हिमाचल के पूर्व CM का सरकार पर निशाना:बोले- नेशनल हेरॉल्ड को 2.34 करोड़ का विज्ञापन दिया, कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्यायवाची बताया
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने CM सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, जिस नेशनल हेरॉल्ड अखबार की प्रदेश में एक कॉपी भी नहीं आती हैं, उसे कांग्रेस सरकार ने 2.34 लाख रुपए विज्ञापन में दे दिया। जब भी राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने इनके किये घोटालों की परतें खोलना शुरू किया तो कांग्रेस दबाब की राजनीति कर इन एजेंसियों को डराने और धमकाने का प्रयास करती है। मंडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम ने कहा, कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। नेशनल हेराल्ड की शुरुआत 1938 में हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू इसके पहले संपादक थे। एसोसिएट जनरल लिमिटेड के प्रकाशन समूह से नेशनल हेराल्ड के साथ नवजीवन और कौमी आवाज भी प्रकाशित होते थे। जयराम ठाकुर ने बताया कि नेहरू के बाद इंदिरा और फिरोज गांधी ने अखबार की जिम्मेदारी संभाली। फिर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने करीब 2000 करोड़ की संपत्ति हासिल की। इस मामले में 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में केस दर्ज कराया था। 2021 में भी ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया: नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 15 अप्रैल 2021 को ईडी ने मामले की जांच शुरू की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों ने इस मामले पर सवाल उठाए थे। तब भी कांग्रेस ने ईडी दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। यह मामला कितना गंभीर है इसको लेकर सरदार पटेल से लेकर कई स्वतंत्रता सेनानियों ने सवाल उठाए हैं। CM-मंत्री भी धरने में शामिल हो रहे: जयराम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज देश जानना चाहता है कि मामला क्या है? आखिर ईडी के खिलाफ देशभर में कांग्रेस की ओर से धरने क्यों दिए जा रहे हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग जिनमें मंत्री और मुख्यमंत्री आते हैं भी ईडी के खिलाफ धरने प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।

हिमाचल के पूर्व CM का सरकार पर निशाना: नेशनल हेरॉल्ड को 2.34 करोड़ का विज्ञापन दिया
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने हाल ही में सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने नेशनल हेरॉल्ड पत्रिका को 2.34 करोड़ रुपये के विज्ञापन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम न केवल वित्तीय संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि कांग्रेस पार्टी और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। इस तरह के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है और कई लोगों ने इसके पीछे के निहितार्थों पर चर्चा करना शुरू कर दिया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आवाज़
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों को देखते हुए सरकार को और अधिक जवाबदेह बनाना चाहिए। उनका कहना है कि इस तरह के बड़े विज्ञापन देने से केवल कांग्रेस पार्टी का भला होगा, लेकिन आम जनता को इसका कोई फायदा नहीं होगा। इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार में पारदर्शिता की कमी है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक हो सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक पार्टीयों से प्रतिक्रिया भी आई है। कुछ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपों का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने उन्हें राजनीतिक नफरत फैलाने का प्रयास बताया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कई राज्यवासी इस मुद्दे पर अपनी राय साझा कर रहे हैं और यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि सरकार इस पर कैसे प्रतिक्रिया करती है।
नागरिकों की जागरूकता और राजनीतिक पारदर्शिता के महत्व को समझते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री ने सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया है ताकि अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुँचा सकें। यह समय है कि नागरिक जागरूक होकर अपने नेताओं से जवाब मांगें।
सरकार द्वारा विज्ञापनों के साथ राजनीतिक दृष्टिकोण को लेकर संदेह उठते हैं, और इससे जनता के विश्वास में कमी आ सकती है। भ्रष्टाचार और राजनीतिक नैतिकता का यह मुद्दा सड़कों से लेकर संसद तक चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके लिए एक मजबूत और ठोस नेतृत्व की आवश्यकता है, जो जनता की आवाज़ को सुन सके।
इस परिधि के अंदर, नजरें अब विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर भी हैं, जहाँ लोगों को यह तय करना है कि उन्हें कौनसा नेतृत्व चाहिए और क्या वे वास्तव में बदलाव के लिए तैयार हैं।
News by indiatwoday.com
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