगह पॉलिथीन का इस्तेमाल किया गया। साथ ही प्रसूता के साथ आये तीमारदारों ने स्टाफ नर्स पर एक हजार रुपये लेने के भी आरोप लगाए है। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुर्खियां बनी हुई है। मामला सदरपुर इलाके का है। यहां सदरपुर थाना क्षेत्र के सुहैला गांव निवासी महनदेवी (28) पत्नी कौशल किशोर को शनिवार की देर रात प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो कौशल किशोर ने डायल 108 इमरजेंसी सर्विस से एम्बुलेन्स की मदद मांगी,लेकिन पीएचसी खुरवल की एम्बुलेन्स खराब होने का जब हवाला दिया गया तो कौशल किशोर अपनी पत्नी को बाइक पर बिठा कर स्वास्थ्य केंद्र के लिए निकला। बताया जाता है कि बीच रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण महनदेवी को रात के अंधेरे में बीच राह बच्चे को जन्म देना पड़ा। रास्ते से गुजर रहे लखनऊ निवासी दिनेश मिश्र ने प्रसूता और उसके पति को कार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुरवल पहुंचाया। हाथों में पॉलीथिन पहन कर किया इलाज जहां मौजूद स्टाफ नर्स ने मरीज और उसके तीमारदारों से कई सवाल दाग दिए और ग्लब्स लाने के लिए कहा। जब कौशल किशोर ने ग्लब्स लाने से मना कर दिया तो स्टाफ नर्स ने ग्लब्स न होने का रोना रोते हुए हाथों में पॉलीथिन पहन कर प्रसूता का इलाज शुरू किया। 1 हजार रुपये लेने का आरोप वहीं प्रसूता के पति कौशल किशोर से लिखा पढ़ी करने के नाम पर 1 हजार रुपए लिखा पढ़ी के नाम भी ले लिए। इस पूरे प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में हलचल बढ़ गई। हालांकि विभाग के अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए वायरल वीडियो की जांच की बात कह रहे है। सीएमओ हरपाल सिंह का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

Nov 26, 2024 - 10:30
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सीतापुर में पॉलीथिन पहनकर प्रसूता का इलाज,VIDEO:PHC में ग्लव्स न होने का दावा, पीड़ित ने बाहर से दवाइयां और ग्लव्स खरीदे
सीतापुर में एम्बुलेंस न मिलने पर प्रसूता की डिलीवरी कराने बाइक से लेकर आ रहे पति को रास्ते मे ही अपनी प्रसूता पत्नी की डिलीवरी बीच राह रात के अंधेरे में करानी पड़ी। डिलीवरी के बाद राहगीर की मदद से प्रसूता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। जहां सरकारी सुविधाओं के अभाव का रोना रोते हुए स्टाफ नर्स द्वारा इलाज के दौरान ग्लब्स की जगह पॉलिथीन का इस्तेमाल किया गया। साथ ही प्रसूता के साथ आये तीमारदारों ने स्टाफ नर्स पर एक हजार रुपये लेने के भी आरोप लगाए है। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुर्खियां बनी हुई है। मामला सदरपुर इलाके का है। यहां सदरपुर थाना क्षेत्र के सुहैला गांव निवासी महनदेवी (28) पत्नी कौशल किशोर को शनिवार की देर रात प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो कौशल किशोर ने डायल 108 इमरजेंसी सर्विस से एम्बुलेन्स की मदद मांगी,लेकिन पीएचसी खुरवल की एम्बुलेन्स खराब होने का जब हवाला दिया गया तो कौशल किशोर अपनी पत्नी को बाइक पर बिठा कर स्वास्थ्य केंद्र के लिए निकला। बताया जाता है कि बीच रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण महनदेवी को रात के अंधेरे में बीच राह बच्चे को जन्म देना पड़ा। रास्ते से गुजर रहे लखनऊ निवासी दिनेश मिश्र ने प्रसूता और उसके पति को कार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुरवल पहुंचाया। हाथों में पॉलीथिन पहन कर किया इलाज जहां मौजूद स्टाफ नर्स ने मरीज और उसके तीमारदारों से कई सवाल दाग दिए और ग्लब्स लाने के लिए कहा। जब कौशल किशोर ने ग्लब्स लाने से मना कर दिया तो स्टाफ नर्स ने ग्लब्स न होने का रोना रोते हुए हाथों में पॉलीथिन पहन कर प्रसूता का इलाज शुरू किया। 1 हजार रुपये लेने का आरोप वहीं प्रसूता के पति कौशल किशोर से लिखा पढ़ी करने के नाम पर 1 हजार रुपए लिखा पढ़ी के नाम भी ले लिए। इस पूरे प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में हलचल बढ़ गई। हालांकि विभाग के अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए वायरल वीडियो की जांच की बात कह रहे है। सीएमओ हरपाल सिंह का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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