इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाटिंग पर उद्यमियों ने उठाया सवाल:मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में जीडीए ने कहा; लेआउट पर लगा दी है रोक
मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में चैंबर आफ इंडस्ट्रीज ने इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक इकाइयों के बीच आवासीय प्लाटिंग का मुद्दा उठाया। उद्यमियों ने कहा कि फर्टिलाइजर जैसे रेड श्रेणी के उद्योग के पास आवासीय प्लाटिंग कैसे हो रही है? क्या फर्टिलाइजर को कहीं शिफ्ट करने की तैयारी है? प्लाटिंग के बारे में पूछे जाने पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित सहायक अभियंता राजबहादुर सिंह ने बताया कि जमीन आवासीय हो चुकी है। लेकिन लेआउट पर रोक लगा दी गई है। उद्यमियों ने विकास नगर बरगदवा बुद्ध आटा मिल एवं पूजा फ्लोर मिल के बीच प्लाटिंग पर सवाल उठाया था। बैठक की अध्यक्षता कर रहे कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बताया कि इस मामले में जीडीए उपाध्यक्ष से बात की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उद्यमियों की समस्याओं को प्राथमिकता पर सुना जाए और समय से उनका निस्तारण किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। चैंबर ने उठाए सवाल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह एवं महासचिव भोला जायसवाल ने बैठक में कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2019 में जीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष अमित बंसल की अध्यक्षता में गठित 7 सदस्यीय समिति ने फर्टिलाइजर को रेड श्रेणी एवं अत्यधिक प्रदूषण वाली सूची में रखा था। इसे औद्योगिक श्रेणी में बनाए रखना उचित होगा। उद्यमियों ने कहा कि रिपोर्ट के विपरीत जाकर भू उपयोग कैसे परिवर्तित कर दिया गया। चैंबर इस मामले में मुख्यमंत्री से भी मिलने की तैयारी कर रहा है। उठाया गया रखरखाव शुल्क बढ़ाने का मामला लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने इस वर्ष फिर रखरखाव शुल्क बढ़ाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले साल 10 प्रतिशत शुल्क बढ़ाया गया था। शुल्क वृद्धि की जानकारी किसी को नहीं दी गई। हर साल वृद्धि करना अनुचित है। गीडा सीईओ अनुज मलिक ने कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई आदेश पारित नहीं है। वह मामले को दिखाएंगी। दीपक कारीवाल ने गीडा बोर्ड के मिनट्स उपलब्ध कराने की अपील की। कमिश्नर ने कहा कि इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। दीपक ने कहा कि गीडा बोर्ड की बैठक में कम से कम 2 उद्यमियों को शामिल किया जाए। भले ही वे विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में हों। कमिश्नर ने गीडा सीईओ को इस मामले में शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। उद्यमियों की समस्याओ का समय से हो निस्तारण कमिश्नर ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं का समय से व गुणवत्तापरक निस्तारण किया जाए। बैठक में कामन एन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का मुद्दा भी उठा। सीईओ की ओर से बताया गया कि इस मामले में दोबारा टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। कमिश्नर ने औद्योगिक आस्थान, औद्योगिक क्षेत्र, लच्छीपुर एवं औद्योगिक क्षेत्र विकास नगर में विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने के संबंध विद्युत विभाग को तत्काल प्रभाव से कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने रोजगारपरक योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कहा कि लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया जाए।

इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाटिंग पर उद्यमियों ने उठाया सवाल
हाल ही में मंडलीय उद्योग बंधु की एक महत्वपूर्ण बैठक में, उद्यमियों ने इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाटिंग के संबंध में गंभीर सवाल उठाए। जीडीए (जीवन विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों ने इस बैठक में जानकारी दी कि हाल ही में लेआउट पर रोक लगा दी गई है, जिससे उद्यमियों में चिंता उत्पन्न हुई है। News by indiatwoday.com
बैठक की मुख्य बातें
बैठक के दौरान, उद्यमियों ने यह पूछा कि लेआउट पर रोक क्यों लगाई गई है और इसका उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। जीडीए के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण लागू किया गया है, जिसके समाधान की प्रक्रिया चल रही है।
उद्यमियों की चिंताएँ
उद्यमियों ने चिंता व्यक्त की कि इस रोक से नए उद्योगों की स्थापना में देरी हो सकती है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि ऐसी स्थितियों में उन्हें पारदर्शिता और नियमित अपडेट की आवश्यकता होती है, ताकि वे अपने व्यवसाय की योजना को ठीक से बना सकें।
समाधान की दिशा में कदम
गोपनीयता और अन्य तकनीकी समस्याओं को समाप्त करने के लिए जीडीए ने स्थानीय उद्योगपतियों से सहयोग की अपील की है। इसके साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही एक सुधारित योजना के साथ सामने आएंगे।
उद्यमियों ने जीडीए के इस कदम की सराहना की है और संभावना जताई है कि इस दिशा में सकारात्मक बदलाव आएंगे। ऐसे उपायों से उद्योग को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
इस बैठक ने उद्योगों की प्रगति में आने वाली बाधाओं को उजागर किया है और इससे ये स्पष्ट हुआ है कि उद्यमियों और प्राधिकरण के बीच संवाद की आवश्यकता है। उद्योगों के विकास के लिए समस्याओं को सुलझाना समय की आवश्यकता बन गया है।
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