कल्कि विष्णु मंदिर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव:संभल में 551 दीपों से रौशन हुआ परिसर, DM ने भी जलाई आस्था की लौ
संभल के प्रसिद्ध श्रीकल्कि विष्णु मंदिर में रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर कल्कि भक्तों ने 551 दीप प्रज्वलित किए। डीएम ने कल्कि मंदिर पहुंचकर दीप प्रज्वलित किया और भगवान श्रीकल्कि के दर्शन किए, बच्चों के द्वारा बनाई गई रंगोली को भी देखा, मंदिर महंत से बातचीत कर भगवान श्रीकल्कि और मंदिर के महत्व को समझा। शनिवार को संभल की सदर कोतवाली संभल क्षेत्र के मौहल्ला कोट पूर्वी स्थित प्राचीन श्रीकल्कि विष्णु मंदिर में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 1 वर्ष होने पर दीप प्रज्वलित किए गए, वहीं भजन कीर्तन करने के बाद प्रसाद का वितरण हुआ। देखें 4 तस्वीरें... कल्कि मंदिर में दर्शन करने के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, एसडीएम वंदना मिश्रा, पालिका ईओ डॉ. मणिभूषण तिवारी, पतंजलि रिसर्च सेंटर की एचओडी डॉ. रश्मि, डॉ. धर्मवीर शर्मा ने दर्शन किए। रामलला की प्रार्थना प्रतिष्ठा पर बच्चों के द्वारा बनाई गई रंगोली को देखा और डीएम सहित सभी अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित किए गए, वहीं उनके बाद कल की भक्तों ने भी दीप प्रज्वलित किए। आचार्य पं. शोभित शास्त्री ने बताया कि प्राचीन कल्कि विष्णु पर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक वर्ष पूर्ण होने पर दीपोत्सव के अवसर पर सैंकड़ो दीप प्रज्वलित किए गए, इस अवसर पर जिलाधिकारी भी मौजूद रहे। श्रद्धालु दीपा वार्ष्णेय ने बताया कि आज भगवान राम का जन्मोत्सव आज के दिन अयोध्या में श्रीराम पधारे थे, तो उसके अवसर पर दीप प्रज्वलित करके दीपावली मनाई है।

कल्कि विष्णु मंदिर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव
कल्कि विष्णु मंदिर, सम्भल में इस साल रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस खास अवसर पर मंदिर परिसर को 551 दीपों से सजाया गया, जिसने एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। दीपों की रोशनी में आलौकिक वातावरण बना, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन आनंदित हो गया।
DM ने आस्था की लौ को जगाया
सम्भल के जिलाधीश ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी उपस्थिति से आस्था की लौ को प्रज्वलित किया। उन्होंने समारोह के महत्व को साझा करते हुए कहा कि आस्था और संस्कार हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका उद्देश्य इस धार्मिक उत्सव के माध्यम से सामुदायिक एकता को बढ़ावा देना है।
उत्सव की विशेषताएँ
इस वार्षिकोत्सव में न केवल पूजा-अर्चना की गई, बल्कि भव्य आरती और भक्ति गीतों का भी आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने सपरिवार इस उत्सव में भाग लिया और भगवान रामलला के प्रति अपनी आस्था को प्रकट किया। आयोजकों ने इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और उनके लिए विशेष प्रशाद का भी प्रबंध किया गया।
समुदाय की भागीदारी
इस प्रकार के धार्मिक समारोहों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। बहुत से लोगों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के तहत कार्यक्रम की व्यवस्था में सहयोग दिया। इस उत्सव ने संपूर्ण सामान्य जन समाज के बीच एकता और भाईचारा बढ़ाने का काम किया।
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