हिमाचल विधानसभा बजट सत्र:CM बोले- मेट्रोपोल असुरक्षित घोषित, विधायकों को आवास अलॉट न किए जाए, दो महीने में पूरी तरह खाली कराया जाएगा
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विधायकों का आवासीय परिसर ओल्ड मेट्रोपोल असुरक्षित घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू ने स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया कि विधायकों को मेट्रोपोल में आवास अलॉट न किए जाए। दरअसल, यह प्रश्न बीजेपी विधायक विपन सिंह परमार ने सदन में पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 100 करोड़ रुपए और भी खर्च करने पड़ेंगे तो करेंगे। उन्होंने कहा, मेट्रोपोल में रह रहे कर्मचारियों को अन्य जगह आवास आवंटित किए जाएंगे। उनके लिए आवास किराया 10000 से 15000 रुपए तक प्रदान करने की भी योजना बनाई है। दो माह के भीतर मेट्रोपोल भवन को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा 121 साल पुराना है मेट्रोपोल बता दें कि शिमला के मॉल रोड और सर्कुलर रोड के बीचोबीच 121 साल वर्ष पुराना मेट्रोपोल भवन है। इसमें विधायकों को आवास मुहैया करवा रखे हैं।

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र: CM बोले- मेट्रोपोल असुरक्षित घोषित
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान मेट्रोपोल को असुरक्षित घोषित करने की जानकारी दी। यह घोषणा विधानसभा की सभा में की गई, जिसमें विधायकों को आवास आवंटन न करने का भी निर्णय लिया गया। सरकार ने कहा कि सुरक्षा कारणों से दो महीने के भीतर मेट्रोपोल को पूरी तरह से खाली कराया जाएगा। यह कदम राज्य के निवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मेट्रोपोल की सुरक्षा स्थिति
मेट्रोपोल की सुरक्षा स्थिति को लेकर सीएम ने स्पष्ट कहा कि यह भवन अब और सुरक्षित नहीं रह गया है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपोल में structural deficiencies पाई गई हैं, जो संभावित जोखिमों को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, विधानसभा ने इसे असुरक्षित घोषित करने का निर्णय लिया, ताकि विधायकों और आम जनता को कोई नुकसान न हो।
विधायकों को आवास आवंटन
सीएम ने विधायकों के लिए आवास आवंटन पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पहले लिया गया था कि विधायकों के लिए नए आवास आवंटित नहीं किए जाएंगे, ताकि बजट सत्र की अवधि में किसी भी तरह का फैशन या खर्च न बढ़े। इस निर्णय से सरकार का उद्देश्य वित्तीय अनुशासन को बनाए रखना है।
आगे की प्रक्रिया
सीएम ने कहा कि मेट्रोपोल को दो महीने के भीतर पूरी तरह से खाली करने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। इसके बाद, भवन का निरीक्षण और नवीनीकरण प्रक्रिया की जाएगी। यह राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी सरकारी भवन सुरक्षित और प्रदर्शन योग्य रहें।
इसलिए, निवासियों और विधायकों को सलाह दी गई है कि वे इस परिवर्तन के लिए तैयार रहें और अपनी सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने का प्रयास करें।
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