सेंसेक्स 350 अंक गिरकर 73,700 पर कारोबार कर रहा:निफ्टी भी करीब 150 अंक लुढ़का, जापान के बाजार में 3.5% की गिरावट; टैरिफ का असर

शेयर बाजार में आज यानी, बुधवार 9 अप्रैल को गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में 350 अंक की गिरावट है, यह 73,900 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी करीब 150 अंक की गिरावट है, ये 22,400 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयरों में गिरावट है। इंफोसिस, HCL, टेक महिंद्रा, सनफार्मा, टाटा स्टील और TCS में 3% तक की गिरावट है। वहीं, निफ्टी के 50 में 42 शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। NSE के IT, मेटल, फार्मा, रियल्टी और हेल्थकेयर इंडेक्स में 2% की गिरावट है। ऑटो और FMCG में मामूली तेजी है। ग्लोबल मार्केट में गिरावट कल सेंसेक्स 1135 अंक और निफ्टी 374 अंक चढ़ा था 8 अप्रैल को सेंसेक्स 1135 अंक या 1.55% चढ़कर 74,273 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में 374 अंक या 1.69% की तेजी रही, ये 22,535 के स्तर पर बंद हुआ है। कल के कारोबार में मीडिया, रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी दिखी। निफ्टी मीडिया इंडेक्स 4.72% चढ़ा। वहीं निफ्टी पीएसयू बैंक और रियल्टी इंडेक्स करीब 2.50% चढ़े। FMCG, आईटी और ऑटो में करीब 2% की तेजी रही। बाजार में अस्थिरता की वजह 3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा। इस कदम ने टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है। अमेरिका के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। चीन के ऐलान के बाद ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार से 50% एडिशनल टैरिफ लागू होगा। इस ऐलान के बाद व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बताया कि ये टैरिफ लागू हो गया है। टैरिफ वॉर ने इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता को बढ़ा दिया है। टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है। 9 अप्रैल से लागू हुए रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू हो गए हैं। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है। ---------------------------------------------- कारोबार से जुड़ी ये खबर भी पढ़े... अमेरिकी बाजार दिन के ऊपरी स्तर से 5% गिरकर बंद:चार दिन में 11% गिरा डाउ जोंस, चीन पर 104% टैरिफ लागू होने से आई गिरावट चीन पर लगाए गए 104% टैरिफ के बाद मंगलवार 8 अप्रैल को अमेरिकी शेयर बाजार लगातार चौथे कारोबारी दिन गिरावट में बंद हुए। डाउ जोन्स इंडेक्स 320 अंक या 0.84% की गिरावट के साथ 37,645 के स्तर पर आ गया है। शुरुआती कारोबार में इसमें करीब 4% की तेजी थी। वहीं, अमेरिकी बाजार का SP 500 इंडेक्स 79.48 अंक या 1.57% की गिरावट के साथ 4,982 के स्तर पर बंद हुआ। टेक्नोलॉजी शेयरों के इंडेक्स नैस्डेक कंपोजिट में 335 पॉइंट या 2.15% की गिरावट रही। ये 15,268 के स्तर पर बंद हुआ। पूरी खबर पढ़े...

Apr 9, 2025 - 09:59
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सेंसेक्स 350 अंक गिरकर 73,700 पर कारोबार कर रहा:निफ्टी भी करीब 150 अंक लुढ़का, जापान के बाजार में 3.5% की गिरावट; टैरिफ का असर
शेयर बाजार में आज यानी, बुधवार 9 अप्रैल को गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में 350 अंक की गिरावट

सेंसेक्स 350 अंक गिरकर 73,700 पर कारोबार कर रहा: निफ्टी भी करीब 150 अंक लुढ़का, जापान के बाजार में 3.5% की गिरावट; टैरिफ का असर

News by indiatwoday.com

बाजार में गिरावट का विश्लेषण

हाल ही में, भारतीय शेयर बाजार ने भारी गिरावट का सामना किया है। सेंसेक्स, जो कि एक प्रमुख बाजार सूचकांक है, 350 अंक की गिरावट के साथ 73,700 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी लगभग 150 अंक लुढ़का है। यह गिरावट जापान के बाजार में 3.5% की कमी से भी प्रेरित हो सकती है, जिससे वैश्विक व्यापार पर प्रभाव पड़ा है।

टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण

इस गिरावट के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण टैरिफ में वृद्धि हो सकता है। उच्च टैरिफ के नतीजे में, उद्योगों पर दबाव बढ़ गया है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है। खासकर ऐसे समय में, जब अर्थव्यवस्था ठीक से पटरी पर नहीं आ पा रही है, ये बदलाव और भी अधिक श्रमिक हैं।

वैश्विक बाजारों का प्रभाव

जापान के बाजार में 3.5% की गिरावट ने न केवल एशियाई बाजारों को प्रभावित किया है, बल्कि इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा है। अन्य वैश्विक आर्थिक संकेतक भी मंदी का संकेत दे रहे हैं, जिससे निवेशकों में स्थिरता और सुरक्षा की आवश्यकता महसूस हो रही है।

निवेशकों की प्रतिक्रिया

इन गिरावट के बीच, निवेशकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। कई विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस स्तर पर सावधानी और दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनाने में ही समझदारी है। निवेशकों को प्रासंगिक बाजार की स्थितियों का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए।

इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजार वर्तमान में जटिल परिस्थितियों का सामना कर रहा है। आगे आने वाले दिनों में, आर्थिक नीतियों और वैश्विक संकेतकों के परिवर्तन के साथ स्थिति और स्पष्ट हो सकती है।

निष्कर्ष

भारतीय बाजारों की वर्तमान स्थिति ने हाल के आर्थिक परिवर्तनों को दर्शाया है। निवेशक इन परिवर्तनों के प्रति सजग रहें और अपने निवेश के निर्णय सोच-समझकर लें।

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