आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिन की NIA कस्टडी में:एजेंसी ने 20 दिन की रिमांड मांगी थी; कल अमेरिका से भारत लाया गया

2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की NIA की कस्टडी में भेजा है। एजेंसी ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड मांगी थी। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और गुरुवार देर रात 2 बजे फैसला सुनाया। 64 साल के तहव्वुर राणा को कल अमेरिका से भारत लाया गया था। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया था। भारत पहुंचने के बाद राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि राणा को कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका अंतिम फैसला अभी तक सामने नहीं आया है। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। NIA की तरफ से कोर्ट में पेश दलील NIA की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने पक्ष रखा, जबकि राणा की तरफ से वकील पीयूष सचदेवा ने मामले की पैरवी की। राणा को कोर्ट में पेश करने तक की पूरी टाइमलाइन मुंबई हमले में 166 आम लोग और 9 आतंकी मारे गए थे 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ा पाकिस्तान ने गुरुवार को तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं। अमेरिका बोला- पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ'हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया। अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

Apr 11, 2025 - 03:59
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आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिन की NIA कस्टडी में:एजेंसी ने 20 दिन की रिमांड मांगी थी; कल अमेरिका से भारत लाया गया
2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की NIA की कस
आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिन की NIA कस्टडी में: एजेंसी ने 20 दिन की रिमांड मांगी थी; कल अमेरिका से भारत लाया गया News by indiatwoday.com

तहव्वुर राणा का मामला

हाल ही में, आतंकी तहव्वुर राणा को 18 दिन की एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) कस्टडी में रखा गया है। इस मामले ने देश में फिर से सुरक्षा मुद्दों को जगाया है और इसे लेकर कई चर्चाएं सदियों से चली आ रही हैं। राणा को भारतीय सरकार के अनुरोध पर अमेरिका से वापस लाया गया। एनआईए ने उसकी रिमांड के लिए 20 दिन की अवधि मांगी थी, जो कि सुरक्षा कारणों और जांच के महत्व के चलते आवश्यक मानी गई।

रिमांड का महत्व

एनआईए की रिमांड प्रक्रिया में यह स्पष्ट किया गया कि राणा से और अधिक जानकारी निकालने के लिए उनकी हिरासत बढ़ाने की आवश्यकता है। अधिकारियों के अनुसार, उनके पास कई ऐसी सुराग हैं जिनसे देश में आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने में मदद मिल सकती है। राना के बयान का विश्लेषण किया जाएगा ताकि और अधिक नेटवर्कों और साजिशों का पता लगाया जा सके।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव

इस घटनाक्रम का भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिका ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सहायता प्रदान की है, और यह मामला बारीकी से देखने योग्य है। भारत के सुरक्षा बलों की क्षमता और उनकी रणनीति ने इसे एक महत्वपूर्ण वार्ता का विषय बना दिया है।

निष्कर्ष

तहव्वुर राणा की जांच का परिणाम न केवल सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एनआईए का प्रयास इसे खत्म करने के महत्वपूर्ण प्रयासों का द्योतक है। कीवर्ड: तहव्वुर राणा, एनआईए कस्टडी, आतंकी रिमांड, भारत अमेरिका संबंध, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, आतंकवाद, सुरक्षा मुद्दे, जांच प्रक्रिया, कस्टडी में लाना, रिमांड अवधि For more updates, visit indiatwoday.com.

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