ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए चीन से फ्यूल मंगाया:रिपोर्ट- 800 मिसाइलें बन सकती हैं; बीजिंग ने पल्ला झाड़ा, कहा- हमें जानकारी नहीं

ईरान ने चीन से हजारों टन ठोस ईंधन (solid fuel) और रॉकेट ऑक्सिडाइजर अमोनियम परक्लोरेट मंगवाया है। इससे वह 800 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें बना सकता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक यह शिपमेंट आने वाले महीनों में ईरान पहुंचेगा और इसका मकसद है ईरान की कमजोर हो चुकी सैन्य ताकत को दोबारा खड़ा करना। इजराइल के हालिया हमलों के बाद ईरान अपने मिसाइल स्टॉक को फिर से भरने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक यह फ्यूल ईरान की एक कंपनी पिशगामन तेजरत रफी नोविन ने हॉन्गकॉन्ग स्थित से लायन कमोडिटीज होल्डिंग्स लिमिटेड मंगवाया है। चीन ने पल्ला झाड़ा, कहा- हमें जानकारी नहीं इस रिपोर्ट के बाद चीन की सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस डील की कोई जानकारी नहीं है और चीन हमेशा डुअल-यूज (सैन्य और नागरिक दोनों उपयोग) वाली चीजों के निर्यात पर कड़ी नजर रखता है। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने पहले भी कहा है कि ईरान के मिसाइल कार्यक्रम में चीनी कंपनियों और लोगों की भूमिका रही है। अप्रैल में अमेरिका ने चीन, हॉन्गकॉन्ग और ईरान की 12 कंपनियों और व्यक्तियों पर पाबंदी भी लगाई थी। विस्फोट से खुला ईरान और चीन का कनेक्शन फरवरी और मार्च में ईरान के बंदर रजई बंदरगाह पर एक भीषण विस्फोट हुआ था जिसमें एमोनियम परक्लोरेट के फटने की बात सामने आई थी। माना जा रहा है कि यह वही सामग्री थी जो चीन से आई थी। यह 260 शॉर्ट रेंज मिसाइलें बनाने के लिए काफी था। ईरान ने इस विस्फोट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन इससे यह साफ हुआ कि ईरान चुपचाप चीन से मिसाइल ईंधन खरीद रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है कि यह डील ट्रम्प के ईरान को परमाणु वार्ता का प्रस्ताव देने से पहले ही तय हो चुकी थी। ईरान क्यों मंगवा रहा है इतना ईंधन? इजराइल ने अक्टूबर 2024 में ईरान पर हमले किए थे। इन हमलों में ईरान के 12 प्लैनेटरी मिक्सर्स नष्ट हो गए थे। ये मिक्सर्स, मिसाइलों के लिए ईंधन तैयार करने के काम आते हैं। ईरान अब इन संयंत्रों की मरम्मत कर रहा है ताकि बैलिस्टिक मिसाइल प्रोडक्शन फिर से शुरू किया जा सके। दूसरी तरफ अमेरिका और इजराइल, यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को लगातार निशाना बना रहे हैं। इससे ईरान का अहम प्रॉक्सी कमजोर हुआ है। सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता के गिरने से भी ईरान की पकड़ ढीली हुई है। लेबनान के हिजबुल्लाह पर हुए हमलों ने भी ईरान के क्षेत्रीय प्रभाव को झटका दिया है। ईरान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.... ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब:मिलिट्री ग्रेड यूरेनियम का स्टॉक बढ़ाया, UN की निगरानी एजेंसी का दावा ईरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA ने एक गोपनीय रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान ने मिलिट्री ग्रेड यानी 60% तक शुद्ध यूरेनियम का स्टॉक बढ़ा दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jun 6, 2025 - 18:27
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ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए चीन से फ्यूल मंगाया:रिपोर्ट- 800 मिसाइलें बन सकती हैं; बीजिंग ने पल्ला झाड़ा, कहा- हमें जानकारी नहीं
ईरान ने चीन से हजारों टन ठोस ईंधन (solid fuel) और रॉकेट ऑक्सिडाइजर अमोनियम परक्लोरेट मंगवाया है। इससे वह

ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए चीन से फ्यूल मंगाया: रिपोर्ट

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लेखिका: स्नेहा शर्मा, रीना चक्रवर्ती, टीम इंडिया टुडे

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने चीन से हजारों टन ठोस ईंधन और रॉकेट ऑक्सिडाइजर अमोनियम परक्लोरेट मंगवाया है। यह शिपमेंट ईरान को 800 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने में सक्षम बना सकता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह फ्यूल आने वाले महीनों में ईरान पहुंचने की उम्मीद है और इसका मुख्य उद्देश्य ईरान की कमजोर सैन्य ताकत को फिर से मजबूत करना है।

चीन के प्रति ईरान का बढ़ता निर्भरता

वर्तमान में, ईरान अपने मिसाइल स्टॉक को इजराइल के हाल के हमलों के बाद फिर से भरने का प्रयास कर रहा है। यह शिपमेंट ईरान की एक कंपनी पिशगामन तेजरत रफी नोविन के माध्यम से हॉन्गकॉन्ग स्थित से लायन कमोडिटीज होल्डिंग्स लिमिटेड से मंगवाया गया है। हालांकि, चीन ने इस पूरी डील से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।

अमेरिका की चेतावनी और चीन का स्थिति

हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान के मिसाइल विकास कार्यक्रम में चीनी कंपनियों और व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी के मद्देनजर, अप्रैल में अमेरिका ने चीन, हॉन्गकॉन्ग और ईरान की 12 कंपनियों और व्यक्तियों पर पाबंदियां भी लगाई थीं। ऐसा माना जाता है कि इन पाबंदियों के पीछे ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने की कोशिश है।

विशाल विस्फोट से खुला चीन-ईरान कनेक्शन

फरवरी और मार्च में ईरान के बंदर रजई बंदरगाह पर होने वाले विस्फोटों ने मामले को और गंभीर बना दिया है। इसमें अमोनियम परक्लोरेट के फटने के संकेत मिले थे, जो कि पूर्व में चीन द्वारा ईरान को भेजा गया सामान माना जा रहा था। इससे स्पष्ट होता है कि ईरान चीन से चुपचाप मिसाइल ईंधन खरीद रहा है।

ईरान की रक्षा क्षमताओं का भविष्य

हालांकि ईरान ने इन विस्फोटों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन यह स्थिति ईरान की सैन्य ताकत को बढ़ाने की आवश्यकता बताती है। पिछले अक्टूबर में इजराइल द्वारा किए गए हमलों में ईरान के 12 प्लैनेटरी मिक्सर्स को नष्ट कर दिया गया था। अब ईरान इन संयंत्रों की मरम्मत कर रहा है ताकि बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन फिर से शुरू किया जा सके।

इसी बीच, अमेरिका और इजराइल यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर लगातार हमले कर रहे हैं, जिससे ईरान का प्रॉक्सी कमजोर हो रहा है। इसके अलावा, सीरिया में बशर अल-असद की पोजीशन कमजोर होने से भी ईरान की ताकत पर असर पड़ा है।

निष्कर्ष

ईरान और चीन के बीच चल रही इस डील के परिणाम आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। ईरान की बढ़ती सैन्य क्षमताएं वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकती हैं। आगे बढ़कर यह देखना होगा कि अमेरिका और अन्य देश इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

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