हाथरस में मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का अवतरण दिवस:गुरुद्वारे में हुआ शब्द कीर्तन, धर्म की रक्षा के लिए गुरुजी ने अपने पूरे परिवार को शहीद करवा दिया

हाथरस में आज गुरु गोविंद सिंह जी का अवतार दिवस मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। मुख्य कार्यक्रम अलीगढ़ रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी में हुआ। वहां पर शबद कीर्तन हुआ और फिर बाद में लंगर भी बरता गया। इस मौके पर लोगों का तांता वहां लगा रहा। कार्यक्रम में गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि आज पूरे संसार में गुरु पर्व मनाया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा के गुरु गोविंद सिंह जी की उम्र जब 9 साल की थी तब हिंदुस्तान में मुगल बहुत अत्याचार कर रहे थे। वक्ताओं ने कहा कि गुरुजी ने बड़े होकर धर्म की रक्षा की खातिर अपना सारा परिवार शहीद करवा दिया। गुरु जी ने हिंदू धर्म की रक्षा की खातिर मुगलों से युद्ध किया और विजय प्राप्त की। इस मौके पर नानक सिंह जी ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। ज्ञानी हरपाल सिंह जी ने अरदास की। इस मौके पर अटूट लंगर भी बरता गया। यह रहे मुख्य रूप से मौजूद कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैलेंद्र सिंह, सतनाम सिंह,तजवंत कालरा, राजेंद्र सिंह, राम बहादुर सिंह, हरबंस सिंह, रविंद्र सिंह, पन्ना सिंह, राजेश सिंह, सुरजीत सिंह, हरबंस अतरेजा, टीकम सिंह, विजय गुलाटी, सचिन ग्रोवर जितेंद्र लूथरा आदि मौजूद थे।

Jan 6, 2025 - 15:15
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हाथरस में मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का अवतरण दिवस:गुरुद्वारे में हुआ शब्द कीर्तन, धर्म की रक्षा के लिए गुरुजी ने अपने पूरे परिवार को शहीद करवा दिया
हाथरस में आज गुरु गोविंद सिंह जी का अवतार दिवस मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए
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समर्पण और श्रद्धा का दिवस

हाथरस में गुरु गोविंद सिंह जी का अवतरण दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्थानीय गुरुद्वारे में विशेष शब्द कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने भाग लेकर गुरुजी की शहादत और उनके योगदान को याद किया। इस कार्यक्रम ने समर्पण, श्रद्धा और धर्म की रक्षा के प्रति भक्ति का प्रदर्शन किया।

गुरु गोविंद सिंह का महत्व

गुरु गोविंद सिंह जी, सिख धर्म के दसवें गुरु, ने अपने समय में धार्मिक अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने और धर्म की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने अपने पूरे परिवार को शहीद होते देखा, लेकिन अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उनका संदेश आज भी लोगों में प्रासंगिक है, जो संघर्ष और बलिदान की भावना को प्रेरित करता है।

शब्द कीर्तन का आयोजन

गुरुद्वारे में आयोजित शब्द कीर्तन में सैंकड़ों भक्त शामिल हुए। कीर्तन में भक्ति गीतों के माध्यम से गुरुजी के जीवन की कहानियाँ साझा की गईं, जिससे सभी शुद्ध भाव से गुरु जी को नमन कर सके। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था, जिसने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया।

धर्म की रक्षा का संदेश

गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की सेवा करने के लिए हमें कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। उनके बलिदान से प्रेरित होकर वर्तमान पीढ़ी को भी अपने धर्म की रक्षा करने की प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर युवाओं ने यह प्रतिज्ञा की कि वे अपने धर्म और संस्कृति के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

निष्कर्ष

यह अवतरण दिवस न केवल गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं को याद करने का अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने धर्म के प्रति कितनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। स्थानीय समुदाय ने इस दिन को मनाने का जो प्रयास किया, वह सराहनीय था। Keywords: गुरु गोविंद सिंह अवतरण दिवस, हाथरस गुरु पर्व, गुरुजी शब्द कीर्तन, सिख धर्म की रक्षा, धर्म और संस्कृति, शहीद परिवार की कहानी, गुरु गोविंद सिंह का योगदान, गुरुद्वारे का कार्यक्रम, धार्मिक त्यौहार भारत में, सिख जत्थे की भूमिका

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